देश की सुरक्षा से जुड़ी जानकारियां पाकिस्तान
की खुफिया एजेंसी आईएसआई को लीक करने के मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया
है। इस तरह सुरक्षा बलों ने आईएसआई के लिए जासूसी करने वाले देशद्रोहियों का पर्दाफाश
किया है। दिल्ली, जम्मू और कोलकाता में पांच लोगों
को इस सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा द्वारा पकड़े
गए दो जासूसों में बीएसएफ का एक जवान भी शामिल है। दूसरी ओर मेरठ में सैन्य खुफिया
दस्तावेजों के साथ पकड़े गए पाकिस्तानी जासूस के तीन मददगार एजेंटों को कोलकाता एटीएफ
ने दबोचा है। इनसे साढ़े तीन लाख रुपए की नकली करेंसी भी बरामद की गई है। इनमें से
दो एजेंट 10 साल से आईएसआई के सम्पर्प में थे। आरोपियों की पहचान
कैफतुल्ला खान व अब्दुल रशीद के रूप में हुई है। कैफतुल्ला जम्मू-कश्मीर के राजौरी स्थित स्कूल में असिस्टेंट लाइब्रेरियन है। अब्दुल रशीद बीएसएफ
में हवलदार है। दोनों रिश्तेदार हैं। उधर कोलकाता पुलिस के विशेष कार्य बल
(एसटीएफ) ने रविवार को आईएसआई से संबंध रखने के
आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया। पुलिस ने बताया कि गार्डन रिच शिपबिल्डर्स एंड
इंजीनियर्स लिमिटेड में काम करने वाले मजदूर इरशाद अंसारी, उसके
बेटे अशफाक अंसारी और मोहम्मद जहांगीर को गिरफ्तार किया गया है। एटीएफ के उपायुक्त
ने बताया कि पांच लाख रुपए के जाली नोट के साथ उनके पास से कई दस्तावेज बरामद किए गए
हैं। नौसेना के लिए जहाज बनाने वाली रक्षा क्षेत्र की सार्वजनिक कंपनी जीआरएसई के नक्शे
भी आरोपियों के पास से बरामद हुए। इस तरह बीते कुछ दिनों में आधा दर्जन से ज्यादा आईएसआई
के एजेंटों को दबोचा जा चुका है। आईएसआई को सूचनाएं पहुंचाने के लिए व्हाट्सएप,
कभी-कभार ई-मेल से सूचनाएं
पहुंचाई जाती थीं। देश की सुरक्षा से संबंधित दस्तावेज लीक करने के मामले में जिस बीएसएफ
हवलदार की तलाश है उसने भी सुरक्षा से संबंधित अहम जानकारियां आईएसआई को मुहैया करवाई
हैं। अभी तक जांच में आधा दर्जन से अधिक ऐसे लोगों के नाम सामने आए हैं जिन्होंने कैफतुल्ला
को खुफिया जानकारियां उपलब्ध कराई हैं। इनमें से एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया
जबकि दूसरे हवलदार की तलाश में छापेमारी चल रही है। पुलिस के अनुसार पूछताछ में कैफतुल्ला
ने बताया कि वह भोपाल में आयोजित होने वाले एक कार्यक्रम में शामिल होने जा रहा था।
इस धार्मिक आयोजन में लाखों लोग शामिल
होते हैं। उसका मकसद भोपाल में आयोजन स्थल पर जाकर अपने नेटवर्प को बढ़ाकर कुछ नए लोगों
को अपने साथ मिलाना था। यह भी पता चला है कि कैफतुल्ला सेना के कई लोगों के सम्पर्प
में था। सूत्रों की मानें तो कैफतुल्ला का नेटवर्प सेना के भीतर तक था। इसके चलते वह
कई लोगों से जानकारी हासिल करने में कामयाब रहा। यह तो सभी जानते हैं कि देश के अंदर
आईएसआई काफी सक्रिय है और उसके एजेंट देश के कोने-कोने में फैले
हैं। समय-समय पर हमारी सुरक्षा व खुफिया एजेंसियां इनको पकड़ने
व इनका भंडाफोड़ भी करती रहती हैं पर पाक एजेंटों की सेना में घुसपैठ गंभीर मामला है।
सेना की तो अपनी इंटेलीजेंस यूनिट होती है। क्या उसे इतने बड़े गिरोह का पता नहीं चला?
इससे यह भी साबित होता है कि भारतीय सुरक्षा व खुफिया एजेंसियों को हर
समय गार्ड पर रहना पड़ेगा और ऐसे देशद्रोहियों से सावधान रहना होगा। हालांकि आईएसआई
अपने इरादों में तभी कामयाब हो सकती है जब उसे भारत के अंदर हमदर्द मिलें। अधिकतर पैसे
के चक्कर में फंसते हैं जबकि कुछ को देश के अंदर रहते हुए शिकायतें होती हैं। अलग-अलग कारण होते हैं। जरूरत है कि समाज भी सुरक्षा बलों की मदद करे।
-अनिल नरेन्द्र
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