मौका था शनिवार को मुंबई
में इकोनॉमिक टाइम्स अवॉर्ड्स फॉर कारपोरेट एक्सिलेंस कार्यक्रम का। इस कार्यक्रम में
उद्योगपति राहुल बजाज ने मोदी सरकार को भरी महफिल में आइना दिखा दिया। पूर्व प्रधानमंत्री
डॉ. मनमोहन सिंह ने देश की आर्थिक स्थिति बदहाल होने और मंदी के जो कारण गिनाए
थे, उसमें सबसे बड़ा कारण लोगों में व्याप्त भय और भरोसे की कमी
बताया था। अगले ही दिन शनिवार को मशहूर उद्योगपति राहुल बजाज ने भरी महफिल में लाइव
टेलीविजन के सामने मोदी सरकार को खरी-खरी सुनाई और तीखे सवाल
पूछे। इकोनॉमिक टाइम्स अवॉर्ड्स कार्यक्रम में जिस मंच पर गृहमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय
अध्यक्ष अमित शाह, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण और रेलमंत्री
पीयूष गोयल बैठे थे राहुल बजाज ने वहां खुलकर कहा कि आपसे डर लगता है। उन्होंने अपने
छोटे भाषण में लड़खड़ाती आवाज में कहा कि भले ही कोई न बोले, लेकिन मैं कह सकता हूं कि आपकी आलोचना करने में हमें डर लगता है कि पता नहीं
आप इसे कैसे समझेंगे। राहुल बजाज ने कहा कि हम यूपीए-2 सरकार
को गाली दे सकते थे, लेकिन डरते नहीं थे, तब हमें आजादी थी। लेकिन आज सभी उद्योगपति डरते हैं कि कहीं मोदी सरकार की
आलोचना महंगी न पड़ जाए। उन्होंने कहा कि हमारे उद्योगपति दोस्तों में से कोई नहीं
बोलेगा, मैं खुलेतौर पर इस बात को कहता हूं कि एक माहौल तैयार
करना होगा... जब यूपीए-2 सरकार सत्ता में
थी, तो हम किसी की भी आलोचना कर सकते थे। आप अच्छे काम कर रहे
हैं, उसके बाद भी हम आपकी खुलेतौर पर आलोचना करें इतना विश्वास
नहीं है कि आप इसे पसंद करेंगे। इसके साथ ही बजाज ने आर्थिक स्थिति को लेकर भी अपनी
ओर से और अपने साथी उद्योगपतियों की चिन्ता का जिक्र किया। हमें एक बेहतर सरकार चाहिए,
सिर्प इंकार नहीं चाहिए, मैं सिर्प बोलने के लिए
नहीं बोल रहा हूं, एक माहौल बनाना पड़ेगा, मैं पर्यावरण और प्रदूषण की बात ही कर रहा हूं। मैं गलत हो सकता हूं,
लेकिन वह सबको लगता है कि ऐसा है, मैं सबकी तरफ
से नहीं बोल रहा हूं, मुझे यह सब बोलना भी नहीं चाहिए,
क्योंकि लोग हंस रहे हैं कि चढ़ बेटा सूली पर। राहुल बजाज ने भाजपा सांसद
प्रज्ञा ठाकुर के गोडसे वाले बयान का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि सब जानते हैं
कि जिसने गांधी जी की हत्या की, इसमें किसी को शक है क्या किसी
को, पहले भी बोली थीं, सिर्प सफाई दी,
आपने उसे टिकट दिया, जीत गई और आपकी सपोर्ट से
ही जीती हैं, उन्हें कोई जानता नहीं था, फिर आपने उन्हें समिति में शामिल कर दिया, प्रधानमंत्री
ने कहा था कि मैं उन्हें दिल से माफ नहीं कर सकता, फिर भी सलाहकार
समिति में ले आए। इस मौके पर वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण और वाणिज्य मंत्री पीयूष
गोयल भी मंच पर मौजूद थे जब राहुल बजाज ने यह बातें कहीं। साथ ही मुकेश अंबानी,
कुमार मंगलम बिरला, सुनील भारती मित्तल जैसे बड़े
उद्योगपति भी कार्यक्रम में शामिल थे। राहुल बजाज की टिप्पणी का उत्तर देते हुए अमित
शाह ने कहा कि किसी को भी किसी से डरने की आवश्यकता नहीं है और जैसा कि आप कह रहे हैं
कि डर का एक ऐसा माहौल बना है तो हमें इस माहौल को बेहतर करने का प्रयास करना चाहिए।
मैं इतना स्पष्ट तौर पर कहना चाहूंगा कि किसी को डरने की जरूरत नहीं है और न ही कोई
डराना चाहता है। राहुल बजाज के बयान के बाद कांग्रेस-भाजपा के
बीच बयानबाजी भी शुरू हो गई। कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने ट्विटर पर लिखाöराहुल बजाज ने ईटी अवॉर्ड्स में कहाöआप एक अनिश्चितता
का माहौल बना रहे हैं... जो डर गया वो मर गया। कई सालों के बाद
कारपोरेट दुनिया से किसी ने, जो विपक्ष को सलाह देते हैं,
सत्ता से कुछ सच बोलने की हिम्मत दिखाई। बजाज के बयान के बारे में पूछे
जाने पर कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहाöराहुल बजाज ने जो
कहा, वह देशभर में हर क्षेत्र की साझी भावना है। हमारा बजाज ने
बैंड बजा दिया। वहीं भाजपा आईटी सेल के प्रभारी अमित मालवीय ने राहुल बजाज का एक वीडियो
ट्वीट करते हुए कहा है... अगर किसी के राहुल गांधी के लिए इतने
चापलूसी भरे विचार हैं तो यह स्वाभाविक है कि वो मौजूदा शासन के लिए बुरी ही कल्पना
करेगा। सच कहा जाएöलाइसेंस राज में फलने-फूलने वाले उद्योगपति हमेशा कांग्रेस के आभारी रहेंगे।
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