Tuesday 10 December 2019

मुझे बचा लो, मैं मरना नहीं चाहती, कोई आरोपी बचे न

लाल आंखें...आंसू भरे हुए। सफदरजंग में बर्न डिपार्टमेंट के आईसीयू के बाहर मां जब बेटी को देखकर आई तो वह अपने आंसू नहीं रोक पाई। बेटे को कहती है वह ठीक नहीं है। बोल भी नहीं पा रही है। मेरी बेटी को क्या हो गया? भाई ने मां को दिलासा देते हुए कहा कि मेरी बहन बहुत हिम्मत वाली है। इस हालत में भी वह हमसे यही कह रही थी कि कोई बचना नहीं चाहिए। दुष्कर्म का केस वापस लेने से इंकार पर कैरोसिन डालकर जलाई गई बिटिया की शुक्रवार रात 1140 बजे मौत हो गई। 43 घंटे तक उसने जिन्दगी के लिए संघर्ष किया, मगर हार गई। 95 प्रतिशत तक जल चुकी पीड़िता गुरुवार तड़के करीब 430 बजे 25 वर्षीय युवती दुष्कर्म के मामले में पैरोकारी के लिए बरेली जा रही थी। रास्ते में छह दिन पहले ही जमानत पर छूटा दुष्कर्म का मुख्य आरोपी शिवम त्रिवेदी मिला। इसी ने युवती को शादी का झांसा देकर लालगंज में रखा था। आरोप है कि उसने दोस्त शुभम के साथ दुष्कर्म किया और इसका वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करते रहे। शादी का इकरारनामा भी किया, पर शादी नहीं की। शिवम व शुभम इसी केस में नौ महीने रायबरेली की जेल में रहकर 30 नवम्बर को ही छूटे थे। बाहर आते ही उसने केस वापस लेने का पीड़िता पर दबाव बनाया। इंकार करने पर उसने व उसके चार साथियों ने कैरोसिन डालकर जला डाला। आग की लपटों में घिरी युवती आधा किलोमीटर तक जान बचाने के लिए दौड़ी थी। उसे 95 प्रतिशत जलने के कारण दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में एयरलिफ्ट किया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया। उन्नाव गैंगरेप पीड़िता की शुक्रवार देर रात सफदरजंग अस्पताल में मौत के बाद शनिवार को देशभर में आक्रोश फैल गया और उसे इंसाफ दिलाने के लिए लोग सड़कों पर उतर आए। इंसाफ की मांग करने वालों में क्या बच्चे, क्या बूढ़े और क्या जवान हर उम्र के लोग शामिल रहे। कोई जलती मोमबत्ती और हाथ में बेटी बचाओ और दोषियों को फांसी दो, लिखी तख्ती लिए थे तो कोई आंखों पर काली पट्टी बांधकर अपनी भावनाओं का इजहार कर रहा था। लखनऊ हो या दिल्ली, कानपुर हो या उन्नाव या फिर देश के दूसरे हिस्से में सब जगह से एक ही आवाज थी कि उन्नाव की बेटी को इंसाफ दो, पीड़िता के परिजनों ने जहां हैदराबाद की डाक्टर के दोषियों की तर्ज पर अपनी बेटी के दोषियों को सजा देने की मांग की, तो कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पीड़िता के घर जाकर परिजनों के दुख में शामिल हुईं और उन्हें न्याय दिलाने का वादा कर योगी सरकार को घटना के लिए जिम्मेदार करार दिया। योगी सरकार के मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य और क्षेत्रीय सांसद साक्षी महाराज भी पीड़िता के घर पहुंचे लेकिन वहां उन्हें भारी विरोध का सामना करना पड़ा। वहीं अखिलेश यादव लखनऊ में इंसाफ मांगते हुए विधान भवन के गेट पर धरने पर बैठे। क्या पीड़िता को जल्द न्याय मिलेगा?

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