Friday, 28 October 2016

वेंटिलेटर पर तमिलनाडु ः इशारों में बात करतीं जयललिता

34 दिन हो गए हैं और तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता चेन्नई के अपोलो अस्पताल में भर्ती हैं। डाक्टर सिर्प यही कह रहे हैं कि वे ठीक हैं। 22 सितम्बर की रात 9.45 बजे अचानक मुख्यमंत्री आवास पोएस गार्डन में पता चला कि जयललिता बेहोश हो गई हैं। सीएम हाउस से अपोलो हॉस्पिटल के मालिक और बेटी और सीईओ प्रीथा रेड्डी के पास फोन आया। फौरन अपोलो की एंबुलेंस रवाना हुई। यह नहीं बताया गया कि मरीज कौन है? अचानक एंबुलेंस के ड्राइवर को कहा गया कि सीएम हाउस पहुंचो। 30 मिनट बाद जया बेहोशी की हालत में ग्रीम्स रोड के अपोलो हॉस्पिटल के आईसीयू में पहुंच चुकी थीं। जयललिता पहली बार अपोलो लाई गईं। इससे पहले तबीयत बिगड़ने या चैकअप कराने हर तीन-चार महीने में चेन्नई के ही श्रीराम चन्द्र हॉस्पिटल जाती रही हैं। ये बातें किसी को बताई नहीं जाती थीं। दिन में उन्हें अपोलो नहीं  लाया जाता। पर स्थिति नाजुक थी। अगले दिन 23 तारीख को प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली के तीन एम्स के डाक्टरों को चेन्नई भेजा। इनमें कार्डियोलॉजिस्ट नीतीश नायक, पल्मोनोरोलॉजिस्ट जीसी खिलनानी और एनेस्थे शिस्ट अनजन त्रिखा थे। इसी बीच जयललिता को माइनर हार्ट अटैक आया। उनकी शुगर काफी बढ़ी हुई थी और ब्लड प्रैशर बेकाबू था। उन्हें पेस मेकर लगाया गया। यह 24 से 27 के बीच की बात है। 28 से उनकी हालत और खराब होने लगी। मल्टी आर्गेन प्रॉब्लम्स शुरू हो गईं। किडनी, लीवर और फेफड़ों में इन्फैक्शन हो चुका था। 28 को ही वेंटिलेटर पर रखा दिया गया। इस बीच लंदन से डॉ. रिचर्ड जॉन बेले को बुलाया गया। सिंगापुर से भी डाक्टरों की टीम आ चुकी थी। अपोलो ने पहली बार बाहर से एक्सपर्ट बुलवाए हैं। जयललिता की देखरेख में अभी अपोलो के 18 डाक्टरों की टीम तैनात है। डाक्टरों की टीम में से कई डाक्टर आईसीयू के आसपास बने वीवीआईपी वार्ड में ही रह रहे हैं। नौ नर्सें हैं जिनकी शिफ्ट में ड्यूटी लगती है। इनके फोन तक ले लिए गए हैं। किसी से बात करने की मनाही है। दो दिन पहले मेडिकल बुलेटिन में बताया गयाöरी इज इंटरेक्टिंग। गले में ट्राइको नली लगाई गई है, इसी से वो फ्लूड और ऑक्सीजन ले रही हैं। नली के कारण बोलना संभव नहीं है। वे इशारों में जवाब दे रही हैं। लिखकर भी जवाब दे सकती हैं पर हाथ-पैर हिला-डुला नहीं सकतीं। लंदन के डाक्टर ने उन्हें मुस्कुराने को कहा तो वे मुस्कुराईं। अभी वो वेंटिलेटर पर हैं। वजन भी काफी घट गया है। हालत अब भी गंभीर बनी हुई है। केरल के एक डाक्टर के जरिये जब अपोलो के डाक्टर से बात करने की कोशिश की तो जवाब मिलाöमेरी जान और नौकरी दोनों खतरे में हैं। कोई बात नहीं कर पाऊंगा। उम्मीद की जाती है कि जयललिता जल्द स्वस्थ होकर फिर से अपने काम संभाल लेंगी।

-अनिल नरेन्द्र

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