Saturday 24 December 2016

पेटीएम का इस्तेमाल कितना सुरक्षित?


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा नोटबंदी की घोषणा करने के बाद सबसे ज्यादा फायदा जिन कंपनियों को होता दिखाई दिया उसमें मोबाइल भुगतान की सुविधा देने वाली अग्रणी कंपनी पेटीएम भी है पर क्या पेटीएम सौ फीसदी सेफ है, क्या पेटीएम पर इतना भरोसा करना सही है? राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अनुषांगिक संगठन ने सवाल उठाए हैं। पेटीएम में चीन की कंपनी के निवेश को लेकर मंच का कहना है कि नियमानुसार यदि किसी भारतीय कंपनी में हिस्सेदारी उस कंपनी के शेयरों में 50 प्रतिशत से कम है तो वह भारतीय कंपनी नहीं है। इसलिए  हमने लोगों को पेटीएम को न इस्तेमाल करने को कहा है। स्वदेशी जागरण मंच के सह संयोजक अश्विनी महाजन ने बताया कि हमने पेटीएम में चीनी कंपनी अलीबाबा की हिस्सेदारी की कई रिपोर्टें पढ़ी है। हम नकद मुक्त व्यवस्था की तरफ बढ़ रहे हैं तो ऐसे में हमें यह संयम रखना होगा कि कोई भी भारतीय कंपनी किसी विदेशी कंपनी के साथ अपना डाटा शेयर न करे। हम पेटीएम का बहिष्कार करेंगे। अब आते हैं पेटीएम की सुरक्षा के मुद्दे पर। पेटीएम का इस्तेमाल करने वाले सावधान हो जाएं। इनका सिस्टम फुलप्रूफ नहीं है। इसके इस्तेमाल से आप अपने एकाउंट का पूरा पैसा गंवा सकते हैं। उसके बाद अगर कंपनी वालों से संपर्क किया तो वहां से भी निराशा हाथ लगेगी। पूर्वी दिल्ली के शाहदरा इलाके में एक बैग की दुकान चलाने वाले दुकानदार को पेटीएम से ऑनलाइन भुगतान करना महंगा पड़ गया। लोकेश जैन नाम के यह दुकानदार पेटीएम के जरिए अपना बिजली का बिल ऑनलाइन जमा करा रहे थे। पेमेंट के दौरान वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) मांगा गया। पासवर्ड देते ही उनके खाते में जमा 17580 रुपए की राशि उड़ गई। उन्होंने तुरंत इसकी शिकायत पेटीएम में की, वहां से टका सा जवाब दे दिया गया कि पहले ई-मेल करो, फिर देखते हैं। पीड़ित दुकानदार पेटीएम कंपनी के संचालकों के इस व्यवहार से दुखी होकर थाने की राह पकड़ ली। पीड़ित की शिकायत के आधार पर शाहदरा थाना पुलिस मामले की जांच कर रही है। मजेदार बात यह है कि पेटीएम कंपनी को भी चूना लगाने के मामले सामने आ रहे हैं।  डिजिटल कंपनी पेटीएम को 6.15 लाख रुपए का चूना लगाने वाले 15 ग्राहकों के खिलाफ सीबीआई ने केस दर्ज किया है। डिजिटल लेन-देन की सुविधा देने वाली वॉलेट कंपनी पेटीएम ने सीबीआई से शिकायत की है कि 48 ग्राहकों ने उसके साथ 6.15 लाख रुपए की धोखाधड़ी की है। आरोपी ग्राहक ऑर्डर के प्रोडक्ट रिसीव कर लेते थे। लेकिन उसके पैकेट में दूसरी चीजें डालकर रिटर्न की रिक्वेस्ट करते थे। पैकेट चूंकि बंद होता था इसलिए वापस चला जाता था और पैसे वापस मिल जाते थे।

öअनिल नरेन्द्र

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