Friday 16 December 2016

अपनी हरकतों से बाज आए पाकिस्तान

भारत ने एक बार फिर पाकिस्तान को चेताया है कि वह सीमा पार से कर रहे आतंकवाद को बढ़ावा देने से बाज आए। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ Eिसह ने जम्मू-कश्मीर के कठुआ में शहीदों के सम्मान में हुए एक समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि पाकिस्तान याद रखे कि आतंकवाद के सहारे वह जम्मू-कश्मीर को भारत से अलग नहीं कर सकता। पाकिस्तान है कि मानता ही नहीं। सन 1947 से वह आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है और लगभग 70 साल में तो वह कामयाब नहीं हुआ। पर पाकिस्तान को यह लो इटेंसिटी वॉर सूट करती है। उसको यह किराये के जेहादी मिल जाते हैं जो आए दिन भारतीय सेना पर हमला कर हमारे जवानों को शहीद करते हैं। इसमें उन्हें दो फायदे हैं। पहला कि उसके अपने सैनिक मरने से बचते हैं और दूसरी ओर भारतीय सैनिकों को शहीद करता है। इसलिए हमें नहीं लगता कि गृहमंत्री की चेतावनी का कोई खास असर होगा। समय-समय पर पाकिस्तान द्वारा भारत समेत अन्य देशों के इलाकों में आतंकवाद फैलाने का सबूत दुनिया के सामने आते रहते हैं। भारत अकेला नहीं जो पाक को आतंक फैलाने से बाज आने की चेतावनी देता रहा है। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति ने भी ऐसी ही चेतावनी दी है। खुद पीओके आधारित अमन फोरम के नेता सरदार रईस इंकलाबी ने भी पाक को दुनिया में आतंक फैलाने से बाज आने की हिदायत दी है। इसके अलावा पाकिस्तान द्वारा पीओके में चलाए जा रहे आतंकी कैंपों को खत्म करने को भी कहा है। सरदार रईस ने कहा कि पाकिस्तान यहां पर भाड़े के हत्यारों को भेज रहा है। पाकिस्तान सरकार और सेना भारत में सीमा पार करने वाले आतंकियों को एक करोड़ रुपए देती है। इसके अलावा उन्हें दहशत फैलाने के लिए सभी तरह का असल्हा मुहैया भी करवाती है। गौरतलब है कि मुजफ्फराबाद समेत सीमा से सटे कई इलाकों में जैश--मोहम्मद व लश्कर--तैयबा समेत अन्य आतंकी संगठनों के आतंकियों को ट्रेनिंग दी जाती है। इन्हें ट्रेनिंग देने में पाक सेना व आईएसआई इनका पूरा साथ देता है। पाकिस्तान कश्मीर में लांचिंग पैड पर एक बार फिर करीब 250 आतंकी जमा हुए हैं। खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट के मुताबिक इन आतंकियों का मंसूबा घाटी में हमलों को तेज करना है। बुरहान वानी को शहीद कहकर नवाज शरीफ भी अपना रुख जता चुके हैं। विडंबना यह है कि फिर भी सीमा पार से होने वाली घुसपैठ और आतंकवाद के लिए जब पाकिस्तान की जवाबदेही तय करने की बात उठती है तो पाकिस्तान यह कहकर पल्ला झाड़ने की कोशिश करता है कि ये गैर-राजकीय तत्व हैं, नॉन स्टेट एक्टर हैं और ये उसकी नुमाइंदगी नहीं करते। सवाल है कि फिर पाकिस्तान सेना और आईएसआई चोरी-छिपे उनकी मदद क्यों करते हैं?

-अनिल नरेन्द्र

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