Sunday 28 June 2015

दो घंटे ः तीन देशों में आतंकी हमले

शुक्रवार को आतंकवादियों ने दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में लगभग एक ही वक्त पर कहर बरपाया। ट्यूनीशिया और फ्रांस में कत्लेआम और कुवैत में बमबारी। सीधा शक इस्लामिक स्टेट (आईएस) पर जाता है। यह संगठन कितना शक्तिशाली हो गया है इन वारदातों से पता चलता है। उत्तरी अफ्रीकी देश ट्यूनीशिया में विदेशी टूरिस्टों के बीच मशहूर एक रिसोर्ट में घुसकर अंधाधुंध फायरिंग की गई। हथियारों से लैस आतंकी सॉर्स शहर में स्थित इम्पीरियल मरहबा होटल में अंदर घुसा और अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं। इस हमले में 28 लोगों की मौत हो गई और 36 लोग जख्मी हो गए। बाद में उस हमलावर को मार गिराया गया। इस साल मार्च में भी ट्यूनीशिया में एक हमले में 21 विदेशी टूरिस्ट मारे गए थे। यह दूसरा हमला था। उधर कुवैत जैसे शांतिप्रिय देश में एक शिया मस्जिद में रमजान में नमाज के दौरान आत्मघाती हमलावर ने धमाका कर दिया। विस्फोट में 25 लोगों की मौत हो गई और 200 से ज्यादा लोग जख्मी हुए। सउदी अरब में आईएस से जुड़े संगठन नज्ब प्रॉविन्स ने हमले की जिम्मेदारी ली है। आईएस का दावा है कि कुवैत की किसी शिया मस्जिद में पहली बार और किसी खाड़ी देश में 2006 के बाद यह पहला हमला है। फ्रांस की एक गैस फैक्टरी में दिनदहाड़े कम से कम एक इस्लामी संदिग्ध हमलावर ने एक व्यक्ति की गला काटकर हत्या कर दी जबकि दो अन्य लोगों को विस्फोटक उपकरणों से घायल कर दिया। राष्ट्रपति फ्राएवा ओलेद ने कहाöइरादा निश्चित रूप से विस्फोट करना था। यह एक आतंकी हमला था। प्रमुख यूरोपीय देश फ्रांस में सिर कलम का यह पहला मामला माना जा रहा है। शक इस्लामिक स्टेट पर ही है क्योंकि सिर काटना उसका ट्रेडमार्प बन चुका है। सूत्रों के मुताबिक मृतक हमलावर का बॉस था। पिछले कई महीनों से यूरोप लोन वुल्फ हमलों को देखते हुए हाई अलर्ट पर है।  लोन वुल्फ हमले उन आतंकी हमलों को कहते हैं जिसे कोई व्यक्ति किसी आतंकी समूह की मदद के बिना अकेले अंजाम देता है। इन हमलों को रोकना बहुत मुश्किल है क्योंकि इस्लामी चरमपंथी अपने समर्थकों से जहां भी संभव हो हमले करने की अपील करते हैं। फ्रांस में इससे पहले आतंकी हमला जनवरी में हुआ था। उस समय व्यंग्यात्मक मैगजीन शार्ली एब्दो के ऑफिस पर हुए हमले में 10 पत्रकारों समेत 17 लोग मारे गए थे। इसके अलावा फ्रांस के एक युवक ने अपनी गर्लफ्रैंड के साथ एक स्टोर पर हमला बोलकर चार लोगों की जान ले ली थी। ताजा हमले में एक हमलावर को गिरफ्तार कर लिया गया जबकि दूसरा मुठभेड़ में मारा गया। हमलावर आईएस का झंडा लिए हुए था। गिरफ्तार हुए संदिग्ध का नाम यासीन साल्ही है। उसका कोई पिछला क्रिमिनल रिकार्ड नहीं है। निश्चित रूप से आईएस दुनिया का सबसे शक्तिशाली व सम्पन्न आतंकी संगठन बन गया है। आईएस पैसों के दम पर दुनियाभर के मुसलमानों को लुभा रहा है। वह इराक और सीरिया में अपने कब्जे वाले इलाके में एक नया मुल्क बनाना चाहता है। विदेशियों को आकर्षित करने और उनकी गृहस्थी जमाने के लिए वह कई योजनाएं चला रहा है। डेली मेल के अनुसार स्काइप के जरिए पत्रकारों को दिए साक्षात्कार में संगठन के एक लड़ाके ने इसका खुलासा किया है। अबू बिलाल अल-होयजी नामक एक लड़ाके ने बताया है कि खलीफा राज्य के ऐलान के बाद से आईएस नेता सिर्प लड़ाकों को ही न्यौता नहीं दे रहे। अरब देशों, यूरोप, मध्य एशिया, अमेरिका के चिकित्सकों, इंजीनियरों, प्रशासकों और दूसरे क्षेत्र के विशेषज्ञों को भी बुलाया जा रहा है। एक अन्य लड़ाके अल रक्कावी ने बताया कि सीरियाई शहर रक्का अब नया न्यूयार्प बन चुका है। उल्लेखनीय है कि रक्का आईएस की राजधानी है। इराक-सीरिया से शुरू हुआ आईएस आज पूरी दुनिया के लिए एक खतरा बन चुका है। इसकी तपिश यूरोप, अमेरिका सहित एशियाई देश भी अब महसूस कर रहे हैं। ऐसे में पश्चिमी देशों ने अगर ठोस कार्रवाई नहीं की तो स्थिति बेकाबू हो सकती है। धौंस-पट्टी जमा कर और टैक्स लगाकर इस्लामिक स्टेट हर रोज 10 लाख डॉलर से ज्यादा की रकम की उगाही कर रहा है और तेल की कीमतों में गिरावट के बावजूद अपने खर्च पूरे करने के लिए उसके पास काफी पैसा है।

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