गरीब, मजदूर वर्ग के प्याज की बढ़ती कीमतों
ने इनकी गृहणियों के आंसू निकाल दिए हैं। पिछले कुछ दिनों में प्याज के खुदरा दाम
100-120 रुपए किलो रहा है। वहीं थोक बाजार में भी प्याज के दाम
70 के पार हैं। सोमवार को आजादपुर मंडी में प्याज का थोक भाव
70 रुपए प्रति किलो तक रहा। वहीं मंडी के आसपास खुदरा बाजार में प्याज
के भाव 100 रुपए प्रति किलो को पार कर गया। आजादपुर मंडी के एक
व्यापारी ने बताया कि प्याज की आवक कम होने के कारण भाव में तेजी का रुख है। खुदरा
व्यापारियों ने बताया कि प्याज के भाव बढ़ने के बाद से बिक्री में गिरावट आई है। आजादपुर
मंडी के व्यापारी ने बताया कि पहले दिन 500 से 1000 किलो तक प्रति दिन प्याज की बिक्री हो जाती थी लेकिन अब भाव बढ़ने के बाद बिक्री
एक-चौथाई भी नहीं हो पा रही है। उन्होंने बताया कि भाव बढ़ने
के बाद दिन में 100 किलो तक भी प्याज की बिक्री नहीं हो पा रही
है। आरकेपुरम में रहने वाली एक गृहणी का कहना है कि अब प्याज के भाव बढ़ने के बाद से
प्याज थाली से बाहर हो गया है। खाना बनाने के दौरान अब प्याज का इस्तेमाल नहीं किया
जा रहा है। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस का आरोप है कि केद्र की मोदी सरकार व दिल्ली की
आम आदमी पार्टी सरकार की नूराकुश्ती के कारण प्याज की कीमतें आसमान छू रही हैं। प्याज
के दाम दिल्ली-एनआरसी में 100 रुपए किलो
तक पहुंच चुकी है। प्याज की आसमान छूती कीमतों के खिलाफ कांग्रेसियों ने प्याज की मालाएं
पहनकर मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के निवास पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन की अगुवाई
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने की। प्रदर्शनकारियों ने सड़क के
बीच बैठकर चक्का जाम भी किया। जिन्हें बाद में पुलिस ने गिरफ्तार भी किया। महिला कांग्रेस
द्वारा आयोजित एक प्रदर्शन में शामिल महिलाएं नारे लगा थींöजमाखोरों
पर कसो लगाम, सस्ते करो प्याज के दाम। 100 रुपए किलो प्याज, मोदी-केजरीवाल
का अंधा राज के नारे
भी लगे। इस मौके पर सुभाष चोपड़ा ने आरोप लगाया कि सरकारी गोदामों में 32 हजार टन प्याज सड़ रहा है और जनता प्याज के लिए तरस रही है। उन्होंने केंद्रीय
मंत्री रामविलास पासवान को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि उनकी भी मिलीभगत जमाखोरों के
साथ है। दूसरी ओर मंडी कारोबारियों का मानना है कि प्याज के दाम जितने बढ़ चुके हैं,
बढ़ गए अब गिरना शुरू हो जाएंगे। मंडियों में सिर्प राजस्थान से प्याज
आ रहा था और सप्लाई दिल्ली, बिहार, बंगाल तक हो रही थी। महाराष्ट्र में प्याज नहीं
था। अब गुजरात की प्याज आनी शुरू हुई है। उम्मीद है कि दाम घटेंगे। इस महीने के अंत
तक महाराष्ट्र से भी सप्लाई आने लगेगी। तब दाम नॉर्मल हो जाएंगे। कारोबारियों का यह
भी कहना है कि इस बार देश में ढाई महीने अधिक बारिश हुई। इससे महाराष्ट्र और कर्नाटक
की प्याज काफी हद तक तबाह हो गई। यह अच्छा हुआ कि राजस्थान की प्याज बच गई नहीं तो
बुरा हाल हो जाता।
-अनिल नरेन्द्र
No comments:
Post a Comment