ट्वीट मास्टर ललित मोदी पिछले कुछ दिनों से चर्चा से
गायब हैं। कारण है कि देश में कई अन्य ज्यादा महत्वपूर्ण घटनाएं घटी हैं। फिर हर रोज
ट्वीट करके नए-नए नाम
लेकर ललित मोदी ने अपनी विश्वसनीयता घटा ली है। अब उनके आरोपों को ज्यादा तवज्जो नहीं
दी जा रही है। दूसरी ओर सरकार ने भी उनके खिलाफ जवाबी हमले करने शुरू कर दिए हैं। ललित
मोदी के कुछ ट्वीट उनके लिए मुसीबत का सबब बन सकते हैं क्योंकि ऐसे ही एक ट्वीट को
लेकर इस बार उनके खिलाफ सीधे राष्ट्रपति भवन ने दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई
है। राष्ट्रपति भवन ने जो शिकायत औपचारिक तौर पर दर्ज कराई है उसके अनुसार मोदी के
23 जून के उस ट्वीट की पति भी नत्थी है जिसमें उन्होंने राष्ट्रपति की
सचिव ओमिता पॉल के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। राष्ट्रपति भवन ने इस मुद्दे
पर कोई टिप्पणी करने से मना कर दिया है पर बता दें कि राष्ट्रपति भवन ने इस मामले में
पहले ही एक बयान जारी कर ललित मोदी के 23 जून के ट्वीट को निराधार
और दुर्भावनापूर्ण करार दिया था। दिल्ली पुलिस के कमिशनर बीएस बस्सी ने राष्ट्रपति
भवन से शिकायत मिलने की पुष्टि की है। दूसरी ओर पवर्तन निदेशालय(ईडी) ने ललित मोदी को धन शोधन निवारण अधिनियम
(पीएमएलएल) के मामले में नोटिस जारी किया है। इस
एकमात्र आपराधिक मामले में जारी नोटिस में तीन सप्ताह में पेश होने को कहा है। पेश
नहीं होने की स्थिति में उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया जा सकता है। विदेश
मंत्री सुषमा स्वराज और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर उठे सवालों के बाद
ईडी मोदी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई में तेजी दिखा रही है। हाल ही में ईडी ने आईपीएल
टूर्नामेंट में कथित आर्थिक अनियमितताओं और पूर्व कमिश्नर ललित मोदी के खिलाफ जांच
को आगे बढ़ाने के लिए सिंगापुर और मरिशस से कानूनी मदद मांगी है साथ ही एजेंसी ने अदालत
से दो अनुरोध (एलआर) पत्र पाप्त करने के
लिए कानूनी पकिया शुरू कर दी है। मुबंई जोनल कार्यालय ने अपने एक दल को सिंगापुर भी
भेजा है। ईडी के एक अधिकारी के मुताबिक मुंबई कार्यालय से ही मोदी को पेशी का नोटिस
भेजा गया है। ललित मोदी के खिलाफ ईडी ने फेमा के तहत कई मामले यूपीए सरकार में दर्ज
किए थे। यह सिर्प वित्तीय अनियमितताओं के खिलाफ जुर्माना वसूले जाने के पावधान तक सीमित
थे। हालांकि साल की शुरुआत में पीएमएलएल के तहत दर्ज मामले में सख्त सजा का पावधान
है। पीएमएलएल में दोषी करार आरोपी को सश्रम तीन से सात साल तक जेल के साथ भारी जुर्माना
वसूले जाने का भी पावधान है। पवर्तन निदेशालय के सूत्रों के अनुसार ललित मोदी को पिछले
हफ्ते ही समन सौंपा गया है। मोदी के वकील निर्णायक सुनवाई के लिए मुबंई आये थे। मोदी
को तीन हफ्ते में पेश होने के लिए कहा गया है। दरअसल 2008 में
आईपीएल के टेलीविजन पसारण अधिकारों के लिए 425 करोड़ रुपए के
करार किए गए थे। ईडी ने इस मामले में 2009 में फेमा के उल्लंघन
की जांच शुरू की। ललित मोदी पर सरकारी फंदा तेजी से बढ़ रहा है। सूत्रों के मुताबिक
इन मामलों की जांच में तेजी लाकर पवर्तन निदेशालय के अधिकारी मोदी के खिलाफ इंटरपोल
का रेड कार्नर नोटिस जारी करवाने की दिशा में बढ़ रहे हैं।
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