Saturday 27 June 2015

चार देवियां बनीं मोदी के लिए सिरदर्द

जब अटल जी प्रधानमंत्री थे तो उनके लिए सिरदर्द बनी थीं तीन देवियांöममता, माया और जया यानि ममता बनर्जी, मायावती और जयललिता। अब नरेंद्र मोदी के लिए चार देवियांöसुषमा स्वराज, वसुंधरा राजे, स्मृति ईरानी और पंकजा सिरदर्द बन गई हैं। आज मैं पंकजा मुंडे के बारे में बात करना चाहता हूं। भ्रष्टाचार मुक्त शासन का दावा करने वाली भाजपा सरकार में उनके मंत्री ही कानून की धज्जियां उड़ाते हुए अपना उल्लू सीधा कर रहे हैं। महाराष्ट्र के शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े के फर्जी डिग्री का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि राज्य की महिला व बाल विकास मंत्री पंकजा मुंडे 206 करोड़ रुपए के घोटाले के आरोप में घिर गई हैं। इसे महाराष्ट्र की देवेन्द्र फड़नवीस सरकार का पहला घोटाला करार दिया जा रहा है। वहीं पंकजा मुंडे ने सफाई दी है कि उन्होंने जो फैसले किए हैं वह नियमानुकूल है। पंकजा मुंडे पूर्व केंद्रीय मंत्री दिवंगत गोपीनाथ मुंडे की बेटी हैं। आरोप है कि उन्होंने नियमों को ताक पर रखकर एक ही दिन में 24 अध्यादेशों के जरिए करोड़ों रुपए के सामान खरीदने का आर्डर दिया। इस खरीद प्रक्रिया में 206 करोड़ रुपए के घोटाले का दावा किया जा रहा है। दरअसल तीन लाख से अधिक किसी भी खरीद के लिए ई-टेंडर आमंत्रित करने का नियम है, लेकिन इस वर्ष फरवरी में एकीकृत बाल विकास सेवा (आईसीडीएस) योजना के तहत वनवासी क्षेत्रों में चल रहे सरकारी स्कूलों के लिए चटाई, किताबें व खाने का सामान खरीदने के लिए पंकजा ने एक ही दिन में 24 प्रस्तावों को मंजूरी दे दी। इन प्रस्तावों की कुल कीमत 206 करोड़ रुपए थी। विपक्ष ने इसे नियम के विरुद्ध बताते हुए भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो (एसीबी) में शिकायत दर्ज कराई है। कांग्रेस प्रवक्ता अजय माकन ने सरकार से हाई कोर्ट के किसी जज से मामले की जांच कराने की मांग की है। पंकजा ने आरोपों को निराधार बताया है। उनका कहना है कि यह फैसला ई-टेंडरों की नीति लागू होने से पहले का है। इसमें कोई अनियमितता नहीं बरती गई है। पंकजा इन दिनों अमेरिका में हैं। उनके अनुसार मंत्री बनने के बाद से उन्होंने विभाग में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए कई फैसले लिए हैं। हालांकि देवेन्द्र फड़नवीस सरकार पर भ्रष्टाचार का यह पहला आरोप है। कुछ दिनों पहले कांग्रेस ने राज्य के शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े पर फर्जी डिग्री रखने का आरोप लगाया था। इस बीच सरकार के एक अन्य वरिष्ठ मंत्री एकनाथ खड़से ने कहा कि यदि विपक्ष सबूत दे तो सरकार पंकजा के खिलाफ जांच कराने को तैयार है। खड़से के अनुसार विपक्ष का काम ही आरोप लगाना है। अचानक उभरे इन आरोपों से भाजपा रणनीतिकारों के माथे पर चिन्ता की लकीरें साफ दिखाई दे रही हैं। सरकार की सबसे बड़ी चिन्ता आगामी मानसून सत्र को लेकर है। आशंका है कि 21 जुलाई को शुरू हो रहा सत्र इन विवादों की भेंट चढ़ सकता है। इन चार देवियों की वजह से मोदी सरकार की छवि को नुकसान पहुंचा है। बेदाग मोदी सरकार पर धब्बे साफ नजर आ रहे हैं।

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