Sunday, 13 October 2013

बीएसपी विधायक अलीम चौधरी की पत्नी का बेरहमी से कत्ल

दिल्ली के नॉर्थ-ईस्ट डिस्ट्रिक्ट में वेलकम के न्यू जाफराबाद इलाके में  बीएसपी के बाहुबली विधायक अलीम चौधरी की पत्नी रिहाना का तीन दिन पहले बड़ी बेरहमी से हत्या का मामला आजकल सुर्खियों में बना हुआ है। रिहाना के सीने में एक गोली भी मारी गई और गर्दन, पीठ और पेट सहित शरीर के अन्य हिस्सों पर भी चाकू से वार किए गए। पुलिस का कहना है कि हमलावर ने वारदात को लूटपाट की शक्ल देने के लिए सामान बिखेर दिया। वैसे विधायक के बड़े भाई का कहना है कि घर से 15-20 लाख रुपए की नकदी भी गायब है। पुलिस सूत्रों के अनुसार यूपी के बुलंदशहर से बीएसपी विधायक अलीम चौधरी ने रिहाना से दूसरी शादी की थी। रिहाना की कोई संतान नहीं हुई। अलीम की पहली पत्नी से चार बेटे हैं। अलीम ने चार-पांच साल पहले यहां डीडीए की न्यू जाफराबाद कॉलोनी में ग्राउंड फ्लोर खरीदा था। तब वह यहां बीच-बीच में अपनी दूसरी पत्नी के साथ आते रहते थे। सात अक्तूबर को अलीम हज यात्रा पर चले गए। तब से रिहाना यहां अकेली रहती थी। पत्नी रिहाना को सुपुर्द-ए-खाक कर बसपा विधायक अलीम अचानक गायब हो गए। मीडिया कर्मी और अन्य मिलने आए लोग उन्हें खोजते ही रह गए मगर उनका पता नहीं चला। बुधवार देर रात रिहाना का शव विधायक के घर लाया गया। बृहस्पतिवार सुबह हाजी अलीम भी हज यात्रा बीच में छोड़कर वापस लौट आए। रिहाना बेगम की हत्या के मामले में शक की सूई खुद विधायक और उनके परिवार की ओर घूम रही है। पुलिस को कुछ नए सबूत भी मिले हैं जिसके आधार पर पुलिस मान रही है कि घटना को अंजाम देने में किसी करीबी का हाथ है, लेकिन हत्या किसी सुपारी किलर ने की है। घटना के दो दिन पहले ही अलीम सउदी अरब मक्का हज के लिए गए थे। रिहाना की हत्या की खबर सुनने के बाद वह बृहस्पतिवार की शाम साढ़े तीन बजे वापस आ गए। उनसे रिहाना और रिश्तों के बारे में पूछताछ हो सकती है। क्योंकि पिछले कुछ महीनों से दोनों में किसी लड़की को लेकर झगड़ा हो रहा था। सूत्रों के मुताबिक यह लड़की वैशाली की बताई जा रही है। रिहाना को यह पसंद नहीं था। रिहाना की कोई औलाद नहीं होने के कारण अलीम काफी दुखी भी था। इसके लिए उसने रिहाना का इलाज भी करवाया था, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। उत्तरी-पूर्व जिला के अतिरिक्त आयुक्त वीवी चौधरी की मानें तो हत्या जिस तरह से हुई है उससे यह तो साफ है कि रिहाना को मारने के मकसद से ही हत्यारे अन्दर घुसे थे। उनके अनुसार हत्यारों की संख्या तकरीबन दो से तीन रही होगी, जिनमें से एक कोई जान-पहचान का रहा होगा। उनका कहना है कि रिहाना के घर पर काफी कम लोग ही आते थे। अकसर हाजी अलीम, उनके छोटे भाई हाजी यूनुस रात बिताने यहां आते रहते थे। कोई अनजान शख्स यहां नहीं आता था। पोस्टमार्टम की प्राथमिकी रिपोर्ट के आधार पर लग रहा है कि हत्या करीब रात ढाई से साढ़े पांच बजे के बीच हुई थी। रिहाना के शरीर पर  दो दर्जन के करीब चाकू मारे गए थे। बाद में मौत को पक्का करने के लिए उसके सीने और सिर पर भी गोली मारी गई। रिहाना को जिस बेरहमी से मारा गया उससे इतना तो साफ है कि उसकी हत्या में लूट का मकसद कम और उसे मारने का ज्यादा था। यह हत्या किसी पेशेवर सुपारी किलर ने की है  पर सवाल यह है कि सुपारी किसने दी और क्यों दी?

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