Tuesday 1 December 2015

इस्लामिक स्टेट के खिलाफ खुलते मुस्लिम मोर्चे ः कश्मीर पर नजर

एक तरफ पेरिस पर आतंकी संगठन आईएस के हमले के बाद ब्रिटेन जैसे विकसित देशों में मुस्लिमों के खिलाफ नफरत बढ़ रही है, दूसरी तरफ मुस्लिम ही आईएस के खिलाफ लड़ने को खड़े हो गए हैं। इराक और सीरिया के साथ ही पूरी दुनिया में कहर ढा रहे आतंकी आईएस के खिलाफ अब मुस्लिम समाज ने भी मोर्चा खोल दिया है। भारत में मुस्लिम उलेमाओं द्वारा फतवा जारी करना, भारत में आईएस के विरोध में मुस्लिम संगठनों द्वारा रैलियां निकालने के बाद अब इंडोनेशिया में भी यह पहल बड़े स्तर पर की जा रही है। उल्लेखनीय है कि इंडोनेशिया दुनिया का सबसे ज्यादा आबादी वाला मुस्लिम देश है। यहां की एक बहुप्रतिष्ठित मुस्लिम संस्था ने आईएस की विचारधारा के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया है। यह संस्था वैश्विक स्तर पर बताएगी कि सच्चा जेहाद क्या है और किस तरह आईएस इस्लाम के खिलाफ है। नहदलातुल उलमा नाम की संस्था ने बृहस्पतिवार को एक फिल्म के साथ अपने वैश्विक अभियान की शुरुआत की। इस फिल्म में इस्लाम की उत्पत्ति और उनके सिद्धांतों के बारे में बताया गया है। संस्था से पांच करोड़ से भी ज्यादा लोग जुड़े हैं। जहां सारी दुनिया में आईएस के खिलाफ माहौल बन रहा है वहीं हमारे पड़ोसी मुल्क में जैश--मोहम्मद जैसे आतंकी संगठन आईएस से गठजोड़ करने की फिराक में हैं। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक कश्मीर घाटी में आतंकियों का आधार खत्म होने के बाद जैश अब नई ताकत जुटा रहा है। घाटी में इन दिनों इस संगठन के लगभग एक दर्जन आतंकी सक्रिय हैं। जैश के सरगना मौलाना मसूद अजहर ने पीओके के आतंकी प्रशिक्षण शिविर को फिर से सक्रिय किया है। पिछले दो सालों से पीओके में लश्कर--तैयबा और हिजबुल मुजाहिद्दीन के ही आतंकी प्रशिक्षण शिविर सक्रिय रहे हैं। अब जैश ने आतंकियों की घुसपैठ के लिए लांचिंग पैड पर प्रशिक्षण शुरू किया है और प्रशिक्षित आतंकियों को भेजना शुरू किया है। लश्कर--तैयबा और जमाद-उद-दावा का संस्थापक हाफिज सईद भी लगातार सीमा से सटे आतंकी कैंपों के दौरे कर आतंकियों को भारत पर हमले करने के लिए भड़का रहा है। बीएसएफ के आईजी राकेश शर्मा ने दावा किया कि सुरक्षा एजेंसियों के पास इसके पुख्ता इनपुट हैं। उन्होंने कहा कि 26/11 का मास्टर माइंड हाफिज सईद पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रहा है। उधर पश्चिमी एशिया में इस्लामिक स्टेट को कुचलने के मकसद से महासैन्य गठबंधन का हिस्सा बनने के लिए अमेरिका, रूस व फ्रांस माहौल बना रहे हैं वहीं पाकिस्तान सेना ने कहा है कि हम क्षेत्र से बाहर किसी भी अभियान के लिए सैनिक नहीं भेजेंगे। सैन्य प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल आसिम सलीम बाजवा ने कहाöहमने पहले ही अफगान सीमा पर एक लाख 82 हजार सैनिक तैनात किए हैं। हम अपने क्षेत्र से बाहर किसी भी तरह की सहभागिता के बारे में सोच नहीं रहे। दूसरे शब्दों में पाकिस्तान आईएस के आतंकियों से कतई नहीं लड़ेगा। आईएस की पत्रिका दबिक के एक लेख के मुताबिक भारत में वह (अलकायदा) कश्मीरी नेशनलिस्ट गुटों के साथ है। उनकी हर गतिविधि सिर्प धर्मद्रोही पाकिस्तानी सेना के आदेश पर तय होती है। आईएस ने यह भी कहा कि कश्मीरी आतंकियों को अलकायदा का भी सपोर्ट है। अफगानिस्तान, पाकिस्तान, तुर्पमेनिस्तान और उत्तर-पश्चिमी भारत में अलकायदा के सक्रिय होने की बात भी लिखी गई है। आईएस कश्मीर में हमले के लिए अफगान व पाक तालिबान के आतंकियों को इकट्ठा करने की कोशिश में है।

-अनिल नरेन्द्र

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