Wednesday 29 July 2015

विदाई जनता के महामहिम की

भारत के सबसे लोकप्रिय व जनता के राष्ट्रपति जन-जन के प्रेरणास्रोत भारत रत्न डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम अब इस दुनिया में नहीं रहे। मिसाइल मैन के नाम से मशहूर भारत रत्न का सोमवार शाम को निधन हो गया। 84 वर्षीय कलाम शिलांग में एक व्याख्यान के दौरान बेहोश हो गए थे और बेहोश होकर गिर पड़े। उन्हें बेपनी अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पूर्व राष्ट्रपति के निधन पर सात दिन के राजकीय शोक की घोषणा कर दी गई है। उनके निधन से सचमुच एक शून्य पैदा हो गया है। बहुत ही गरीबी में पले-बढ़े कलाम तमाम अभावों से दो-चार होने के बावजूद न केवल एक सफल वैज्ञानिक ही बने बल्कि राष्ट्र के सच्चे हितैषी के रूप में देश के सर्वोच्च पद पर आसीन हुए। 21वीं सदी में जवान होती पीढ़ी के सामने कलाम एक प्रेरक पुंज के रूप में सामने आए। उनके पास एक विजन था, देश को विकसित मुल्कों की बराबरी में ला खड़ा करने का सपना था। जिस चीज के सहारे कलाम ने देश को बदलने का ख्वाब देखा वह है साइंस और टेक्नोलॉजी। तकनीक से उनके लगाव ने सिर्प युवाओं के बीच ही नहीं, सभी धर्म, जाति, संप्रदायों के बीच उन्हें खासा लोकप्रिय बनाया। पंडित जवाहर लाल नेहरू के बाद वे दूसरे ऐसे शख्स थे जिन्हें बच्चों से मिलने, बात करने में कोई झिझक नहीं होती थी। बेशक डॉ. कलाम से हमारा साथ अब छूट गया है पर कह सकते हैं कि उनकी प्रेरणा हमेशा हमारा साथ देगी और लगातार आगे बढ़ने की प्रेरणा देगी। उन्होंने पहले रक्षा वैज्ञानिक के तौर पर मिसाइल मैन के रूप में देश को अमूल्य सेवा दी, फिर राष्ट्रपति के रूप में समस्त देश को प्रेरणा प्रदान की। देशवासी यह कभी नहीं भूल सकते कि देश को एक सक्षम परमाणु सम्पन्न देश बनाने में उनका अद्वितीय योगदान था। राष्ट्रपति पद से हटने के बाद भी वह राष्ट्रीय शिक्षक की भूमिका निभाते रहे। अंतिम सांस लेने से ठीक पहले भी वह आईआईएम शिलांग में व्याख्यान दे रहे थे। वह पहले ऐसे राष्ट्रपति थे जिन्होंने सांसदों को कर्तव्य पथ पर अडिग रहने की शपथ दिलाई। उन्होंने न केवल देश को महाशक्ति बनाने का मूल मंत्र दिया बल्कि लोगों में यह विश्वास भी जगाया कि भारत एक महाशक्ति बन सकता है। देश के पहले पुंवारे राष्ट्रपति कलाम की हेयर स्टाइल अपने आपमें अनोखा था और एक राष्ट्रपति की आम भारतीय परिभाषा में फिट नहीं बैठता था, लेकिन देश के वह सर्वाधिक सम्मानित व्यक्तियों में से एक थे जिन्होंने एक वैज्ञानिक और एक राष्ट्रपति के रूप में अपना अतुल्य योगदान देकर देश की सेवा की। डॉ. कलाम के निधन से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है। यह एक ऐसा शून्य है जिसे भरा नहीं जा सकता। देश उनके अतुल्य योगदान को हमेशा याद रखेगा। भारत ने एक महान सपूत खो दिया है। हम उन्हें अपनी श्रद्धांजलि देते हैं।

-अनिल नरेन्द्र

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