Thursday 10 October 2013

जब कानून का रक्षक ही भक्षक बन जाए तो जनता कहां जाए?

जब कानून के रक्षक ही भक्षक बन जाएं तो जनता कहां जाए? लोगों की सुरक्षा सम्भालने वाली दिल्ली पुलिस के ही दो सिपाहियों ने एक ऐसा शर्मसार कृत्य किया है जो समझ नहीं आ रहा कि इसे क्या कहें? इतना  हो-हल्ला होने के बावजूद लोगों की मानसिक प्रवृत्ति में कोई सुधार नहीं हो रहा। जब वो पुलिस वर्दी पहने एक नाबालिग लड़की से दुष्कर्म का प्रयास करें तो इससे दिल्ली पुलिस तो शर्मसार होती ही है सारे समाज का सिर शर्म से झुक जाता है। शर्मसार करने वाली यह घटना शनिवार देर शाम की है। विकासपुरी पुलिस लाइन के पास पीड़ित 14 वर्षीया किशोरी अपनी दो अन्य सहेलियों के साथ कूड़ा बीन रही थी। इस दौरान वहां सिपाही अमित तोमर पहुंचा और उसने किशोरी को यह कहते हुए झांसे में लिया कि उसके दोस्त के कमरे में कुछ कबाड़ रखा है, वह उसे दिला देगा। इसके बाद अमित किशोरी व उसकी दोनों सहेलियों को अपने साथ लेकर किंग्जवे कैम्प इलाके में ले गया। वहां कमरे में उसका साथी सिपाही गुरजिन्द्र पहले से ही मौजूद था। आरोप है कि दोनों ने उस नाबालिग से दुष्कर्म का प्रयास किया। पीड़िता ने शोर मचाया तो कमरे के बाहर उसकी दोनों सहेलियों ने भी शोर मचा दिया। बच्चियों के शोर से किसी पड़ोसी ने पीसीआर को फोन कर दिया। मौके पर पहुंची पुलिस ने किशोरी का मेडिकल कराया और आला अधिकारियों को घटना की जानकारी दी। अधिकारियों ने मामले की जांच दक्षिण जिले के एडिशनल डीसीपी प्रमोद कुशवाहा से कराई। जांच में दोनों आरोपी सिपाहियों को दोषी पाए जाने के बाद तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया गया और दोनों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया। आश्चर्य की बात तो यह भी है कि दोषी सिपाहियों का रिकॉर्ड पहले से ही खराब है। एक के खिलाफ हत्या के मामले में शामिल होने का आरोप है, जबकि दूसरे पर काम के प्रति लापरवाही बरते जाने का मामला है। दोनों के खिलाफ विभागीय स्तर पर जांच चल रही है। जांच अधिकारी ने बताया कि गुरजिन्द्र सिंह पर हत्या की एक वारदात में शामिल होने के आरोप में विभागीय कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं। दिल्ली पुलिस की वर्दी दागदार करने पर दो दिन में तीन पुलिसकर्मियों पर गाज गिरी है। इनमें एक एसएचओ और दो सिपाही शामिल हैं। उत्तम नगर के एसएचओ को एक महिला द्वारा की गई शिकायत के बाद लाइन हाजिर किया गया। आरोप था कि एसएचओ ने रेप पीड़ित महिला से अभद्र सवाल पूछे थे। सितम्बर में दिल्ली पुलिस के एक कांस्टेबल पर आरोप लगा था कि उसने महिपालपुर इलाके में एक महिला के साथ बलात्कार किया है। उससे पिछले महीने अगस्त 2013 में दिल्ली ट्रेफिक पुलिस के एक कांस्टेबल पर आरोप लगा कि उसने दो लोगों के साथ मिलकर एक लड़की से गैंगरेप किया है। आरोपी कांस्टेबल अशोक विहार सर्पिल पर तैनात था। 16 दिसम्बर के वसंत विहार कांड के बाद उम्मीद की जा रही थी कि दिल्ली पुलिस अब पहले से ज्यादा संवेदनशील होगी और जनता में पुन विश्वास पैदा करने का प्रयास करेगी। बेशक ऊपरी स्तर के दिल्ली पुलिस अफसर अपनी फोर्स की छवि को बदलने के लिए दिन-रात एक कर रहे हैं पर निचले स्तर पर जब तक पुलिसकर्मी अपनी ड्यूटी सही से नहीं निभाते तब तक जमीनी स्तर पर स्थिति का सुधार नहीं हो सकता। इतनी बड़ी फोर्स में बेशक इक्का-दुक्का छोटे लेवल का पुलिसकर्मी ऐसा कांड करे पर बदनामी तो पूरी फोर्स की होती है।

-अनिल नरेन्द्र

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