Saturday 19 December 2015

अमेरिका झुकता है बस झुकाने वाला चाहिए

अमेरिका झुकता है बस झुकाने वाला चाहिए। मैं बात कर रहा हूं अमेरिका और रूस की। जब से रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन सीरिया-इराक में इस्लामिक स्टेट के खिलाफ मैदान में उतरे हैं धीरे-धीरे पासा पलट रहा है। आईएस पर चौतरफा हमले बढ़ रहे हैं। अब तक अमेरिका इस जिद पर कायम था कि सीरिया में राष्ट्रपति असद को शांति स्थापित करने के लिए पद से हटना होगा। दूसरी ओर पुतिन इस बात पर अड़े थे कि असद अपने पद पर बने रहेंगे और वही आईएस के खिलाफ अभियान की कमान संभालेंगे। आखिरकार सीरिया मामले में अमेरिका को रूस के सामने झुकना ही पड़ा। अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन केरी ने रूस की लंबे समय से चली आ रही उस मांग को मान लिया कि राष्ट्रपति बशर अल असद के भविष्य का फैसला सीरिया के लोगों को करने देना चाहिए। उधर आईएस के खिलाफ अब तो मुस्लिम देशों का भी मोर्चा दिख रहा है। इस्लाम के नाम पर दुनियाभर में दहशतगर्दी फैला रहे आतंकियों को सबक सिखाने के लिए मुस्लिम देशों ने कमर कस ली है। सऊदी अरब के नेतृत्व में 34 देशों ने आतंकवाद के खिलाफ सैन्य गठबंधन बनाने की घोषणा की है। इस गठबंधन का संयुक्त संचालन सऊदी अरब की राजधानी रियाद में स्थापित होगा। इस्लामिक सैन्य गठबंधन बनाने की जानकारी देते हुए सऊदी अरब की सरकारी संवाद एजेंसी ने कहा कि इस गठबंधन की जरूरत इसलिए पड़ी क्योंकि हर तरह से आतंकवाद का सफाया करना जरूरी है और इसके लिए विभिन्न स्तरों पर सहयोग की जरूरत है। आतंक के खिलाफ मुस्लिम देशों के सैन्य गठबंधन में सऊदी अरब के धुर विरोधी और शिया बहुल ईरान शामिल नहीं है। बता दें कि ईरान की नीति सुन्नी बहुल देशों से अलग है। वह सीरिया के शिया राष्ट्रपति बशर अल असद की सत्ता का समर्थन करता है और उनके पक्ष में अपनी सेनाएं भी भेजी हैं। वहीं यमन में भी वह शिया हूथी विद्रोहियों का समर्थन कर रहा है जबकि उनके खिलाफ सऊदी अरब सैन्य अभियान चला रहा है। इस इस्लामिक देशों के गठबंधन में पाकिस्तान, तुर्की, मालदीव, मलेशिया, यूएई, मिस्र और कतर शामिल हैं। वहीं गृहयुद्ध से जूझ रहे लीबिया और यमन को भी इसका हिस्सा बनाया गया है। आतंक का सामना कर रहे अफ्रीकी मुस्लिम बहुल देश मसलन माली, चाड, सोमालिया व नाइजीरिया भी गठबंधन में शामिल हैं। पाकिस्तान बहरहाल इस बात से हैरान जरूर है कि सऊदी अरब ने इस 34 मुस्लिम देशों के सैन्य गठबंधन में उसकी सहमति लिए बिना उसका नाम कैसे शामिल कर लिया? डॉन की रिपोर्ट के अनुसार पाक विदेश सचिव एजाज चौधरी ने कहा कि वह इस खबर से हैरान हैं कि सऊदी अरब ने पाकिस्तान को गठबंधन में शामिल किया है। यह पहला वाकया नहीं कि जब सऊदी ने इस्लामाबाद की अनुमति के बिना उसे गठबंधन में शामिल किया हो।

-अनिल नरेन्द्र

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