Tuesday 18 October 2016

इस दीपावली चीनी सामान का बहिष्कार करो

सोशल मीडिया पर ड्रैगन (चीन) के बहिष्कार के अभियान से व्यापारियों को दीपावली के सीजन में बड़ा झटका लग सकता है। भारत-पाकिस्तान के जारी तनाव में चीन के भारत विरोधी रवैये के बाद सोशल मीडिया, फेसबुक, व्हाट्सएप आदि पर चीन से आयातित सामान को न खरीदने के लिए अपील का असर अब दिखना शुरू हो गया है। खुदरा व्यापारियों का कहना है कि चीनी प्रॉडक्ट्स की डिमांड में 20 प्रतिशत की कमी आई है। लेकिन चीन के सरकारी मीडिया का दावा है कि हमारे प्रॉडक्ट्स अब भी पूरे भारत में लोकप्रिय हैं और बॉयकॉट अपील को सफलता नहीं मिल सकती। कन्फैडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने कहा है कि दीपावली में चीन के लाइटिंग और डेकोरेटिव प्रॉडक्ट्स का काफी इस्तेमाल किया जाता रहा है और ये त्यौहार से तीन महीने पहले ही बाजार में आ जाते हैं। ये प्रॉडक्ट्स इस बार भी होलसेलरों के पास हैं, लेकिन खुदरा कारोबारियों की ओर से डिमांड 20 प्रतिशत तक कम है, क्योंकि उन्हें लगता है कि लोग इन्हें नहीं खरीदेंगे। दीपावली से पहले राजस्व खुफिया निदेशालय ने नौ करोड़ के मूल्य के चीन निर्मित पटाखे जब्त किए हैं। तुगलकाबाद में इनलैंड कंटेनर डिपो में छह बड़े कंटेनरों से अवैध रूप से आयातित इन पटाखों को जब्त किया गया। नोएडा के व्यापारियों ने 150 करोड़ के चाइनीज सामान का आयात रद्द कर दिया है क्योंकि इस बार लोगों के बीच चाइनीज उत्पाद का इस्तेमाल नहीं करने का संदेश फैलाया जा रहा है। हालांकि कुछ व्यापारियों ने करीब 100 करोड़ रुपए का चीनी सामान खरीद लिया है। ऐसे में इन व्यापारियों को घाटा होने का डर लग रहा है। शहर की व्यापारी एसोसिएशंस का कहना है कि हर वर्ष अकेले नोएडा के दीपावली सीजन में चीनी पटाखों, लाइटों व अन्य सजावट के सामान का करीब 250 करोड़ रुपए का कारोबार होता है। आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान के साथ खड़े रहने के अपने रुख का खामियाजा चीन को भारतीय बाजार से मिल रही मायूसी के रूप में भुगतना पड़ रहा है। इस दीपावली पर लोग स्वदेशी सामान अपनाने पर जोर दे रहे हैं। मिट्टी के दीयों की लोकप्रियता फिर से बढ़ रही है। दीये की कीमत पांच रुपए से शुरू हो रही है। दीपावली पर पहले लोग 20-25 दीये खरीदते थे वहीं इस बार 50-100 तक दीये खरीद रहे हैं। चाइनीज दीयों की बजाय प्राकृतिक रंगों से बने मिट्टी के दीयों में लक्ष्मी, गणेश जी की मूर्तियों वाले दीयों को भी लोग तरजीह दे रहे हैं। इनकी शुरुआती कीमत 50 रुपए है। चाइनीज लड़ियों की बिक्री में भी गिरावट आई है। चाइना के बाजार में इंडियन मार्केट से काफी रैवेन्यू मिलता है। फिर भी वह इंडिया की जगह पाकिस्तान को सपोर्ट कर रहा है। पर यह भी सत्य है कि चीन का सामान न केवल सस्ता होता है बल्कि उसकी गुणवत्ता भी बेहतर होती है। ऐसे में हमें अपने प्रॉडक्ट्स को बेहतर और सस्ता बनाना होगा तभी जाकर यह अभियान पूरी तरह सफल होगा।

-अनिल नरेन्द्र

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