Sunday 30 October 2016

देश की सुरक्षा करते जवानों के लिए एक दीपक जरूर जलाएं

दीपावली के इस खास उत्सव को मनाने के लिए  लोग बेहद उत्सुकतापूर्वक इंतजार करते हैं। यह बहुत ही महत्वपूर्ण त्यौहार है, खासतौर पर घर के बच्चों के लिए। भारत एक ऐसा देश है जिसको त्यौहारों की भूमि कहा जाए तो गलत नहीं होगा। भगवान राम के 14 साल का वनवास काटकर अपने घर लौटने की खुशी में मनाया जाने वाला यह त्यौहार देश-विदेश में धूमधाम से मनाया जाता है। दीपावली एक ऐसा त्यौहार है जिसकी रोशनी का उत्सव या लड़ियों की रोशनी के रूप में भी जाना जाता है जो कि घर में लक्ष्मी के आने का संकेत होने के साथ-साथ बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। असुरों के राजा रावण को मारकर प्रभु श्रीराम ने धरती को बुराइयों से मुक्त कराया था। पर क्या सही मायनों में रावण मारा गया? नहीं रावण तो आज भी जिन्दा है। आजकल के रावण ऐसे-ऐसे कुकृत्य कर रहे हैं जिनका वर्णन करना भी मुश्किल है। खैर, हम बात कर रहे थे दीपावली की। बाजारों को दुल्हन की तरह शानदार तरीके से सजाया जाता है। इन दिनों बाजारों में खासी भीड़ रहती है। खासतौर पर मिठाइयों, ड्राई फ्रूड्स इत्यादि की दुकानों पर। बच्चों के लिए यह दिन मानो नए कपड़े, खिलौने, पटाखे और उपहारों की सौगात लेकर आता है। दीपावली आने के कुछ दिन पहले ही लोग अपने घरों की साफ-सफाई के साथ दीयों से, लड़ियों से घर को रोशन करते हैं। देवी लक्ष्मी की पूजा के बाद शुरू होता है आतिशबाजी का दौर। वर्तमान स्थिति ऐसी बन गई है कि इस बार लोग भारतीय सामान को प्राथमिकता दे रहे हैं। लोग चीनी निर्मित लड़ियों, पटाखों इत्यादि का बायकाट कर हिन्दुस्तानी सामान को पसंद कर रहे हैं। हमने भी अपने घर के लिए हिन्दुस्तान निर्मित लड़ियां मंगवाई हैं। यह अच्छी क्वालिटी की एलएडी बल्बों से बनाई गई हैं और ज्यादा महंगी भी नहीं हैं। वैसे कहा तो यह जाता है कि इसी दिन लोग बुरी आदतों को छोड़कर अच्छी आदतों को अपनाते हैं पर वास्तविक स्थिति भिन्न है। जुए की प्रथा बरसों से चली आ रही है और दीपावली के दिनों में यह जोरों पर चलती है। बुराई को भगाने के लिए हर तरफ चिरागों की रोशनी इसलिए की जाती है ताकि देवी-देवताओं का स्वागत हो। दीपावली के  दो हफ्ते पहले से ही बच्चों द्वारा स्कूलों में कई सारे क्रियाकलाप शुरू हो जाते हैं। दीपावली पांच दिनों का एक लंबा उत्सव है। पहले दिन को धनतेरस, दूसरे को छोटी दीपावली, तीसरे को दीपावली या लक्ष्मी पूजा, चौथे को गोवर्द्धन पूजा तथा पांचवें को भैयादूज कहते हैं। हम आप सबको दीपावली की शुभकामनाएं देते हैं और सेफ दीपावली मनाने का अनुरोध करते हैं। हमारी सीमाओं पर, देश के अंदर हमारी रक्षा करते जवानों को दीपावली पर जरूर याद करें। उनके लिए एक दीपक जरूर जलाएं।

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