Tuesday 22 December 2015

असहिष्णुता पर शाहरुख की टिप्पणी दिलवाले को भारी पड़ी

असहिष्णुता पर शाहरुख खान को बयान देना भारी पड़ गया है। देश के करोड़ों लोगों ने उनके विचारों को बुरा माना है और अब यह विरोध उनकी ताजा रिलीज हुई फिल्म दिलवाले के रिलीज होने पर देखने को मिल रहा है। शाहरुख-काजोल की जोड़ी वाली दिलवाले और संजय लीला भंसाली की पीरियड फिल्म बाजीराव मस्तानी को प्रदर्शन के पहले ही दिन अलग-अलग कारणों से हिन्दू संगठनों के विरोध का सामना करना पड़ा। महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और गुजरात समेत कई राज्यों में दिलवाले के खिलाफ प्रदर्शन हुए। मुंबई में हिन्दू सेना के पांच कार्यकर्ताओं को दादर स्थित एक मॉल में घुसने की कोशिश करते हुए हिरासत में लेना पड़ा। ये लोग शाहरुख की असहिष्णुता पर की गई टिप्पणी के विरोध में दिलवाले फिल्म का प्रदर्शन रुकवाने का प्रयास कर रहे थे। मॉल के बाहर इन कार्यकर्ताओं ने शाहरुख खान मुर्दाबाद की नारेबाजी भी की। हालांकि मुंबई पुलिस मौके पर पहुंच गई और प्रदर्शनकारियों को खदेड़ दिया। मध्य प्रदेश में अलग-अलग हिन्दू संगठनों ने भोपाल, इंदौर और जबलपुर सहित कई शहरों में दिलवाले फिल्म का जमकर विरोध किया। भोपाल में हिन्दू मित्र मंडल के कार्यकर्ताओं ने ज्योति टाकीज के सामने प्रदर्शन किया वहीं शिवपुरी जिले में प्रदर्शनकारियों ने दो सिनेमाघरों में फिल्म का प्रदर्शन रुकवा दिया। इसी तरह जबलपुर जिले में विरोध के चलते तीन सिनेमाघरों में फिल्म का प्रदर्शन रोकना पड़ा। इंदौर में फिल्म का विरोध करने वाले हिन्दू संगठन के प्रमुख राजेश शिरोडकर को पुलिस ने गिरफ्तार भी किया। इस बीच बाम्बे हाई कोर्ट ने बाजीराव मस्तानी के प्रदर्शन पर स्थगनादेश से इंकार कर दिया। हालांकि अदालत ने महाराष्ट्र सरकार, सैंसर बोर्ड के अध्यक्ष, फिल्म के निर्माता-निर्देशक संजय लीला भंसाली और तीनों प्रमुख कलाकारोंöरणवीर सिंह, प्रियंका चोपड़ा और दीपिका पादुकोण को नोटिस कर जवाब मांगा है। पुणे के एक कार्यकर्ता हेमंत पाटिल ने भंसाली पर तथ्यों के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाया है। दूसरी तरफ राकांपा नेता अजीत पवार ने कहा कि यदि भाजपा को बाजीराव मस्तानी फिल्म पर कोई आपत्ति है तो उसे यह मामला सैंसर बोर्ड के पास ले जाना चाहिए था। गुजरात में हिन्दू राष्ट्र सेना के कार्यकर्ताओं ने मल्टीप्लेक्स थियेटर और सिनेमाघरों में दिलवाले के पोस्टर उतार दिए। कार्यकर्ताओं ने अहमदाबाद, सूरत और बड़ोदरा, वलसाड, मेहसाणा तथा राजकोट समेत कई शहरों में फिल्म का विरोध किया और शाहरुख खान के खिलाफ नारेबाजी की। यही हाल कानपुर और वाराणसी व हरियाणा के जींद में भी रहा। कानपुर में हिन्दू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने शाहरुख का पुतला पूंक कर विरोध जताया तो बनारस में काशी विद्यापीठ के छात्रों ने नारेबाजी करने के साथ-साथ ही दिलवाले के पोस्टर जलाए और उन पर जूते-चप्पल भी बरसाए। उधर जींद में भी फिल्म का जमकर विरोध हुआ। इस तरह सात राज्यों में दिलवाले की रिलीज का विरोध हुआ। इसकी वजह से फिल्म की ओपनिंग पर असर पड़ा। जहां तक फिल्म का सवाल है वह क्रिटिक्स हल्की बता रहे हैं। इससे एक बार फिर यह साबित होता है कि फिल्म सितारों को बहुत सोच-समझकर सियासी बयान देना चाहिए खासकर जब आपकी कामयाबी में सबका हाथ है। बता दें कि शाहरुख खान ने अपने 50वें जन्म दिन पर एक चैनल से बातचीत में कहा था कि देश में असहिष्णुता बढ़ रही है। अगर मुझे कहा जाता है तो एक प्रतीकात्मक तौर पर मैं भी अवॉर्ड लौटा सकता हूं। देश में तेजी से कट्टरता बढ़ी है। उन्हीं के इस बयान के तुरन्त बाद अगले दिन ही लश्कर--तैयबा प्रमुख हाफिज सईद ने बयान जारी कर कह दिया कि अगर शाहरुख समेत तमाम हिन्दुस्तान के मुसलमान भारत में घुटन महसूस कर रहे हैं तो वह पाकिस्तान आ सकते हैं। बयान देते ही शाहरुख को समझ आ गई कि उन्होंने गलती कर दी है। चतुर शाहरुख ने मौके की नजाकत भांप 16 दिसम्बर को माफी मांग ली लेकिन तब तक शायद देर हो चुकी थी। नतीजा सामने है।

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