Saturday, 1 October 2016

इसरो की आसमान छूती एक और कामयाबी

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानि इसरो ने एक और शानदार, गौरवमय उपलब्धि हासिल कर ली है। सोमवार को पीएसएलवी रॉकेट के जरिये दो अलग-अलग कक्षाओं में आठ उपग्रह स्थापित करना कोई आसान काम नहीं है। इन आठ उपग्रहों में भारत का एक मौसम उपग्रह स्कैटसेट-1 और अन्य देशों के पांच उपग्रह शामिल हैं। स्कैटसेट-1 के अलावा जिन उपग्रहों को कक्षा में प्रवेश कराया गया, उनमें भारतीय विश्वविद्यालयों के दो उपग्रह-प्रथम और पीआई सेट हैं। अल्जीरिया के तीन उपग्रह-अलसैट-1बी, अलसैट-2बी और अलसैट-1एन शामिल हैं। एक अमेरिकी उपग्रह-पाक फाइंडर-1 और कनाडा का एनएलएस-19 भी शामिल हैं। इसरो यानि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन उन गिने-चुने संस्थानों में से एक है जिन पर भारत गर्व कर सकता है। ऐसे दौर में जब हर तरफ कर्तव्य के प्रति लापरवाही, खुदगर्जी और अनुशासन का अवमूल्यन नजर आता है, इसरो लगन, मेधा और मेहनत की एक मिसाल बन गया है। इसीलिए यह स्वाभाविक ही इसरो का शानदार इतिहास है और एक से बढ़कर एक कीर्तिमान इसके नाम जुड़ते जा रहे हैं। इसी सिलसिले की ताजा कड़ी है सोमवार को श्रीहरिकोटा से पीएसएलवी-सी35 की लांचिंग। यह अंतरिक्ष में भारत की एक और बड़ी छलांग है। इसके जरिये इसरो ने अब तक के अपने सबसे मुश्किल और लंबे मिशन को अंजाम दिया है। यह रॉकेट एक साथ आठ उपग्रहों को लेकर गया है पर इससे भी बड़ी बात है उपग्रहों को अलग-अलग कक्षा में स्थापित करना। ऐसा दुनिया में सिर्प दूसरी बार हुआ है। इसी से इसरो की ताजा उपलब्धि की अहमियत का अंदाजा लगाया जा सकता है। ऐसी ही सफलताओं के कारण इसरो की गिनती इस समय दुनिया की सबसे भरोसेमंद अंतरिक्ष एजेंसियों में होती है। इसी भरोसे का नतीजा है कि दुनिया के विकसित देश भी अपने उपग्रह को लांच करने के लिए भारत आ रहे हैं। सोमवार को ही जो उपग्रह लांच हुए, उनमें अमेरिका और कनाडा जैसे देशों के उपग्रह भी शामिल हैं। इसरो की एक और उपलब्धि यह भी है कि इसरो ने बहुत कम लागत में अंतरिक्ष अभियान को अंजाम देने का अर्थशास्त्र तैयार किया है। इस वजह से भी वह उपग्रह स्थापित करने की अंतर्राष्ट्रीय स्पर्द्धा में सबसे आगे है। यह ऐसा बाजार है जिसकी संभावनाएं लगातार बढ़ रही हैं। किफायती होने से इसरो की कारोबारी धाक जमी है और इसने 2013 से 2015 के बीच 13 देशों के 28 उपग्रह भेजकर कोई 10 करोड़ डॉलर की कमाई की। इस साल 22 जून तक इसरो 74 विदेशी उपग्रह प्रक्षेपित कर चुका था, सोमवार को यह तादाद बढ़कर 79 हो गई है और उम्मीद की जा सकती है कि इसरो जल्द ही शतक पूरा कर लेगा। हम इसरो के तमाम वैज्ञानिकों, टेक्नीशियनों को इस शानदार उपलब्धि पर बधाई देते हैं।

-अनिल नरेन्द्र

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