Tuesday, 29 December 2015

रूस हमेशा भारत का भरोसेमंद दोस्त रहा है

वैश्विक परिप्रेक्ष्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूस यात्रा का महत्व कम नहीं आंका जा सकता है। आज नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन इस समय दुनिया के दो बड़े कद्दावर नेता हैं जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प का कई बार परिचय दिया है। इस लिहाज से प्रधानमंत्री मोदी ने सही ही कहा है कि मैं और पुतिन एक जैसे हैं। पीएम ने पुतिन और अपनी राजनीतिक यात्रा के बीच समानता बताते हुए कहा कि पुतिन ने भी 2000 में कमान संभाली थी और मैंने भी साल 2001 में। 2001 में मैंने पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के डेलीगेशन का हिस्सा बनकर बतौर मुख्यमंत्री रूस की यात्रा की थी। वह मेरी और पुतिन की पहली मुलाकात थी। जब भी मैं रूस जाता हूं, मेरे दिमाग में यह ख्याल उभरता है कि मैंने इस यात्रा में थोड़ी देर कर दी। दूसरा मुझ में थोड़ी हिचक भी है। मगर मैं इस बात पर उत्साहित भी हूं कि एक दोस्त के पास जा रहा हूं। संकट में मिले रूस के सपोर्ट पर मोदी ने कहा कि भारत को कभी यह चिन्ता करने की जरूरत नहीं पड़ी कि रूस इस मसले पर हमें सपोर्ट करेगा या नहीं। रूस भारत का एक मजबूत और भरोसेमंद दोस्त रहा है। दोनों देशों के बीच सही अर्थों में सामरिक साझेदारी है। भारत और रूस के बीच सांस्कृतिक संबंधों का लंबा इतिहास रहा है। रूस कठिनाइयों के समय हमेशा भारत के साथ खड़ा रहा है। समाचार एजेंसी इतर तास ने पुतिन के हवाले से कहाöद्विपक्षीय संबंध सभी क्षेत्रों में बढ़ रहे हैं जिसमें अंतर्राष्ट्रीय राजनीति, आर्थिक और मानवीय क्षेत्र शामिल हैं। कटु सत्य तो यह भी है कि सोवियत संघ के विघटन के बाद अमेरिका दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश बन गया। अमेरिका की आदत है कि वैश्विक राजनीति में अपनी छत्रछाया स्थापित करना चाहता है। कभी-कभी भारत भी उसके प्रभाव में आ जाता है, पर अपने हितों के अनुसार वैश्विक राजनीति को चलाना चाहता है। भारत पर वह इसी रणनीति के तहत जायज-नाजायज दबाव डालता रहता है। अमेरिकी डोमिनेंस को तोड़ने का सही तरीका है रूस और भारत व जापान का करीब आना और साझा विदेश नीति अपनाना। सोवियत संघ के टूटने के बाद ब्लादिमीर पुतिन पहले ऐसे रूसी राष्ट्रपति बने हैं जो अपनी बात कहने में कतराते नहीं। उन्होंने मध्य-पूर्व में सीरिया और असद को लेकर अमेरिका को उसकी रणनीति का समर्थन करने पर मजबूर किया। अमेरिका में राष्ट्रपति बराक ओबामा का कार्यकाल समाप्त होने को है। नए राष्ट्रपति के चुनाव के बाद ही पता चलेगा कि अमेरिका कैसी अंतर्राष्ट्रीय राजनीति करता है। इस लिहाज से मोदी की रूस यात्रा का विशेष महत्व हो जाता है। हम पीएम मोदी को इस सफल रूस यात्रा पर बधाई देना चाहते हैं। दोनों देशों के आपसी रिश्तों में नई मजबूती आएगी।

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