Sunday 19 July 2015

ऑटो ड्राइवर से जबरन संबंध बनाना चाहती थी

महिलाओं से बलात्कार की खबरें तो आए दिन सुनते ही रहते हैं पर यह कम ही सुना है कि एक महिला ने एक पुरुष से बलात्कार करने का प्रयास किया पर यह कलयुग है। यहां सब कुछ संभव है। खबर आई है कि एक ऑटो ड्राइवर ने संबंध बनाने से इंकार किया तो दो लड़कियों ने मिलकर उसे पहले तो पीटा और फिर लूट लिया। एक लड़की गिरफ्तार कर जेल भेज दी गई और दूसरी की तलाश जारी है। फरार महिला तंजानिया की रहने वाली है। यह घटना दक्षिण दिल्ली के अर्जुन नगर में हुई। यहां एक इमारत में 32 साल की अंजलि लालवानी किराये पर रहती है। इसी बिल्डिंग में तंजानिया की युवती भी रहती है। मंगलवार रात 12 बजे अंजलि इग्नू रोड पर मंडावली निवासी उमेश प्रसाद के ऑटो में अर्जुन नगर जाने के लिए सवार हुई। किराया 100 रुपए तय हुआ। पीवीआर साकेत पर अंजलि ने ऑटो रुकवाया और उमेश से 300 रुपए उधार लेकर सामान खरीदा। घर जाकर उसने सामान उमेश को पकड़ाया और उधार और किराया चुकाने के लिए उसे पहली मंजिल पर ले गई। उसने सामान अन्दर रखवाने के बहाने उमेश को अन्दर बुलाकर गेट बन्द कर लिया। अंजलि ने उमेश की कमीज और मोबाइल फोन निकाल लिया। अब उसने उमेश से संबंध बनाने के लिए कहा। उमेश ने इंकार कर दिया। अंजलि ने शराब के दो पैग बनाकर एक पैग उमेश को दिया। उसने पीने से मना कर दिया तो उसके मुंह पर अंजलि ने शराब उढ़ेल दी और उससे जबरन किस कर बाहर निकल गई। उसने बाहर से गेट बन्द कर दिया। अब वह तंजानिया की लड़की को बुला लाई। यह विदेशी लड़की मोबाइल से वीडियो बनाने लगी। उमेश ने विरोध किया तो अंजलि ने उसकी कमीज और बनियान फाड़ कर उसे लात मारी। वह नीचे गिर गया। अब विदेशी युवती ने उमेश की पेंट से पर्स निकाल कर उसमें रखे 500 रुपए और ड्राइविंग लाइसेंस निकाल लिया। अब उमेश हिम्मत कर दौड़ा और बॉलकनी से नीचे कूद गया। सड़क पर गिरने की वजह से उसके दोनों पैरों में फ्रैक्चर आ गया। वहां से गुजर रहे राहगीर ने 100 नम्बर पर कॉल कर दी। पुलिस के आने से पहले ही दोनों युवतियां वहां से नदारद हो गईं। कमरे में ताला लगा मिला। उमेश को अस्पताल ले जाया गया जहां उसे प्लास्टर चढ़ा। सुबह अंजलि आई तो लेडीज पुलिस बुलाकर उसे पकड़ लिया गया। उसने पुलिस से कहा कि उमेश उसका जानकार है और उसे उमेश से 1500 रुपए का उधार वापस लेना है। पुलिस उसे उमेश के सामने ले गई। तब अंजलि ने अपना गुनाह कबूल कर लिया। जैसा मैंने पहले कहा कि कलयुग है और कलयुग में कुछ भी असंभव नहीं।

-अनिल नरेन्द्र

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