Friday 17 July 2015

जज के सामने ही चलता रहा बोलियों का दौर

सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत राय की जमानत से जुड़े मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में रोचक मामला सामने आया। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में सहारा की 140 एकड़ जमीन को बेचने पर बहस हो रही थी। दरअसल सहारा समूह के वकील ने कोर्ट को बताया था कि समृद्धि डेवलपर्स 64 करोड़ रुपए में यह प्रॉपर्टी खरीदने को तैयार है। लेकिन गोरखपुर रियल एस्टेट कंपनी ने इसके खिलाफ अर्जी लगा दी। सोमवार को जब इस पर सुनवाई शुरू हुई तो दोनों कंपनियों के वकील बैंच के सामने पेश हुए और जमीन की बोली लगाने लगे। बोली 150 करोड़ रुपए तक पहुंच गई। उल्लेखनीय है कि सहारा ने सात जुलाई को 140 एकड़ जमीन 64 करोड़ में समृद्धि डेवलपर्स को बेचे जाने की सूचना अदालत को दी थी पर गोरखपुर रियल एस्टेट डेवलपर्स ने कहा कि वह इस जमीन के लिए 110 करोड़ रुपए देने को तैयार है। कोर्ट ने कहा कि वह इसका 10 प्रतिशत रकम (11 करोड़ रुपए) जमा कराए फिर उसकी बात सुनी जाएगी। सोमवार को गोरखपुर डेवलपर्स 11 करोड़ रुपए जमा कर सुनवाई में शामिल हो गई। बहस शुरू हुई तो समृद्धि डेवलपर्स ने कहा कि वह 110 करोड़ भी देने को तैयार है। इस पर गोरखपुर डेवलपर्स ने 115 करोड़ रुपए की बोली लगा दी। यह सब कुछ जज साहबों के सामने होता रहा। इस पर जजों ने समृद्धि डेवलपर्स के वकीलों से पूछा कि वे कुछ कहना चाहते हैं? समृद्धि के वकील पारस कुहार को कोर्ट रूम में मौजूद कंपनी के लोगों ने इशारे में बोली बढ़ाने को कहा। कुहार ने बोली बढ़ाकर 125 करोड़ रुपए कर दी। इतना सुनते ही गोरखपुर डेवलपर्स के वकीलों ने कहाöहम 140 करोड़ रुपए भी देने को तैयार हैं। इस पर समृद्धि डेवलपर्स ने 145 करोड़ की बोली लगा दी। इस पर फिर गोरखपुर डेवलपर्स ने कहा कि हम 150 करोड़ रुपए देंगे। आखिर में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई रोक दी और अगली तारीख तीन अगस्त की तय कर दी। साथ ही शर्त रखी कि दोनों पक्ष 150 करोड़ रुपए की 25 प्रतिशत रकम 31 जुलाई तक तीन किश्तों में डिपॉजिट करें। जो पक्ष बीच में भागा या बाकी रकम जमा कराने में नाकाम रहा उसके 37.5 करोड़ रुपए जब्त होंगे। जमीन से मिली रकम सेबी-सहारा के एकाउंट में जमा होगी। कोर्ट ने सुब्रत राय की जमानत के लिए इसी एकाउंट में पैसा जमा कराने को कहा है। जमानत के लिए 5000 करोड़ रुपए कैश और इतने की ही बैंक गारंटी जमा करानी है। इसके बाद 18 महीने में 26 हजार करोड़ रुपए चुकाने हैं। राय के वकील कपिल सिब्बल ने पिछली सुनवाई में कहा था कि दुनिया का कोई भी बिजनेस ग्रुप 18 माह में 30 हजार करोड़ रुपए नहीं चुका सकता। पीठ ने सेबी से कहा है कि वह सहारा समूह की सेबी-सहारा खाते का विवरण मुहैया कराए। यह भी बताए कि समूह द्वारा सेबी-सहारा खाते में जमा रकम का कहां-कहां निवेश किया गया है।

-अनिल नरेन्द्र

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