Sunday 20 October 2013

यूपी-बिहार में चली नरेन्द्र मोदी की हवा

आज-कल चुनावी बहार है, सर्वेक्षणों की बाढ़-सी आ गई है पर एक सर्वेक्षण ऐसा आया है जो लोकसभा 2014 चुनाव के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। यह तो हम जानते ही हैं कि यूपी-बिहार ही तय करते हैं कि देश पर कौन-सी पार्टी राज करेगी। दिल्ली की गद्दी का रास्ता यूपी-बिहार से होकर जाता है।  इकानॉमिक टाइम्स ने इन दो राज्यों का एक सर्वे किया है। इस सर्वे में दावा किया गया है कि उत्तर प्रदेश और बिहार में बीजेपी के लिए जनता का सपोर्ट बढ़ रहा है। यूपी-बिहार में 120 लोकसभा सीटें हैं। यह सपोर्ट बढ़ा तो है लेकिन इतना अभी नहीं है कि उससे पार्टी देश के इन दो बड़े सियासी अखाड़ों में क्लीन स्विप कर जाए। देश पर कौन राज करेगा यह तय करने की क्षमता वाले इन दोनों राज्यों में इकानॉमिक टाइम्स की तरफ से कराए गए एक बड़े और व्यापक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है। सर्वेक्षण में लगभग 8500 वोटर्स शामिल हुए। इसमें पता चला है कि बीजेपी की तरफ से प्रधानमंत्री पद के दावेदार नरेन्द्र मोदी यूपी और बिहार में अपनी लोकप्रियता और जनता के बीच पार्टी की स्वीकार्यता बढ़ा रहे हैं। फिर भी 120 लोकसभा सीट वाले इन दो राज्यों में पार्टी को एक-तिहाई से थोड़ा ज्यादा सीटें ही मिलतीं नजर आ रही हैं। रिसर्च फर्म एसी नीलसन की तरफ से 4 से 26 सितम्बर के बीच कराए गए इस सर्वेक्षण के मुताबिक बीजेपी को इन दो राज्यों में यूपी में 27 और बिहार में 17 सीटें मिल सकती हैं यानि दोनों राज्यों में 44 सीटें। सर्वेक्षण के यह आंकड़े बीजेपी के लिए अच्छे संकेत तो हैं पर यह काफी शायद नहीं हों। हालांकि सर्वे में  बीजेपी के लिए राहत की बात यह रही है कि नरेन्द्र मोदी एक बड़ा फैक्टर साबित हो रहे हैं। सर्वे का एक फेज मोदी को प्रधानमंत्री पद के लिए बीजेपी का उम्मीदवार बनाए जाने से पहले ही पूरा हो गया था। जो बड़ी तस्वीर सामने आ रही है उसके हिसाब से मोदी को यूपी में चुनौती देने वाले मुलायम सिंह, अखिलेश यादव और बिहार में नीतीश कुमार के दबदबे में कमी आ सकती है। यूपी में  बीजेपी 27 सीटें हासिल करके सबसे बड़ी पार्टी बन सकती है। यह आंकड़ा पिछले दो बार के लोकसभा चुनाव में मिली सीटों का लगभग तिगुना है। यूपी में  बीजेपी सभी विरोधी दलों के सपोर्ट बेस में सेंध लगाती नजर आ रही है। यहां उसे 28 फीसदी वोट मिलते नजर आ रहे हैं जबकि 2009 में 13 फीसदी वोट मिले थे। सर्वेक्षण के मुताबिक यूपी में समाजवादी पार्टी का वोट शेयर 5 परसेंट प्वाइंट की गिरावट के साथ 18 फीसदी तक आ सकता है। ऐसे में उसकी लोकसभा सीटों का आंकड़ा 16 तक सिमट सकता है। यहां बसपा और कांग्रेस को भी नुकसान होता नजर आ रहा है। मोदी के पक्ष में अपर कास्ट का कंसोलिड्रेशन होने पर बसपा का सपोर्ट बेस घट सकता है। हालांकि  दलित वोट पक्का होने से इसकी सीटें पिछली बार की तरह 20 या इसके आसपास रह सकती हैं। मोदी ज्यादातर मतदाताओं में लोकप्रियता बढ़ा रहे हैं जिससे अन्य दलों की सम्भावनाएं बिगड़ रही हैं पर यह एक सर्वेक्षण है और अभी लोकसभा चुनाव होने में समय है। इन सर्वेक्षणों से इतना तो तय है कि इन दोनों राज्यों में बीजेपी की स्थिति पिछले लोकसभा चुनाव के मुकाबले कहीं बेहतर नजर आ रही है। अभी तो मोदी की कई रैलियां होंगी और क्लाइमैक्स में टाइम है।

-अनिल नरेन्द्र

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