Tuesday 1 October 2013

मोदी ने पहले शो में तय की 2014 चुनाव की रणनीति

रविवार को रोहिणी के जापानी पार्प में भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी की रैली का सारे देश को इंतजार था। जनता और खासकर युवाओं में इतना उत्साह था कि सुबह 9 बजे से ही जापानी पार्प में जनसैलाब उमड़ने लगा। साढ़े 10 बजे तक पार्प खचाखच भर गया था। ठीक 12 बजकर 3 मिनट पर मोदी मंच पर आए और लाखों की संख्या में एकत्र लोगों को निराशा नहीं हुई। मोदी पूरी तरह से छा गए। तालियों की गड़गड़ाहट और नारेबाजी के साथ युवाओं ने गर्मजोशी से मोदी का स्वागत किया। पार्प के बाहर हाथी-घोड़ा, पालकी, `जय मोदी लाल की' नारे के साथ महावत और घुड़ सवार भी मोदी का राजशाही स्वागत कर रहे थे। मोदी जिस वक्त मंच पर पहुंचे उस समय विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रो. विजय कुमार मल्होत्रा बोल रहे थे, लेकिन जनता विजय कुमार मल्होत्रा का भाषण सुनना नहीं चाह रही थी। जल्दबाजी में मल्होत्रा को भाषण खत्म करना पड़ा। इसके बाद मशहूर क्रिकेटर और सांसद नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने स्टाइल में चुटकी लेते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा और मोदी के गुणगान गाए। इसके बाद भाजपा प्रदेशाध्यक्ष विजय गोयल ने अपनी बात रखी। मोदी के भाषण देने के लिए आते ही करीब एक मिनट तक तालियां बजाकर युवाओं ने उनका स्वागत किया। श्री नरेन्द्र मोदी ने एक संतुलित, प्रभावशाली भाषण दिया। मैंने वर्षों बाद किसी भी नेता का इतना अच्छा भाषण सुना है। हर महत्वपूर्ण मुद्दे को उन्होंने तय किया और 2014 के लोकसभा चुनाव का नमो मंत्र भी देश को दे दिया। नरेन्द्र मोदी ने जनता के सामने `सेवक' और `शहजादे' के बीच चुनाव का विकल्प देकर मिशन 2014 का आगाज कर दिया। नेतृत्व, क्षमता, मंशा, इरादे व देश की इज्जत जैसे भावनात्मक बिन्दुओं को छूते हुए उन्होंने एक साथ सरकार और कांग्रेस को घेरा। साथ ही अपने जीवन के उतार-चढ़ाव का इजहार करते हुए एक भावनात्मक तथ्य जनता के साथ शेयर किया। उन्होंने भारत की महानता को दर्शाते हुए बताया कि रेल के डिब्बे में चाय बेचने वाला युवक आज आपके सामने यहां तक पहुंच सकता है तो आप भी पहुंच सकते हैं। यह मेरे भारत की महानता है। भाजपा की ड्रीम टीम ही भारत को बुलंदियों तक पहुंचा सकती है। दिल्ली से चुनावी शंखनाद करते हुए मोदी के तरकश में सभी तीर मौजूद थे और लक्ष्य आसान। प्रकृति भी उन पर मेहरबान थी। राजधानी के कई इलाकों में जिस वक्त जमकर बारिश हो रही थी तब सभास्थल पर हल्की बूंदाबांदी और ठंडी हवा थी। भाषण शुरू करते ही युवाओं के दिल पर छा गए। बमुश्किल पांच मिनट ही मोदी बोले होंगे कि मंच के सामने खड़े युवाओं की भीड़ `देश का प्रधानमंत्री कैसा हो, नरेन्द्र मोदी जैसा हो' के नारे लगाने लगी। जबरदस्त नारेबाजी के बीच मोदी कुछ देर के लिए विचलित हुए और उन्होंने कुछ देर के लिए नारेबाजी करने का समय दे दिया। फिर बोलने की इजाजत लेकर भाषण शुरू करते हुए मोदी ने कई बार युवाओं को उनकी ताकत का एहसास कराया। मोदी ने सभा को याद दिलाया कि भारत सवा सौ करोड़ वाला युवा देश है, जहां 35 साल से कम उम्र के 65 फीसदी नौजवान हैं। राजनीति में जगह बनाने वाले युवाओं को मोदी ने ड्रीम टीम का सपना दिखाया। रैली में मौजूद एक युवक ने कहा कि मोदी के भविष्य के साथ देश के युवाओं ने अपना भविष्य जोड़ लिया है। सबसे महत्वपूर्ण बात मुझे जो देखने को मिली और जिसे मैं कई दिनों से महसूस कर रहा था वह यह है कि देश का युवा वर्ग आज मोदी के साथ जुड़ गया है। उसे मोदी में ही अपना भविष्य नजर आ रहा है। यह जरूरी नहीं कि वह बीजेपी से जुड़ा हो पर मोदी से जुड़ गया है। खास बात इस रैली की यह भी रही कि नरेन्द्र मोदी ने मुसलमानों का जिक्र तक नहीं किया। अब तक बीजेपी पर आरोप लगता था कि वह केवल मुसलमानों को बुरा-भला कहकर हिन्दू कार्ड खेलती है पर जापानी पार्प में मोदी ने नीतियों पर बात की। देश के स्वाभिमान की बात करते हुए मोदी ने दावा किया कि नवाज शरीफ ने मनमोहन सिंह पर `देहाती औरत' जैसी बेहूदा टिप्पणी की। मोदी ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि हमारे प्रधानमंत्री के बारे में ऐसी भद्दी टिप्पणी करने वाले नवाज शरीफ की क्या औकात है कि वह ऐसे बोल सकें। मोदी ने उन भारतीय पत्रकारों को भी खरी-खोटी सुनाई जो उस समय नवाज शरीफ की मिठाई खा रहे थे। मोदी ने कहा कि वे कैसे पत्रकार थे जो ऐसे में मिठाई को ठोकर मारकर नहीं चले आए। प्रधानमंत्री देश का स्वाभिमान हैं। हम वैचारिक विरोध रखते हैं लेकिन किसी तीसरे को हमारे पीएम पर अंगुली उठाने का अधिकार नहीं। आगे कहा कि नवाज शरीफ को ऐसा कहने की हिम्मत इसलिए आई क्योंकि भारतीय पीएम का घर में ही अपमान किया गया। उनकी सरकार को उन्हीं की पार्टी के नेता ने बकवास कहा। राहुल ने उनकी पगड़ी उछाली है। देश में ही अपमान करेंगे तो बाहर वाले क्यों इज्जत करेंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के सामने जताई गई लाचारी को भी देश के लिए शर्मनाक बताया। मोदी ने परिवारवाद पर चुटकियां लेते हुए कहा कि दिल्ली सरकारों के बोझ से दब गई है। दिल्ली राज्य में एक सरकार मां की है तो दूसरी बेटे की। केंद्र में सरदार की सरकार बेअसर है। वहीं मां-बेटे के साथ दामाद भी सरकार क्यों चला रहे हैं। दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को निशाने पर लेते हुए मोदी ने दिल्ली के एक-एक मामले को उठाकर न केवल मुख्यमंत्री को असफल करार दिया बल्कि तर्कों के साथ यह भी साबित करने की कोशिश की कि जिम्मेदारियों से बचने की उनकी पुरानी आदत है। उन्होंने कहा कि चाहे कॉमनवेल्थ गेम्स घोटाला रहा हो या फिर निर्भया गैंगरेप मामला, मुख्यमंत्री ने बड़ी चतुराई से आरोपों का ठीकरा दूसरों पर फोड़ा है। भाषण में मोदी ने इतने मुद्दे उठाए कि सब पर टिप्पणी करना मुश्किल है पर और जो महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए वह कुछ ऐसे थे ः सबसे सुखी सीएम दिल्ली की रिबन काटने के सिवाय कोई काम नहीं। शहीदों की माताएं प्रधानमंत्री से पूछ रही हैं कि पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा हमारे बेटों के सिर काटे गए कब वापस लाओगे। मेरे लिए मेरा धर्म `नेशन फर्स्ट-इंडिया फर्स्ट' है और संविधान है धार्मिक ग्रंथ। पहले भी सेवक था आज भी सेवक हूं और सेवक रहूंगा। मैं नाथ नहीं दास हूं। पीएम गरीबी की मार्केटिंग करने अमेरिका गए हैं। डॉ. सिंह ने ओबामा के सामने गिड़गिड़ाते हुए कहा कि मैं गरीब देश का प्रधानमंत्री हूं, मेरा देश गरीब है। एक पखवाड़े पहले हुई घोषणा के बाद रविवार को पहली बार नरेन्द्र मोदी बतौर पीएम पद के उम्मीदवार के रूप में खुलकर बोलते दिखे। दिल्ली की सत्ता के लिए दिल्ली से शंखनाद हुआ तो उन्होंने मैं और मेरा शब्द का उपयोग करने में कोई कोताही नहीं की। जनता से सीधे कहा कि मेरे काम पर भरोसा करें मैं विश्वास दिलाता हूं कि भाजपा कभी आपका विश्वास नहीं तोड़ेगी। भाजपा के पितृपुरुष अटल-आडवाणी का हवाला देते हुए कहा कि लालन-पालन और राजनीतिक संस्कार उन्हीं ने दिए हैं।

-अनिल नरेन्द्र

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