Friday 4 October 2013

रिपब्लिकन और डेमोकेट्स के बीच मतभेद के कारण अमेरिका में शटडाउन शुरू

अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और सबसे सर्वसम्पन्न देश है। यह कल्पना करना भी मुश्किल है कि अमेरिका जैसे देश में सरकार का शटडाउन हो सकता है पर ऐसा हो रहा है। अमेरिकी सरकार ने आंशिक तौर पर कामबंदी शुरू कर दी है। पिछली बार अमेरिकी सरकार में कामबंदी 16 दिसम्बर 1995 से 6 जनवरी 1996 तक हुई थी। तब बिल क्लिंटन राष्ट्रपति थे। यह हालात 21 दिन तक बने रहे थे। गवर्नमेंट शटडाउन के हालात अमेरिकी लोकतंत्र प्रणाली की देन है। यहां राष्ट्रपति राज्य और सरकार का प्रमुख होता है, लेकिन विधायिका में उसके बहुमत की गारंटी नहीं होती। इसकी वजह है कि राष्ट्रपति, कांग्रेस और सीनेट के चुनाव अलग-अलग होते हैं। हर साल 30 सितम्बर तक अमेरिकी कांग्रेस (भारतीय लोकसभा की तरह) अगले साल तक के लिए बजट पास करती है। सरकार को बजट पास होने के बाद अपने कार्यक्रम चलाने के लिए पैसा मिलता है। अगर बजट अटक जाए तो सरकार के पास पैसा भी नहीं होता। सारा झगड़ा ओबामा केयर नामक प्रस्ताव को लेकर खड़ा हो गया है। 2010 में बराक ओबामा नया कानून लाएöपेशंट प्रोटेक्शन एंड एफोर्डेबल केयर एक्ट। इस कानून के तहत अधिक से अधिक अमेरिकियों को हैल्थ इंश्योरेंस के कवर में लाना था साथ ही स्वास्थ्य पर होने वाला आम खर्च घटाना था। हाउस ऑफ रिप्रेंजेंटिव्स ने विवादित ओबामा केयर को एक साल तक टाल दिया है, साथ ही उसमें संशोधन प्रस्ताव पास किया है। मेडिकल डिवाइस टैक्स को भी हटाने के लिए कहा गया है। यह सीनेट और ओबामा को गवारा नहीं है। शटडाउन की स्थिति इसलिए पैदा हुई है क्योंकि रिपब्लिकन पार्टी की अगुवाई में सीनेट ने अगले साल के बजट को मंजूरी नहीं दी है। ओबामा ने अंतिम समय में गतिरोध खत्म करने की अपील की थी लेकिन उसका कोई असर नहीं पड़ा। बराक ओबामा और विपक्षी रिपब्लिकन पार्टी के बीच सहमति नहीं बन पाने के कारण अमेरिकी संसद से तय सीमा 30 सितम्बर की रात 12 बजे तक बजट बिल पास नहीं हो सका। इसकी वजह से अमेरिका में 17 साल बाद एक बार फिर शटडाउन यानि गैर-जरूरी सरकारी कामकाज बंद कर दिए गए हैं। कई सरकारी दफ्तर, म्यूजियम और नेशनल पार्प बंद कर दिए गए हैं और करीब 7 लाख से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों को जबरन बिना वेतन के छुट्टी पर भेजा जा रहा है। राष्ट्रपति कार्यालय ने संघीय एजेंसियों को कामबंदी के आदेश भेजने शुरू कर दिए हैं। अमेरिकी संघीय सरकार में हैं 21 लाख कर्मचारी। इनमें से फिलहाल 8 लाख कर्मचारियों को वेतन बगैर छुट्टी पर भेजा गया है। कामबंदी का असर बच्चों की फीस और खानपान पर भी पड़ेगा। संकट ज्यादा दिन चला तो सैन्य अभियान भी प्रभावित हो सकता है। कामबंदी का असर कम हो, इसके लिए अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने सम्भावित उपायों पर काम करना शुरू कर दिया है। उन्होंने ऐसे विधेयक पर हस्ताक्षर किए हैं जिससे कामबंदी के दौरान भी सेना को बजट आवंटित किया जा सके। ओबामा ने कहा कि शटडाउन को पूरी तरह से दूर करना सम्भव था लेकिन विपक्ष का सहयोग नहीं मिलने के चलते यह सम्भव नहीं हो पाया है। प्रतिनिधि सभा में रिपब्लिकन सदस्यों और सीनेट में उनके सहयोगियों ने मांग की है कि इस कानून को वापस लिया जाए या इस पर होने वाले खर्च के लिए पैसे न दिए जाएं, तभी वे सरकारी खर्च के लिए बिल पारित करेंगे। फिलहाल ओबामा इसके लिए तैयार नहीं। उम्मीद की जानी चाहिए कि जल्द गतिरोध समाप्त होगा और अमेरिकी अर्थव्यवस्था पटरी पर लौटेगी।

-अनिल नरेन्द्र

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