Saturday 17 December 2016

विधानसभा चुनाव से पहले सरकारी कर्मियों की वेतन वृद्धि

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की घोषणा किसी भी दिन हो सकती है। यूपी की अखिलेश यादव सरकार ने विधानसभा चुनाव की घोषणा से ठीक पहले एक महत्वपूर्ण व बड़ा फैसला लेते हुए मंगलवार को करीब 27 लाख सरकारी कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग का लाभ मंजूर कर दिया है। यह फैसला अप्रत्याशित नहीं है। सूबे में जल्द विधानसभा चुनाव होने हैं, लिहाजा आदर्श आचार संहिता लागू किए जाने से पहले यह कदम काफी विचार करने के बाद उठाया गया लगता है। इस फैसले से अनुमान है कि 27 लाख सरकारी कर्मचारियों और पेंशनधारियों को प्रत्यक्ष रूप से लाभ होगा। केंद्र सरकार ने इसी वर्ष जून में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें मंजूर की थीं और अमूमन यही है कि केंद्र की सिफारिशों को लागू करने के बाद राज्य सरकारें अपनी सुविधा से वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करती आई हैं। सातवां वेतनमान जनवरी 2017 के वेतन के साथ फरवरी में मिलेगा। इस फैसले से सरकार पर 17,958 करोड़ का अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ेगा। कर्मचारियों के वेतन में औसतन 14.22 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। मूल वेतन के मुताबिक इसे देखें तो यह बढ़ोतरी 32 प्रतिशत बैठती है। साथ ही पेंशनरों और पारिवारिक पेंशनरों को बढ़ी हुई पेंशन दी जाएगी। सातवें वेतनमान का लाभ सभी राज्य कर्मचारियों, शिक्षकों, शिक्षणेतर कर्मचारियों, नगरीय स्थानीय निकायों, जल संस्थान, जिला पंचायतों, विकास प्राधिकरणों, स्वशासी संस्थाओं, सार्वजनिक उपक्रमों निगमों को मिलेगा। चूंकि वेतन आयोग की सिफारिशों का सीधा संबंध लाखों सरकारी कर्मचारियों और पेंशनधारियों से होता है, इसलिए कोई भी राजनीतिक दल इसका विरोध नहीं कर सकता। यह फैसला समाजवादी पार्टी के भीतर चले घमासान की पृष्ठभूमि में उठाया गया है, जिससे यह भी पता चलता है कि पार्टी तमाम अंतर्विरोध के बावजूद विधानसभा चुनाव में अखिलेश के कामकाज व विकास और उनके चेहरे के साथ ही उतरना चाहती है। लोकसभा चुनाव में मुस्लिम मतों के बगैर भाजपा ने सहयोगी अपना दल के साथ 73 सीटें जीत ली थीं। अब विधानसभा चुनाव में बहुमत हासिल करने के लिए सपा-बसपा में मुस्लिम मतों के लिए जंग छिड़ गई है। मंगलवार को कैबिनेट की बैठक के बाद सीएम अखिलेश ने दोहराया कि यदि कांग्रेस से गठबंधन होता है तो यह गठबंधन 300 सीटें जीतेगा। सरकारी कर्मचारियों को चुनाव से ठीक पहले बढ़े वेतन का तोहफा अखिलेश के समर्थन में हवा बनाने में काम आएगा। पर यूपी में सबसे ज्यादा जाति-पाति चलती है। बेशक अखिलेश ने विकास कराया है पर फिर भी जातीय आधार पर टिकट बंटेंगे और अंतिम फैसला जाति-पाति पर ही होगा। उधर भाजपा जीत का दावा कर रही है। सभी पार्टियां नए-नए समीकरण बैठाने में जुट गई हैं।

-अनिल नरेन्द्र

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