Tuesday, 23 June 2015

बैंक गारंटी नहीं तो सुब्रत रॉय जेल में ही रहेंगे

सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय को फिर जमानत नहीं मिली। कोर्ट की अवमानना मामले में 15 माह से जेल में रखने पर उठ रहे सवालों पर सुप्रीम कोर्ट ने पहली बार स्पष्टीकरण दिया है। यह स्पष्टीकरण जमानत की शर्तों पर शुक्रवार को आए आदेश में है, जिसे कोर्ट ने एक अभूतपूर्व और बेहद पेचीदा मामला बताया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सहारा प्रमुख को जेल भेजने का आदेश अवमानना के अधिकार क्षेत्र में आता भले ही न दिखता हो, लेकिन यह कोर्ट को हासिल असाधारण शक्तियों (अनुच्छेद 142) से लिया गया है, जिसमें कोर्ट को पूर्ण न्याय करने के लिए कोई भी आदेश देने का अधिकार प्राप्त है। कोर्ट ने कहा कि यह जनता की 36 हजार करोड़ रुपए की भारी-भरकम रकम की वापसी और कोर्ट के आदेशों को तवज्जो नहीं देने की अभूतपूर्व स्थिति थी, जिसने अभूतपूर्व आदेश जारी करने की स्थिति पैदा की। कोर्ट ने कहा कि हम इस बात से अनभिज्ञ नहीं हैं कि तीन लोगों को व्यक्तिगत आजादी से वंचित किया गया है। वे पिछले 15 माह से जेल में हैं और यह उन पर काफी भारी पड़ रहा है। लेकिन दूसरी ओर हमें सार्वजनिक हितों की इस मांग को भी देखना था कि जनता से 22 हजार करोड़ रुपए का भारी धन अवैध रूप से एकत्र करने वाले को जिम्मेदार बनाया जाए। इस प्रकार कोर्ट के सामने जहां तीन लोगों की व्यक्तिगत आजादी एक ओर थी वहीं दूसरी ओर कानून का गौरव बनाए रखने की बात थी। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि पांच हजार करोड़ की जमानत राशि और इतने की ही बैंक गारंटी के बिना जमानत नहीं मिलेगी। इससे पहले सुब्रत रॉय के वकील कपिल सिब्बल ने मजबूरी जताई और कहा कि जिस बैंक ने गारंटी देनी थी वह मुकर गया है। इस पर कोर्ट ने कहा कि आपने ही भरोसा दिलाया था कि बैंक गारंटी तैयार है। जवाब में सिब्बल बोलेöमीडिया में सुनवाई की खबरें आने से बैंक ने गारंटी देने से मना कर दिया। हम चार हजार करोड़ की बैंक गारंटी दे सकते हैं। कोर्ट ने बिना नरमी दिखाए कहाöठीक है तो छह हजार करोड़ नकद दीजिए, तभी मिलेगी जमानत। कोर्ट ने सुब्रत रॉय के पेरोल की अर्जी खारिज कर जमानत के लिए और शर्तें जोड़ दीं। सुब्रत रॉय को जमानत के बाद 18 माह में 36 हजार करोड़ रुपए लौटाने होंगे। रकम नौ किश्तों में दे सकते हैं। पहली आठ किश्तें तीन-तीन हजार करोड़ रुपए की होंगी। नौवीं में बाकी रकम देनी होगी। कोई भी किश्त चूके तो सेबी बैंक गारंटी भुना लेगा। तीन किश्तें चूके तो सुब्रत रॉय को फिर से जेल जाना होगा। सुब्रत रॉय और जेल में  बंद कंपनी के दो शीर्ष अधिकारियों को 15 दिन के भीतर पासपोर्ट कोर्ट में जमा करने होंगे। सुप्रीम कोर्ट की इजाजत के बगैर तीनों देश से बाहर नहीं जा सकते। इसके अलावा सुब्रत रॉय को दिल्ली के तिलक मार्ग थाने में हर 15 दिन बाद बताना होगा कि वह देश में भी कहां जाएंगे। मालूम हो कि सुब्रत रॉय और सहारा समूह के दो निदेशक गत वर्ष मार्च महीने से तिहाड़  जेल में हैं। ताजा शर्तों के अंतर्गत सहारा प्रमुख के निकट भविष्य में जेल से रिहा होने की संभावना कम ही दिखती है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि हमने सुब्रत रॉय को न्याय हित में जेल भेजा। हमारा आदेश पूर्ण न्याय करना है।

-अनिल नरेन्द्र

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