Thursday 24 October 2013

सोनिया बीमार, राहुल पर भार, प्रियंका को बनाओ उम्मीदवार

सोनिया बीमार, राहुल पर भार, प्रियंका को बनाओ उम्मीदवार का नारा देने वाले यूपी के दो कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को यह नारा बहुत भारी पड़ा। प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने दोनों  पदाधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है। आरोप है कि दोनों पदाधिकारियों ने इलाहाबाद में सोनिया को बीमार बताने वाले और फूलपुर से प्रियंका गांधी वाड्रा को उम्मीदवार बनाने की मांग करने वाली होर्डिंग्स लगी थी। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष निर्मल खत्री ने पार्टी की इलाहाबाद यूनिट को निर्देश दिया कि सचिव हसीब अहमद और श्रीश चन्द दूबे को फौरन सस्पेंड करें। इन दोनों नेताओं के नाम होर्डिंग्स पर थे। उन्होंने कहा कि कुछ बाहरी लोग इस तरह की हरकतों में लगे हैं और वे पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी को बीमार बताने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी बेहतर तरीके से पार्टी का कामकाज सम्भाल रही हैं लेकिन कुछ लोग उनकी और पार्टी की छवि खराब करना चाहते हैं। पार्टी सूत्रों का कहना है कि इस तरह की होर्डिंग्स विधानसभा चुनाव के दौरान भी लगाई गई थीं, लेकिन उस वक्त उन्हें नजरअंदाज कर दिया गया था। गौरतलब है कि फूलपुर संसदीय क्षेत्र से देश के पहले पीएम पंडित जवाहर लाल नेहरू ने चुनाव लड़ा था। दरअसल कांग्रेस के सामने सबसे बड़ी समस्या नरेन्द्र मोदी के मुकाबले क्राउड पुलर यानि भीड़ इकट्ठे करने वाले चेहरे की हो रही है। मोदी की सभा में दिन प्रतिदिन सभा दर सभा भीड़ बढ़ती जा रही है। वह जहां भी जाते हैं लाखों की संख्या में लोग उन्हें सुनने आते हैं। सोनिया गांधी अब कुछ सेहत के कारण, कुछ पार्टी की घटती लोकप्रियता के कारण भीड़ इकट्ठा नहीं कर पा रही हैं। कांग्रेसियों में विधानसभा चुनावों में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की बजाय उपाध्यक्ष राहुल गांधी की डिमांड ज्यादा है। यही वजह है कि राज्यों में राहुल गांधी की अधिक सभाएं कराने के कार्यक्रम बन रहे हैं। राहुल की डिमांड की वजह यह बताई जा रही है कि वह भाजपा के अधिक आक्रामकता से बोलते हैं जिससे प्रचार में मदद मिलती है। दरअसल राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में राहुल की ज्यादा सभाओं की चर्चा है। राहुल की डिमांड के बारे में कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि भाजपा को अधिक तीखे अंदाज में कोसने की जरूरत है। हाल के दिनों में राहुल ने जहां भी सभाएं की हैं, वहां उनके तेवर आक्रामक ही रहे। उक्त नेता ने कहा कि राहुल ने अब क्षेत्रीय समस्याओं को लेकर जिस तरह का मसालेदार संवाद शुरू किया है उससे सभाओं में लोग काफी हद तक बंधे रहते हैं। राहुल की सभाओं की सम्भावित प्रत्याशियों और प्रचार अभियान में लगाए गए नेताओं की तरफ से ज्यादा मांग हो रही है। अभी राहुल की सभाओं के जो कार्यक्रम बन रहे हैं वे छोटी जगहों पर भी हैं और  बड़ी जगहों, शहरों में भी हैं। छोटी जगहों के कार्यक्रम ग्रामीणों और आदिवासियों को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं। अभी राहुल एक दिन में दो सभाएं कर रहे हैं पर डिमांड को देखते हुए उनकी सभाओं की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जाएगी। चुनाव वाले राज्य के एक प्रभारी महासचिव ने कहा कि चूंकि इस बार टिकट वितरण में राहुल की गाइड लाइन चली है, इसलिए उन्होंने भी आश्वस्त किया है कि वह अपनी सभाएं करने में राज्य इकाई को निराश नहीं करेंगे। सोनिया की डिमांड न के बराबर है और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को तो कोई बुलाकर राजी  ही नहीं। प्रियंका की डिमांड भी बढ़ रही है।

-अनिल नरेन्द्र

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