प्रधानमंत्री ने रामलीला
मैदान में रविवार को एक बड़ी रैली को सम्बोधित करते हुए एक साथ साधे कई निशाने। विरोधियों
पर लोगों में डर फैलाने और नागरिकता संशोधन कानून पर मुस्लिमों को गुमराह करने का आरोप
लगाते हुए मोदी ने कहा कि उनकी सरकार की योजनाओं में कभी भी धर्म के आधार पर भेदभाव
नहीं किया गया। नागरिकता कानून और एनआरसी का भारतीय मुस्लिमों से कुछ लेना-देना नहीं है। प्रधानमंत्री अपने संबोधन में एक ऐसी बात कह
गए जिससे विवाद पैदा हो गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली की इस विशाल जनसभा को
सम्बोधित करते हुए कहा कि उनकी सरकार में एनआरसी को लेकर अभी कोई बात नहीं हुई है और
एनआरसी का न तो कैबिनेट में जिक्र आया है और न ही उसकी रूपरेखा तैयार हुई है इसलिए
भारत के मुसलमानों को इससे डरने की जरूरत नहीं है। प्रधानमंत्री का यह बयान गृहमंत्री
अमित शाह के बयानों से बिल्कुल उल्टा है, उनका यह बयान इसलिए
अहम है क्योंकि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और कुछ अन्य वरिष्ठ मंत्री कई मौकों पर पूरे देश में
एनआरसी लागू किए जाने की बात कह चुके हैं। यहां तक की राष्ट्रपति के अभिभाषण में भी
इसका जिक्र हो चुका है। यानि भारत की संसद में भी यह मुद्दा आ चुका है। सवाल यह है
कि किसकी बात मानी जाए प्रधानमंत्री की वह भी एक चुनावी रैली में या फिर गृहमंत्री की ससंद में दिए बयान को?
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया है कि रविवार
को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एनआरसी के प्रस्तावित राष्ट्रव्यापी क्रियान्वयन
पर सार्वजनिक रूप से गृहमंत्री के रुख के विपरीत बयान दिया है। बनर्जी ने कहा कि नागरिकता
संशोधन अधिनियम और एनआरसी पर अमित शाह की और मोदी की टिप्पणियां सबके सामने हैं और
भारत की जनता तय करे कि कौन सही है और कौन गलत? नागरिकता संशोधन
कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता पंजी.
(एनआरसी) के खिलाफ रविवार को दिए मोदी के बयान
पर सीताराम येचुरी (मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी) नेता ने एनआरसी से जुड़े प्रधानमंत्री के बयान पर सवाल किया कि जब एनआरसी पर
कैबिनेट में कोई चर्चा नहीं हुई तो फिर गृहमंत्री अमित शाह इसे लागू करने का बयान क्यों
दे रहे हैं? कांग्रेस ने भी पीएम पर सीधा हमला बोलते हुए कहा
कि संसद में गृहमंत्री अमित शाह का बयान भय और अनिश्चितता का माहौल बना रहा है। पार्टी
प्रवक्ता आनन्द शर्मा ने कहा कि गृहमंत्री अमित शाह ने खुद संसद के दोनों सदनों में
सीएए के बाद पूरे देश में एनआरसी लागू करने का बयान दिया था। इसी तरह भाजपा के कई मुख्यमंत्रियों
व केन्द्राrय मंत्रियों ने भी एनआरसी को पूरे देश में लागू करने
की बात कही है। शर्मा ने भाजपा को घेरते हुए यह भी कहा कि पीएम कांग्रेस पर आरोप लगा रहे हैं
तो फिर सरकार इसका जवाब क्यों नहीं दे रही है कि असम समेत पूर्वोत्तर के राज्यों में
विरोध तीव्र क्यों है वहां तो भाजपा की सरकारें हैं?
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