Tuesday 29 October 2013

रविवार की हुंकार रैली ः बम विस्फोटों का निशाना था मछली नम्बर-5

नीतीश कुमार के गढ़ बिहार में बीजेपी पीएम पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी की हुंकार रैली में धमाका होने की तो सम्भावना सभी व्यक्त कर रहे थे। आखिर नीतीश ने इन्हीं नरेन्द्र मोदी को लेकर बीजेपी से गठबंधन तोड़ा था। धमाका तो हुआ पर एक की जगह दो धमाके हुए। मोदी की रैली से पहले ही धमाके होने शुरू हो गए। रविवार को हुए सिलसिलेवार बम धमाकों से पटना दहल गया। सुबह नौ बजे से शाम पौने छह बजे तक कुल नौ धमाके हुए। इनमें छह की मौत हो गई और 100 घायल हो गए। रैली में शामिल होने आई भीड़ धमाकों के बावजूद सभा स्थल पर डटी रही। हालांकि बम फटने से थोड़ा अफरातफरी का माहौल बनना स्वाभाविक ही था। बम विस्फोटों की खबर आते ही इस पर राजनीति शुरू होने में देर नहीं लगी। कुछ ने कहा कि यह काम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का है जो वोटों की ध्रुवीकरण करने के लिए धमाके करवा रहा है, कुछ ने कहा कि यह बिहार की अंदरुनी खींचतान का परिणाम है पर बिहार पुलिस के बड़े नाटकीय ढंग से विस्फोटों की एक कड़ी हाथ आ गई। हुआ यह कि रविवार सुबह करीब साढ़े नौ बजे पटना जंक्शन के एक सुलभ शौचालय में विस्फोट हुआ। धमाके के साथ ही एक शख्स शौचालय से निकल कर भागा। धमाके की आवाज सुनकर आसपास खड़े पुलिसकर्मियों ने उसे दबोच लिया। तब यह किसी को पता नहीं था कि शौचालय के अंदर क्या हुआ है। अंदर जाने पर पता चला कि पुंडी लगे दरवाजे वाले शौचालय में एक शख्स खून से लथपथ पड़ा है। शक होने पर संदिग्ध को पुलिस ने अपनी गिरफ्त में लेकर पूछताछ की तो पता चला कि वह आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन से संबंध रखता है। पकड़ में आए संदिग्ध ने पूछताछ में यह खुलासा किया कि रांची से लाए गए बम में बैट्री लगाने के लिए शौचालय में दो लोग गए थे। इसी दौरान एक बम फट गया। विस्फोट के बाद वह अपना बम शौचालय में ही पटक कर वहां से भागा और पकड़ा गया। पटना में जितने बम फटे वे सुबह ही लगाए गए थे। बस से उतरने के बाद आतंकियों का गुट अलग-अलग बंट गया था और उन्होंने तय जगह पर बम प्लांट कर दिए। प्रारंभिक सूचनाओं के आधार पर कहा जा सकता है कि पटना से सीरियल धमाकों के पीछे रांची से आए इंडियन मुजाहिद्दीन (आईएम) के दस्ते का हाथ है। रैली में आत्मघाती हमले की तैयारी की और निशाने पर थे मछली नम्बर-5। जी हां, मछली नम्बर-5 और कोई नहीं बल्कि नरेन्द्र मोदी हैं। वह आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और इंडियन मुजाहिद्दीन के निशाने पर हैं। खुफिया विभाग शुरुआती तौर पर पटना में हुए बम विस्फोटों को आतंकी हमला मान रहा है। सभी विस्फोट एआईडी से किए गए थे। यह सिमी और आईएम की जुगलबंदी भी हो सकती है। खुफिया विभाग को समस्तीपुर निवासी तहसीन अख्तर उर्प मोनू और पाकिस्तानी निवासी वकास अहमद की तलाश है। तहसीन यासिन भटकल का बांया हाथ है और अब ये इंडियन मुजाहिद्दीन का टॉप कमांडर है। जिस प्रकार के बमों का रैली में इस्तेमाल हुआ ऐसे बमों का इस्तेमाल आईएम विगत पांच सालों से कर रहा है। कुछ दिन पहले बोध गया में जो बम विस्फोट हुए थे वह भी बहुत कम तीव्रता के थे। उसमें भी आईएम का हाथ था। खुफिया सूत्रों के अनुसार आतंकियों की योजना थी कि बम धमाके के बाद भगदड़ मचेगी और कई लोग मारे जाएंगे। आतंकियों ने कुछ बम ऐसे लगाए थे जिन्हें भगदड़ होने पर विस्फोट किया जाना था पर ऐसा नहीं हुआ। इन बमों को सुरक्षाकर्मियों ने डिफ्यूज कर दिया। लश्कर ने मोदी का कोड नेम मछली नम्बर-5 रखा है। खुफिया सूत्रों के अनुसार इस बात का खुलासा इशरत जहां मुठभेड़ के दौरान लश्कर कमांडर मुजम्मिल की अमजद अली और जीशान जौहर की बातचीत से हुआ है। खुफिया सूत्रों के अनुसार यासिन भटकल की गिरफ्तारी के बाद आईएम गुर्गे परेशान हो गए। आईएम के दाएं हाथ तहसीन अख्तर उर्प मोनू और वकास की तलाश जारी है। बोध गया, मुंबई और हैदराबाद ब्लास्ट में भी ये दोनों वांछित हैं। एसएसपी मनु महाराज ने इम्तियाज के पकड़े जाने के बाद बताया कि आईएम के आठ सदस्य बम के साथ दो-दो कर गांधी मैदान पहुंचे थे। पुलिस वहां पहुंचकर एक बम को डिफ्यूज कर पाई। उसके बाद आतंकी वहीं रखकर कुछ दूर चले गए थे। सभी टाइम बम थे। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि बम धमाके के दोषियों और साजिशकर्ताओं को हर हाल में बेनकाब किया जाएगा। रविवार को उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि धमाकों के लिए भाजपा की रैली के दिन को चुना जाना बिहार के माहौल को बिगाड़ने की साजिश की ओर साफ संकेत करता है। कोई है जो राज्य में शांति भंग करना चाहता है। उन्होंने कहा  कि हमारा राजनीतिक विरोध हो सकता है लेकिन सभी दलों को एकजुट होकर ऐसी शक्तियों का मुकाबला करना होगा। भाजपा नेताओं ने रैली के दौरान लोगों से ऐसी ही अपील की, हम इसका स्वागत करते हैं। इस घटना के पीछे आतंकी साजिश से भी इंकार नहीं किया जा सकता, लेकिन अभी कुछ भी पक्के तौर पर कहना कठिन है। एक बार फिर हमारा खुफिया तंत्र, सुरक्षा तंत्र फेल हुआ है और आतंकी अपने मकसद में कामयाब रहे।

No comments:

Post a Comment