इतिहास गवाह रहा है कि भार कप्तानी का हो तो क्रिकेट
के कई महानायकों का खुद का प्रदर्शन इसके बोझ तले कहीं न कहीं जरूर दबा है, लेकिन विराट कोहली पर यह मिथक पार नहीं
पा सका। विराट को कप्तानी क्या मिली उनके बल्ले ने ढेरों रन तो उगलना शुरू ही किए,
साथ ही उनकी कप्तानी ने टीम इंडिया की मानसिक और शारीरिक भाषा को भी
बदलकर रख दिया। चीते-सी फुर्ती, आसमान से
ऊंचा आत्मविश्वास, हार से सख्त नफरत जीत से बेपनाह मुहब्बत करने
वाले विराट महज 28 साल की उम्र में क्रिकेट के सर्वाधिक सफल बल्लेबाज
बन गए हैं। सच्चाई यह है कि भारतीय क्रिकेट सचिन तेंदुलकर, सुनील
गावस्कर, कपिल देव और राहुल द्रविड़ व अनिल पुंबले युग को पीछे
छोड़ विराट युग में प्रवेश कर चुकी है और यह वह युग है जहां पहले की तरह मौन रहकर कुछ
सुना नहीं जाता है बल्कि विराट की अगुवाई में ईंट का जवाब पत्थर से दिया जाता है। लीडिंग
फ्रॉम द फ्रंट की कहावत विराट कोहली पर बिल्कुल फिट बैठती है। बैटिंग की पिच हो या
फिर फील्डिंग के दौरान हर जगह आगे आकर वह टीम के समक्ष उदाहरण बनकर अपने साथियों को
कुछ कर गुजरने के लिए प्रेरित करते हैं। इंग्लैंड के खिलाफ मौजूदा मुंबई टेस्ट में
दोहरा शतक जड़ विराट लगातार तीन टेस्ट सीरीज में तीन दोहरे शतक बनाने वाले दुनिया के
इकलौते बल्लेबाज बन गए हैं। इसी साल जुलाई में वेस्टइंडीज की सरजमीं पर दोहरा शतक (200
रन) लगाया। इसके ठीक बाद न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू
सीरीज में फिर दोहरा शतक (211 रन) जड़ा
और अब इंग्लैंड के खिलाफ 235 रन बनाए। एक ही वर्ष में तीन दोहरे
शतक जड़ने वाले भी वह पहले भारतीय टेस्ट कप्तान हैं। साथ ही विराट टेस्ट कप्तान के
तौर पर शुरुआती तीन पारियों में शतक लगाने वाले भी पहले क्रिकेटर हैं। वह विदेशी जमीन
पर दोहरा शतक जड़ने वाले पहले भारतीय टेस्ट कप्तान हैं। 84 साल
में पहली बार भारत लगातार पांच टेस्ट सीरीज जीता है। ऐसा करने वाले विराट कोहली पहले
कप्तान हैं। इंग्लैंड के खिलाफ आठ साल बाद टीम इंडिया टेस्ट सीरीज जीती है। पिछली बार
2008 में 1-0 से जीते थे। भारत लगातार
17 टेस्ट मैचों में अजेय रहा है। यह 29 साल पुराने
रिकार्ड की बराबरी है। 1987 में ऐसा हुआ था। विराट ने बतौर कप्तान
के एक साल में तीन दोहरे शतक जमाए और ऐसा करने वाले वह भारत के पहले बल्लेबाज हैं।
बतौर कप्तान सबसे बड़ी पारी खेली। धोनी (224 रन) का रिकार्ड तोड़ा। इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट में सबसे बड़ी पारी। कांबली (224
रन) का रिकार्ड तोड़ा। 640 रन बनाए इस सीरीज में। इंग्लैंड के खिलाफ राहुल द्रविड़ (602 रन) को पीछे छोड़ा। 241 रन की साझेदारी
की आठवीं विकेट के लिए जयंत के साथ भारतीय रिकार्ड बनाया। कोहली का रवैया उन्हें दूसरों
से अलग खड़ा करता है। विराट लगता है कि सिर्प जीतने के लिए ही मैदान में उतरते हैं।
शानदार विश्लेषण सर !!!
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