Friday, 24 July 2015

बिहार में अक्तूबर-नवम्बर में हो सकते हैं चुनाव

बिहार के अत्यंत महत्वपूर्ण विधानसभा चुनावी संग्राम कई चरणों में होने की संभावना है। बिहार में विधानसभा चुनाव अक्तूबर के आखिर से नवम्बर के शुरू तक हो सकते हैं। चुनाव आयोग के सूत्रों के अनुसार चुनाव कार्यक्रम को अंतिम रूप देने से पहले राज्य की चुनाव मशीनरी की तैयारियों का जायजा लेने के लिए आयोग की एक टीम बिहार जाएगी। इससे पहले विभिन्न मुद्दों पर बारीकी से काम किया जा रहा है। मुख्य सूचना आयुक्त नसीम जैदी और सूचना आयुक्त अचल कुमार ज्योति के अगले महीने की शुरुआत में पटना जाने की संभावना है। संभवत चुनाव आयोग अक्तूबर के अंत में त्यौहारी सीजन शुरू होने से पहले चुनाव कराने की गुंजाइश देख रहा है। इस चुनाव में भाजपा और उसके प्रतिद्वंद्वी जनता परिवार का काफी कुछ दांव पर लगा हुआ है। बिहार में 243 सदस्यीय विधानसभा की अवधि 29 नवम्बर को खत्म हो रही है और नए सदन का गठन इससे पहले हो जाना चाहिए। चुनाव तय तारीख से पहले छह महीने के भीतर कराए जा सकते हैं। इस बार भाजपा के साथ जद (एकी)-राजद गठबंधन दोनों की ही प्रतिष्ठा दांव पर है। दिल्ली में विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद भाजपा को बिहार से काफी उम्मीद है, वहीं नीतीश कुमार की जद (एकी) और लालू प्रसाद यादव के राजद के एक साथ आने के बाद इस गठबंधन का भविष्य कसौटी पर है। बिहार चुनाव के बाद तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, केरल और असम में विधानसभा चुनाव होने हैं। विधानसभा चुनाव के लिए महागठबंधन की ओर से साझा प्रचार अभियान की रूपरेखा तैयार हो गई है। जद (यू), राजद, कांग्रेस और एनसीपी अगले माह से साझा प्रचार अभियान की शुरुआत करेंगे। सूत्रों की मानें तो राजद और जद (यू) के साथ कुछ जगहों पर कांग्रेस भी मंच साझा कर सकती है। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि होनी अभी बाकी है। उधर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जय प्रकाश नारायण और कर्पूरी ठाकुर जैसे समाजवादी नेताओं के सपनों को तोड़ने का आरोप लगाते हुए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने गत सप्ताह भाजपा का बिगुल पूंका। राज्य के विभिन्न हिस्सों के लिए परिवर्तन रथ को हरी झंडी दिखाने से पहले पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान से राजग की रैली में शाह ने कहाöनीतीश कुमार ने सत्ता के लिए कांग्रेस से हाथ मिलाकर अपने मार्गदर्शक जय प्रकाश नारायण और कर्पूरी ठाकुर जैसे समाजवादियों का सपना तोड़ा है। शाह ने इस मौके पर 160 रथों को हरी झंडी दिखाई जिसे उन्होंने दूत (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रतिनिधि) बताया। ये रथ बिहार के विभिन्न हिस्सों में जाएंगे और केंद्र में राजग सरकार के दौरान हुए विकास के संदेश फैलाएंगे, साथ ही नीतीश कुमार व लालू प्रसाद यादव के गठजोड़ का पर्दाफाश करेंगे जिसे भाजपा ने अपवित्र करार दिया है। याद रहे कि हाल ही में सम्पन्न हुए बिहार विधानमंडल परिषद चुनाव में भाजपा को अच्छी सफलता मिली है। एनडीए ने 14 जबकि जेडीयू गठबंधन को आठ सीटों पर जीत मिल सकी। भाजपा इस परिणाम से उत्साहित है। मुकाबला कांटे का होगा।

-अनिल नरेन्द्र

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