Saturday 15 October 2016

बौखलाई शरीफ सरकार आतंकियों को भूल पत्रकारों के पीछे पड़ी

आतंकियों को संरक्षण देने के कारण आज पूरी दुनिया में अलग-थलग पड़ने से बौखलाए पाकिस्तान का अब सारा गुस्सा मीडिया पर उतारू है। आतंकियों को हर संभव समर्थन देने को लेकर नवाज शरीफ सरकार और पाक सेना के बीच तीखे मतभेद की खबर लिखने वाले डॉन अखबार के वरिष्ठ पत्रकार सिरिल अलमीडा के पाकिस्तान से बाहर जाने पर पाक सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया है। द डॉन के स्तम्भकार और संवाददाता सिरिल ने ट्वीट कर कहा कि उन्हें बताया गया है कि उन्हें निकास नियंत्रण सूची में रखा गया है। यह पाकिस्तान सरकार की सीमा नियंत्रण की व्यवस्था है। इसके तहत सूची में शामिल लोगों को देश छोड़ने से रोका जाता है। अलमीडा ने कहा कि उन्होंने लंबे समय पहले से विदेश यात्रा की योजना बनाई हुई थी। अब से कम से कम कई माह पहले की योजना। कई ऐसी चीजें हैं, जिन्हें मैं कभी माफ नहीं कर सकता। नवाज सरकार ने इस प्रतिबंध पर आधिकारिक तौर पर तो कोई बयान नहीं दिया है लेकिन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के अधिकारियों ने कहा कि वे इस मनगढ़ंत कहानी छापने के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे। बता दें कि सिरिल अलमीडा ने एक रिपोर्ट में बताया था कि एक अहम बैठक में सैन्य और असैन्य नेतृत्व के बीच संदिग्ध दरार दिखाई दे रही है। इस बैठक में ताकतवर खुफिया एजेंसी आईएसआई को कहा गया था कि आतंकी समूहों को उसकी ओर से समर्थन दिए जाने से पाकिस्तान वैश्विक रूप से आज दुनिया में अलग-थलग पड़ गया है। एक हफ्ते पहले अलमीडा ने द डॉन में पहले पन्ने पर लिखी इस खबर में आगे लिखा था कि दरार की मूल वजह वे आतंकी समूह हैं, जो पाकिस्तान सेना के संरक्षण में फल-फूल रहे हैं और भारत-अफगानिस्तान में आतंकी हमले करते रहते हैं। माना जा रहा है कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख राहिल शरीफ के दबाव के बाद नवाज सरकार ने यह कदम उठाया है। अलमीडा पर  लगे प्रतिबंध के खिलाफ पाकिस्तान का पूरा मीडिया एकजुट हो गया है और सरकार के इस कदम का विरोध कर रही है। सिरिल पर देश छोड़ने पर रोक लगाकर पाकिस्तान ने अपनी मुसीबत और बढ़ा ली है। विश्व समुदाय के बीच पहले से ही बदनाम पाकिस्तान अब अंतर्राष्ट्रीय समाचार माध्यमों में इस कारण से चर्चा में है कि उसने किसी अपराधी-आतंकी के देश छोड़ने पर पाबंदी लगाने के बजाय एक पत्रकार को एग्जिट कंट्रोल लिस्ट में डाला। अखबार के संपादक की ओर से सिरिल के समर्थन में कहा गया कि उन्होंने जो भी लिखा उसकी सत्यता की जांच-परख की गई थी। पाकिस्तानी मीडिया का एक धड़ा भी सिरिल अलमीडा के खिलाफ खड़ा दिख रहा है। एक अखबार ने तो यहां तक लिख दिया कि वह भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के एजेंट हैं। हम अपने पाकिस्तानी भाई पत्रकार सिरिल के साथ खड़े हैं और पाक सरकार के इस कदम की निन्दा करते हैं।

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