Thursday 31 December 2015

मुलायम सिंह यादव बनाम अखिलेश यादव

उत्तर पदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पाटी की अंदरूनी खींचतान बढ़ती ही जा रही है। एक तरफ बाप-बेटे यानी मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव में तनातनी चल रही है तो दूसरी ओर कार्यकर्ता और छुटभैया नेता आला कमान को बगावती तेवर दिखाने से बाज नहीं आ रहे हैं। नतीजा यह हो रहा है कि बेचारे अखिलेश अच्छा काम करते हैं तो कोई न कोई उनकी टांग खींच लेता है। मुलायम और अखिलेश में तनातनी का यह आलम है कि सपा मुखिया के पैतृक गांव सैफई में सालाना होने वाला रंगारंग महोत्सव में इस बार मुख्यमंत्री अखिलेश गायब रहे। हालांकि मुख्यमंत्री के सैफई महोत्सव उद्घाटन समारोह में न पहुंचने के बारे में आधिकारिक रूप से तो कोई जानकारी नहीं दी गई लेकिन पाटी सूत्रों की मानें तो अखिलेश पाटी के पदेश अध्यक्ष भी हैं इसलिए हो सकता है कि वे उनके करीबी समझे जाने वाले दो युवा नेताओं सुनील यादव उर्फ साजन तथा आनंद भदौरिया के निष्कासन से रुष्ट हैं। साजन सपा छात्र सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे जबकि भदौरिया लोहिया वाहिनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं। एटा के पाटी विधायक रामेश्वर यादव के बेटे सुबोध यादव को भी शनिवार को पाटी विरोधी गतिविधियों के कारण पाटी से निकाल दिया गया है। अठारह साल पहले शुरू हुआ सैफई महोत्सव पदेश में सत्तारूढ़ यादव परिवार का पारिवारिक जलसा माना जाता है जिसके उद्घाटन समारोह में परिवार के सभी सदस्य उपस्थित रहते हैं। पिछली बार भी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपनी सांसद पत्नी डिंपल और बच्चों के साथ उपस्थित थे। यह समारोह 11 जनवरी तक चलेगा जिसमें पाकिस्तानी गायक राहत फतेह अली खां और गजल गायक पिनाज असानी तथा बॉलीवुड के अनेक कलाकार अपने कार्यकम पस्तुत करेंगे तथा कई तरह के सांस्कृतिक कार्यकम होंगे। दरअसल पाटी नेतृत्व राज्य की 74 जिला पंचायतों के अध्यक्ष पदों को जीतने के लिए हरसंभव दांव चल रहा है। पाटी ने अभी तक 69 जिलों के पत्याशी घोषित किए हैं। सहारनपुर जिले में पाटी के नेता आपस में लड़ रहे हैं। ऐसे में नेतृत्व को इस जिले में चुनाव में जीत हासिल करने को लेकर संशय बना हुआ हैं। इधर पाटी द्वारा घोषित उम्मीदवारों को लेकर अधिकतर जिलों में सपा विधायक व अन्य जिम्मेदार नेता ही खुल कर बगावत पर उतर आए हैं। ये विधायक और नेता अपनी पत्नी बेटे-बेटी या भाई-भतीजों को चुनाव लड़वाने की जुगत बैठाने में लगे हैं। जिलों में बगावत इस कदर बढ़ गई है कि विधायक पाटी के घोषित पत्याशियों व उनके परिजनों के साथ मारपीट तक उतर आए हैं। समाजवादी पाटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव की बार-बार दी गई नसीहतों के बावजूद समाजवादियों का रवैया गुटबाजी का शिकार है। मुलायम के निर्देश पर शिवपाल कार्रवाई करने में लगे हुए है। इसका सीधा असर अखिलेश सरकार की कारगुजारी पर पड़ रहा है।

-अनिल नरेंद्र

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