Friday, 4 December 2015

गूगल की मदद से किया मर्डर का प्लान तैयार

गूगल के दर्जनों लाभ हैं पर कभी-कभी ऐसे किस्से सुनते हैं कि गूगल का किस तरह दुरुपयोग किया जाता है? वेस्ट दिल्ली के राजौरी गार्डन में 24 साल के निवासी अभिषेक भारद्वाज नंगली साहिब में अपने घर से ऑनलाइन ट्रेवल बिजनेस करता है। उसकी शादी 27 नवम्बर को राजौरी गार्डन में रहने वाली अमिता से तय हुई थी। अमिता पहले उसकी मुलाजिम थी। अभिषेक उसे इप्रैस करने की कोशिश करता रहता था। पिछले साल अमिता के पिता पृथ्वी पाल भारद्वाज का देहांत हो गया था। अमिता के घर में उसकी मां वंदना, छोटी बहन राधिका और उससे छोटा भाई दीपांशु (17) था। अभिषेक भारद्वाज पटना का मूल निवासी है। शादी तय होने के बाद 20 नवम्बर को अभिषेक अमिता, उसकी मां और बहन के साथ राजौरी गार्डन मार्केट में शापिंग के लिए गया था। दीपांशु घर पर था। अभिषेक ने शापिंग के बाद इन तीनों को करोल बाग के एक जूलर्स के शोरूम पर भेज दिया, लेकिन खुद उनके साथ नहीं गया। कुछ देर बाद वंदना के दो भतीजे नितिन और जतिन उनके घर पहुंच गए। गेट पर ताला लगा हुआ था। दीपांशु का फोन कनेक्ट नहीं हो रहा था। उन्होंने वंदना को कॉल की। बाहर ताला लगा देखकर और दीपांशु से बात नहीं होने पर वंदना ने रात 10.30 बजे पीसीआर कॉल की। पुलिस उनके घर पहुंची। घर के बाहर वंदना, अमिता, राधिका, नितिन और जतिन के साथ वहां अभिषेक भी खड़ा था। पुलिस ने ताला तोड़ दिया। अंदर जाने पर पुलिस ने देखा कि रसोई में गैस बर्नर के चारों नौब खुले हुए थे और कमरों में आग लगकर बुझ चुकी थी। दूसरे कमरे में बैड पर दीपांशु की लाश पड़ी थी। उसके सिर के पीछे से हमला किया गया था। घर में जूलरी, कैश और सभी कीमती सामान मौजूद थे। पुलिस ने पाया कि घर में हत्यारे की एंट्री जबरन नहीं हुई थी और दीपांशु को बचने की कोशिश का मौका नहीं दिया था। पुलिस ने वारदात के दौरान अभिषेक के मूवमेंट की जांच की तो वह शक के दायरे में आ गया। उसने गुनाह कबूल करने में ज्यादा वक्त नहीं लगाया। डीसीपी के मुताबिक अभिषेक ने बताया कि वह अमिता के सामने खुद को अमीर दर्शाता था। अमिता उससे शादी के लिए तैयार हो गई। वह बहाने से कई बार अमिता से करीब 30 लाख रुपए ले चुका था। अब शादी की शापिंग में खर्च हो रहा था। उसे अपनी पोल खुलने का डर सता रहा था। वह किसी भी तरह शादी टालना चाहता था। उसने दीपांशु की हत्या इसी मकसद से कर दी कि वह शादी को मुल्तवी करना चाहता था। डीसीपी के अनुसार अभिषेक ने गूगल पर सर्च कर सवाल किया कि किसी का मर्डर कर पकड़े जाने से कैसे बचा जा सकता है? गूगल से जवाब मिलने पर उसने प्लान बनाया और हत्या के बाद परदों में आग लगाकर रसोई गैस सिलेंडर से ब्लास्ट कर दिया तो घर उड़ जाएगा और हत्या का सबूत नहीं मिलेगा। वह अमिता और उसकी बहन-मां को जबरन करोल बाग भेजकर घर पहुंचा। दीपांशु ने दरवाजा खोल दिया। उसने बाहर वाले कमरे से हथौड़ा उठाया और दीपांशु के कमरे में जाकर पीछे से उसके सिर पर तीन जोरदार वार किए। उसके बाद दीपांशु के क्रिकेट बैट से उसके सिर, चेहरे और सीने पर जोरदार वार किए। पुलिस ने हथौड़ा, फोन और माचिस बराबर वाले की छत से बरामद कर लिया है। दीपांशु अमिता का इकलौता भाई था।

-अनिल नरेन्द्र

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