आप
सरकार व पार्टी के सितारे गर्दिश में चल रहे हैं। एक के बाद एक विवाद में फंसती जा
रही है केजरीवाल की सरकार व पार्टी। आप सरकार के लिए कानून विभाग के मंत्री विवाद की
जड़ बने हैं। लगातार दो बार पार्टी की दिल्ली में सरकार बनी और दोनों ही बार कानून
मंत्री कानूनी शिकंजे में फंसे हैं।
49 दिन की केजरीवाल की पहली सरकार में सोमनाथ भारती और इस बार जितेन्द्र
सिंह तोमर पर कार्रवाई हुई है। पहले बात करते हैं सोमनाथ भारती की। सोमनाथ भारती की
पत्नी लिपिका ने घरेलू हिंसा का आरोप लगाते हुए दिल्ली महिला आयोग में शिकायत की है।
आयोग ने उन्हें 26 जून को पेश होने का नोटिस जारी किया है। दिल्ली
महिला आयोग में लिपिका ने कहा, `मैं मानसिक, शारीरिक रूप से प्रताड़ित हो रही हूं। इसका प्रभाव बच्चों पर भी पड़ रहा है।
मेरी चार साल की बेटी रात में डर कर उठ जाती थी और कहती थी मम्मी को मत मारो।'
लिपिका ने बताया, `मैंने सोमनाथ से प्रेम विवाह
किया है।' विवाह से पहले भी वह मारपीट करते थे, लेकिन मैं चुप करके सहती रही। मेरे शरीर पर आज भी चोट के निशान हैं।
28 मई को भी सोमनाथ ने उनसे बेटी के सामने मारपीट की। इसके बाद मैंने
महसूस किया कि अब इस शादी में कुछ नहीं बचा और मैंने अलग रहने का फैसला किया। लिपिका
ने यह भी आरोप लगाया कि जब वह सात माह की गर्भवती थी तो सोमनाथ ने उन्हें कुत्ते से
कटवाया था। अब बात करते हैं जितेन्द्र सिंह तोमर की। फर्जी डिग्री में गिरफ्तार दिल्ली
के पूर्व कानून मंत्री जितेन्द्र सिंह तोमर को पुलिस बुधवार सुबह फैजाबाद ले गई। पुलिस
टीम उन्हें अवध विश्वविद्यालय लेकर गई, जहां उनकी डिग्री से संबंधित
रिकार्ड खंगाला गया। तोमर की शैक्षिक योग्यता को लेकर जो कागजात विश्वविद्यालय प्रशासन
को सौंपे गए वे फर्जी निकले। जितेन्द्र सिंह तोमर को सत्र अदालत से भी राहत नहीं मिल
पाई। अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ अदालत गए आप नेता तोमर को इससे करारा झटका लगा। अदालत
ने राहत देने से इंकार करते हुए कहा कि उन्हें अंतरिम राहत प्रदान करने से मामला और
जटिल हो जाएगा। इसके बाद अदालत ने पुलिस रिमांड के खिलाफ उनकी याचिका को खारिज कर दिया।
सियासी फ्रंट पर केजरीवाल को तब और झटका लगा जब दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार की
ओर से जारी अधिसूचना पर रोक लगाने से इंकार कर दिया। अधिसूचना में केंद्र ने केंद्रीय
अधिकारियों पर कार्रवाई करने के प्रदेश सरकार के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के अधिकारों
को छीन लिया था। जस्टिस एस मुरलीधर एवं जस्टिस आईएस मेहता की पीठ ने कहा कि यह मामला
पहले से ही नियमित पीठ के समक्ष चल रहा है, यह अवकाशकालीन अदालत
होने के कारण इस स्तर पर आदेश नहीं दे सकती। इतना कुछ हो रहा है और पार्टी मुखिया व
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल केवल केंद्र सरकार और उपराज्यपाल से भिड़ने में लगे हुए
हैं। आम आदमी पार्टी के अन्दर फर्जी डिग्री और पत्नी उत्पीड़न के दहकते मामलों से बेपरवाह
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जिस तन्मयता से दिल्ली के उपराज्यपाल पर निशाने साध रहे
हैं वह बता रहा है कि उनको अपनी पार्टी की चिन्ता नहीं है और वह नरेंद्र मोदी की सरकार
से भिड़ने के मौके देखते रहते हैं। केजरीवाल जी आप अपने घर को तो संभालो। केंद्र से
तो बाद में भिड़ना पहले घर की आग तो बुझाओ।
-अनिल नरेन्द्र
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