Sunday 21 June 2015

अमेरिका के अश्वेतों के ऐतिहासिक चर्च पर हमला

अमेरिका में अश्वेतों के खिलाफ हेट क्राइम यानि घृणा अपराध थमने का नाम नहीं ले रहा है। अश्वेतों व पुलिसकर्मियों में तो तनातनी चल ही रही है अब एक चर्च में गोलीबारी की खबर आई है। अमेरिकी राज्य साउथ कैरोलिना के चार्ल्सटन में अश्वेतों के एक ऐतिहासिक चर्च के भीतर एक श्वेत बंदूकधारी की गोलीबारी में कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई। पुलिस ने इसे हेट क्राइम यानि घृणा अपराध बताया है। इस राज्य की गवर्नर भारतीय मूल की अमेरिकी निकी हेली हैं। 21 साल के श्वेत हमलावर को करीब 13 घंटे बाद गिरफ्तार करने में पुलिस को कामयाबी मिली। स्थानीय टेलीविजन की रिपोर्ट के मुताबिक पकड़े गए बंदूकधारी का नाम डिलान रूफ है। इस अंधाधुंध गोलीबारी में बचने वाले एक शख्स पिकनी के रिश्तेदार ने बताया कि हमलावर रूफ ने हमले के वक्त कहाöवह ऐसा इसलिए कर रहा है क्योंकि अश्वेत लोग हमारी औरतों से दुष्कर्म करते हैं और हमारे देश में कब्जा जमाते जा रहे हैं। जिस चर्च में घटना हुई वह अमेरिका के सबसे महत्वपूर्ण अफ्रीकन-अमेरिकन चर्च में एक है। 1816 में इसकी स्थापना हुई थी। चर्च की वेबसाइट के मुताबिक वर्ष 1822 में चार्ल्सटन में चर्च के सह-संस्थापक डेनमार्प वेसी ने गुलामों को एकजुट कर विद्रोह की कोशिश की थी। स्थानीय नेशनल पार्प सर्विस के मुताबिक यह चर्च अश्वेत धर्मावलंबियों का सबसे पुराना आस्था का केंद्र है, जहां हर बुधवार की शाम पवित्र ग्रंथ बाइबिल पढ़ी जाती है। इस हमले में मरने वालों में छह महिलाएं और तीन पुरुष हैं। इनमें प्रांतीय सीनेट के सदस्य और चर्च के पादरी कलेमरो पिनवनी भी शामिल हैं। आठ लोगों की मौत मौके पर ही हो गई जबकि एक ने अस्पताल में दम तोड़ा, हमलावर रूफ के एक रिश्तेदार ने बताया कि उसके पिता ने हाल ही में उसके जन्मदिन पर प्वाइंट 95 कैलिवर हैंडगन उपहार में दी थी। अमेरिका में अफ्रीकन-अमेरिकन चर्च पर पहली बार हमला नहीं हुआ है। इससे पहले 1963 में अल्बामा के बर्मिंघम में ऐसे ही हमले में चार लड़कियों की मौत हो गई थी। अगस्त 2012 में अमेरिका के विस्कोसिन के एक गुरुद्वारे में सुबह की प्रार्थना के वक्त बंदूकधारी ने गोलीबारी की थी जिसमें सात लोगों की मौत हो गई थी। अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने हमले के बाद प्रतिक्रिया स्वरूप कहा कि धर्मस्थल पर शांति की तलाश में आए लोगों की हत्या त्रासदी है। हमें मानना होगा कि अन्य विकसित देशों में इस तरह की घटनाएं नहीं होती हैं। पूर्व विदेश मंत्री व अमेरिका के आगामी राष्ट्रपति चुनाव की दौड़ में शामिल हिलेरी क्लिंटन ने ट्विट कर घटना पर शोक प्रकट करते हुए इसे हृदय विदारक बताया और मारे गए लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की। वे 2016 में अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव में डेमोकेटिक पार्टी की उम्मीदवार भी हैं। दक्षिण कैरोलिना राज्य की गवर्नर भारतीय मूल की अमेरिकन निकी हेली ने कहाöहम यह समझ नहीं पा रहे हैं कि हमारे पूजा स्थल में घुसकर लोगों की जान लेने के पीछे क्या मंशा रही होगी। साउथ कैरोलिना के इतिहास में यह सबसे भीषण गोलीबारी की घटना मानी जा रही है। गोलीबारी से पहले हिलेरी क्लिंटन चन्दा जुटाने के अभियान में चार्ल्सटन के एक घर में गई थीं। यह घर घटनास्थल से आधा मील की दूरी पर था। 2014 में पुलिस के हमले में 238 अश्वेत मारे गए थे। 21 गुना अधिक आशंका है श्वेत युवकों को पुलिस द्वारा गोली मारने की। अमेरिका में अश्वेतों की 13 फीसदी आबादी है। यह अमेरिका में अश्वेतों पर पिछले 15 वर्षों में सबसे बड़ा हमला है। एक महिला ने बताया कि हमलावर कुछ देर प्रार्थना सभा में बैठा। फिर उठकर फायरिंग शुरू कर दी। वो चिल्ला रहा थाöतुम सब हमारी महिलाओं से दुष्कर्म करते हो, हमारे देश पर कब्जा कर रहे हो। मेरा देश छोड़ दो नहीं तो मैं सबको मार दूंगा। एक अन्य महिला ने बताया कि हमलावर ने कहाöमैं तुम्हें छोड़ रहा हूं ताकि तुम बाकी सबको बता सको कि यहां क्या हुआ है।

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