Tuesday, 4 October 2016

वर्ल्ड मीडिया पूछ रहा है कि अगर हमला नहीं हुआ तो बेचैनी क्यों?

गुलाम कश्मीर में भारतीय सेना द्वारा सर्जिकल स्ट्राइक के तथ्य को सभी पाकिस्तानी अखबारों ने गलत बताया है। लेकिन वहां यह जरूर पूछा जाने लगा है कि उड़ी हमले को लेकर आखिर नवाज शरीफ सरकार की थ्यौरी दुनिया क्यों मानेगी जबकि पाकिस्तान खुद ही आतंकियों पर काबू नहीं कर पा रहा है। द न्यूज इंटरनेशनल में अयाज अमीर ने लिखा है कि उड़ी हमले को हमने भारत द्वारा खुद हमला करके खुद को पीड़ित दिखाने की कोशिश है। संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तानी प्रतिनिधि मलिहा लोधी ने भी यही बात रखी। लेकिन क्या इसे दुनिया मानने को तैयार है? दूसरी ओर इस स्ट्राइक पर वर्ल्ड मीडिया क्या कह रहा है? बीबीसी ने अपनी रिपोर्ट में एक अनाम पाकिस्तानी सैन्य अधिकारी के हवाले से कहा है कि सर्जिकल स्ट्राइक बुधवार की देर रात शुरू हुई। यह करीब छह घंटे तक चली। पाकिस्तान के आतंकियों ने हमले की योजना बनाई थी और इन्हें रोकने के लिए ही यह कार्रवाई की गई। न्यूयार्प टाइम्स ने एक शीर्ष भारतीय अफसर के हवाले से लिखाöसर्जिकल स्ट्राइक से पाक परेशान हो गया है। स्ट्राइक के बाद भारत अब पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए आर्थिक और कूटनीतिक मोर्चे पर अलग-थलग करेगा। इसके लिए कई चरणों में कूटनीति बनाई जा रही है। इसमें आर्मी सिर्प एक विकल्प है। ब्रिटेन के डेली मेल ने लिखाöभारत ने शुरू किया आपरेशन पे बैक, पीओके में आतंकियों के बेस पर हमला किया। 38 जेहादियों और उनके दो हैंडलरों को मार डाला। उड़ी में 18 की मौत पर जवाब देते हुए यह कार्रवाई की। चार घंटे तक इस आपरेशन में सेना ने अपनी कुशलता दिखाई। यह पहला मौका है जब भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक का सार्वजनिक खुलासा किया। देश की सुरक्षा के खतरों को खत्म करने के लिए यह पीएम मोदी की ताकतवर अप्रोच दिखाता है। पाकिस्तान का द एक्सप्रेस ट्रिब्यून कहता है कि भारतीय सेना ने सीजफायर का उल्लंघन कर हमारे दो सैनिकों को मार डाला और इसे सर्जिकल स्ट्राइक का नाम दे दिया। यह मोदी सरकार का अपना चेहरा बचाने की कोशिश है। पाक के प्रतिष्ठित अखबार द डॉन ने लिखाöभारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने लगा है। भारतीय सेना की कार्रवाई क्या सर्जिकल स्ट्राइक थी? सीपीएम नेता सीताराम येचुरी के बयान का हवाला देते हुए लिखा है कि भारत में इसे लेकर कन्फ्यूजन है। ब्रिटेन के द टेलीग्राफ ने लिखाöभारतीय जवानों ने गुलाम कश्मीर में घुसकर छह से आठ आतंकी कैंपों पर हमले किए। इन कैंपों में वे लोग थे जो घुसपैठ कर भारत में आतंकी घटनाओं को अंजाम देना चाहते थे। अल जजीरा ने भी कहा है कि जहां यह सैन्य कार्रवाई की गई, वहां के लोग भी डर गए हैं। उसने सीमावर्ती इलाके के निवासी सैफुल्ला के हवाले से रिपोर्ट की है कि जब गोलियां चलनी शुरू हुईं तो आसपास के लोग डर गए। हालांकि अब कुछ नहीं हो रहा है और स्थिति सामान्य हो गई है लेकिन तनाव जारी है। अगर भारत ने यह सर्जिकल स्ट्राइक नहीं की थी तो आतंकी संगठन जमात-उद-दावा के सरगना हाफिज सईद यह धमकी क्यों देते? भारत को हम बताएंगे कि असली सर्जिकल स्ट्राइक क्या होती है? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जल्द ही पता चल जाएगा। संयुक्त राष्ट्र में आपकी मदद करने वाला कोई नहीं है। हम बदला जरूर लेंगे। अगर सर्जिकल स्ट्राइक न हुई होती तो पाकिस्तानी सेना की पांच बटालियन एलओसी की ओर क्यों मूव करतीं? ये पाकिस्तानी सेना की रिजर्व बटालियन है। यही नहीं, पाकिस्तान ने अपने जवानों की छुट्टियां भी रद्द कर दी हैं। पीएम नवाज शरीफ ने अपनी कैबिनेट की आपात बैठक में कहा युद्ध थोपा गया तो हम मुंहतोड़ जवाब देंगे। वैसे एक अन्य घटनाक्रम में ईरान 27 सितम्बर से लगातार पाकिस्तान सीमा पर गोलीबारी और मोर्टार दाग रहा है। ईरान बॉर्डर गार्ड्स का कहना है कि पाकिस्तान 2014 के समझौते के मुताबिक सुन्नी विद्रोही गुटों पर लगाम नहीं लगा रहा है और ये समूह ईरान में आतंकी हमलों को अंजाम दे रहे हैं।

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