Wednesday, 24 June 2015

उत्तर प्रदेश के बाद अब मध्य प्रदेश में पत्रकार की हत्या

चिन्ता का विषय यह है, लगता है कि देश में पत्रकार एक बार फिर निशाने पर हैं। कहीं पुलिस उनका शिकार कर रही है तो कहीं माफियाओं ने उन्हें निशाने पर ले रखा है। अभी उत्तर प्रदेश में पत्रकार जगेन्द्र को पुलिस द्वारा जिन्दा जलाए जाने की घटना शांत नहीं हो सकी थी, उसके कुछ ही दिन बाद मध्य प्रदेश की कटंगी तहसील में एक पत्रकार की जली लाश पड़ोसी महाराष्ट्र राज्य के नागपुर के एक कस्बे से मिली। पत्रकार संदीप कोठारी हत्याकांड के सिलसिले में पुलिस ने कुछ लोगों को गिरफ्तार तो जरूर किया है लेकिन पुलिस की लापरवाही से इंकार भी नहीं किया जा सकता। क्या प्रेस को ईमानदारी से काम न करने देने की कोई साजिश तो नहीं रची जा रही है? देश के पूरे मीडिया को पूरी गंभीरता से इस मुद्दे पर विचार करना होगा। पत्रकारों पर हमलों की वारदातें लगातार बढ़ रही हैं। उत्तर प्रदेश के बाद अब मध्य प्रदेश में भी एक पत्रकार को अपनी जान गंवानी पड़ी है। बताया जाता है कि रेत माफियाओं से जुड़े लोगों ने अदालत से मामला वापस नहीं लेने पर जबलपुर के एक हिन्दी अखबार के संवाददाता संदीप कोठारी (40) को जिन्दा जला दिया। पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। अपर पुलिस अधीक्षक नीरज सोनी ने बताया कि संदीप का दो दिन पहले 19 जून को बालाघाट से अपहरण कर लिया गया था। उस समय वे अपने दोस्त के साथ उसरी गांव जा रहे थे। शनिवार रात उनकी जली हुई लाश महाराष्ट्र के वर्धा जिले में सिंडी शहर में रेलवे पटरियों के पास मिली है। संदीप के भाई ने लाश की शिनाख्त की है। सोनी ने बताया कि संदीप बलात्कार के एक केस में पिछले दो माह से जमानत पर रिहा थे। पुलिस ने जिन लोगों को गिरफ्तार किया है, उनकी पहचान राकेश नसवानी, विशाल डांडी और ब्रिजेश दुहरवाल के रूप में हुई है। तीनों कटंगी के रहने वाले हैं। आरोप है कि तीनों अवैध खनन में लिप्त हैं और एक चिट फंड कंपनी भी चलाते हैं। पुलिस के अनुसार संदीप ने अवैध खनन के मामले में कुछ लोगों के खिलाफ एक स्थानीय अदालत में केस दायर किया था। तीनों आरोपी यह केस वापस लेने का दबाव बना रहे थे। पुलिस का मानना है कि संदीप के इंकार करने पर आरोपियों ने उनका अपहरण कर हत्या कर दी। अपहरण में इस्तेमाल की गई कार सीज कर दी गई है। संदीप बालाघाट के कटंगी में रहते थे। बहुजन समाज पार्टी ने हत्याकांड की सीबीआई जांच कराने की मांग की है। पार्टी का कहना है कि पत्रकार ने रेत माफिया की गतिविधियों का खुलासा किया था। इसलिए उनके परिवार को परेशान किया जा रहा था। वहीं बालाघाट के पूर्व विधायक किशोर समरिते का आरोप है कि संदीप को 12 से अधिक आपराधिक मामलों में फंसाया गया था। उन्होंने कहा कि संदीप ने संगठित अपराध में लिप्त मैगनीज और रेत माफियाओं तथा ताकतवर लोगों के खिलाफ आवाज उठाई थी। एक और कलम का सिपाही अपनी ड्यूटी करते हुए मारा गया। हम उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं।

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