Wednesday 7 December 2016

हजारों-करोड़ का खुलासा करने वाले

आयकर विभाग ने सितम्बर में समाप्त आय खुलासा योजना (आईडीएस) के तहत मुंबई के एक परिवार की दो लाख करोड़ रुपए तथा अहमदाबाद के व्यापारी की विवादास्पद 13,860 करोड़ रुपए की घोषणा को खारिज कर दिया है। इस बीच सरकार ने आईडीएस के तहत एक महीने की अवधि में घोषित काले धन को संशोधित कर 67,382 करोड़ रुपए कर दिया है। पहले इसके 65,250 करोड़ रुपए रहने की बात कही गई थी। 13,860 करोड़ रुपए काले धन का खुलासा करने वाले अहमदाबाद के कारोबारी महेश शाह को शनिवार शाम एक चैनल के स्टूडियो से गिरफ्तार कर लिया गया। कई दिनों से फरार बताए जा रहे प्रॉपर्टी डीलर शाह ने दावा किया कि यह पैसा उनका नहीं है। महेश शाह ने आय घोषणा के अंतिम दिन 30 सितम्बर को करीब 13,860 करोड़ के काले धन (सारी नकदी) की घोषणा कर चौंका दिया था। कई दिनों की गुमशुदगी के बाद शनिवार शाम अचानक ईटीवी गुजराती के स्टूडियो में पहुंचे। इसी दौरान पुलिस और आयकर विभाग ने नाटकीय ढंग से स्टूडियो से साक्षात्कार के बीच ही उन्हें दबोच लिया। उन्होंने कहा कि यह पैसा कई लोगों का है। शाह ने कहाöमुझे किसी का डर नहीं है। बहुत जल्दी सभी लोगों के नामों का आयकर विभाग को खुलासा करुंगा। आयकर विभाग ने शनिवार को आंशिक पूछताछ के बाद महेश शाह को रिहा भी कर दिया। आयकर अधिकारी पीसी मोदी ने बताया कि शाह को आंशिक पूछताछ (?) के बाद फिलहाल रिहा कर दिया गया है। वह जांच में सहयोग कर रहे हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या शाह ने कुछ लोगों का नाम जाहिर किया है, मोदी ने इस मामले में यह कहते हुए और टिप्पणी करने से इंकार कर दिया कि इससे जांच प्रभावित हो सकती है। हमारा सवाल यह है कि यह सारी डिटेल्स पहली बात लीक कौन कर रहा है और क्यों कर रहा है? जहां तक हम समझे थे कि यह गुप्त जानकारी थी। दूसरी बात कि क्या देश को कभी पता भी चलेगा कि यह काला धन किस-किस का है जो महेश शाह खपा रहे थे? दूसरा किस्सा मुंबई के एक परिवार के दो लाख करोड़ रुपए वाले का है। बयान में कहा गया है कि मुंबई में एक परिवार के चार लोगों ने कुल दो लाख करोड़ रुपए की आय का खुलासा किया था। इनमें अब्दुल रज्जाक, मोहम्मद सईद, उनका बेटा मोहम्मद आरिफ अब्दुल रज्जाक सईद, पत्नी रुखसाना तथा बहन नूरजहां मोहम्मद सईद शामिल हैं। इन लोगों ने अपना पता बांद्रा में लिकिंग रोड पर जुबली कोर्ट के पास 269-बीटीपीएन-तीन फ्लैट संख्या चार दर्ज कराई है। आयकर विभाग ने 30 नवम्बर को इनका दावा खारिज कर दिया। विभाग ने इसकी घोषणा करने वालों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है ताकि यह पता लगाया जा सके कि झूठी घोषणा के पीछे क्या इरादा था?

-अनिल नरेन्द्र

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