Sunday 22 January 2017

पंजाब में त्रिकोणीय मुकाबले में हर वोट बेशकीमती है

विधानसभा चुनाव में हर एक वोट जरूरी होता है। इस बात को चुनाव लड़ने वाले नेताओं से बेहतर कोई नहीं समझ सकता। आगामी विधानसभा चुनाव में अगर एक प्रतिशत वोट भी स्विंग हुआ तो कई दर्जन विधानसभा सीटों की राजनीतिक तस्वीर बदल सकती है। उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड और मणिपुर में कई ऐसी सीटें हैं जहां 2012 के विधानसभा चुनाव में हार-जीत का अंतर एक प्रतिशत से भी कम था। इन सीटों पर हार-जीत का फैसला 100 या 1000 में नहीं बल्कि चन्द मतों के अंतर से हुआ था। पंजाब की 117 सीटों में से 12 सीटें ऐसी थीं जहां 2012 चुनाव में हार-जीत का अंतर एक प्रतिशत से भी कम था। पंजाब के बारे में खास बात यह है कि जिन सीटों पर जीत-हार का अंतर इतना कम रहा है उनमें से अधिकांश सुरक्षित सीटें हैं। पंजाब में एक ही दिन यानि चार फरवरी को मतदान होगा। इस बार पंजाब का मुकाबला रोचक हो गया है। कांग्रेस बनाम अकाली-भाजपा गठबंधन बनाम आम आदमी पार्टी त्रिकोणीय मुकाबला है। कई दिग्गज आपस में भिड़ेंगे। लंबी विधानसभा सीट का मुकाबला सबसे ज्यादा चर्चित है। यहां पहली बार सीएम और पूर्व सीएम आमने-सामने हैं। यह सीएम प्रकाश सिंह बादल की परंपरागत सीट है। वह  वहां से कभी नहीं हारे। पहली बार कांग्रेस के पूर्व महाराजा और एक्स सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह बादल को उनके घर में ही चुनौती दे रहे हैं। आप ने भी यहां से दिल्ली के विधायक जरनैल सिंह को उतारा है। पंजाब चुनाव में यह सबसे प्रतिष्ठित मुकाबला है। पटियाला कैप्टन अमरिंदर सिंह की परंपरागत सीट रही है। पिछले चुनाव में कैप्टन की पत्नी परनीत कौर यहां से जीती थीं। इस बार शिरोमणि अकाली दल ने यहां से पूर्व सेना प्रमुख जनरल जेजे सिंह को उतारकर चुनावी लड़ाई को दिलचस्प बना दिया है। अब मुकाबला सेना के जनरल और कैप्टन के बीच है। आप ने यहां से डॉ. बलबीर सिंह को मैदान में उतारा है। जलालाबाद की सीट उपमुख्यमंत्री सुखवीर सिंह बादल आसानी से जीतते रहे हैं लेकिन इस बार आप पार्टी ने भगवंत मान को मैदान में उतारा है। कांग्रेस ने अपने युवा सांसद रवनीत बिट्टू को उम्मीदवार बनाया है। अमृतसर ईस्ट पर नवजोत सिंह सिद्धू ताल ठोक रहे हैं। अभी तक यहां से उनकी पत्नी डॉ. नवजोत कौर सिद्धू चुनाव लड़ती रही हैं। भाजपा ने उनके मुकाबले राजेश हनी को टिकट दिया है, जबकि आप ने सरबजीत सिंह धंजल को उम्मीदवार बनाया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल दावा कर रहे हैं कि उनकी पार्टी 100 सीटों से ज्यादा जीतने वाली है। ग्रामीण क्षेत्रों में उनके अनुसार आप पार्टी का ही जोर है। केजरीवाल ने बृहस्पतिवार को फिरोजपुर, फाजिल्का व बठिंडा में जनसभा के दौरान बादलों व कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। केजरीवाल ने कहा कि पंजाब में 40 लाख युवा नशे की गिरफ्त में हैं। सरकार बनते ही पहले मजीठिया को जेल भेजेंगे और फिर गांव-गांव में नशामुक्ति केंद्र खोलकर युवाओं को नशे के जाल से बाहर निकालेंगे। दूसरी ओर जिस ड्रग नेटवर्क को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 6000 करोड़ रुपए का समझा-बताया, पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम (एसआईटी) उसे सिर्फ 60 करोड़ का मान चुकी है। जिन तीन तस्करों की वजह से पूरे ड्रग रैकेट में कैबिनेट मिनिस्टर बिक्रम मजीठिया का नाम आया, एसआईटी रिपोर्ट में उन तीनों में कहीं कोई जिक्र मजीठिया का नहीं है। मजीठिया का नाम आते ही विपक्ष ने इसे सबसे बड़ा मुद्दा बना लिया था। बिक्रम मजीठिया ने कहा कि मैंने पहले ही कह दिया था कि इन मामलों से मेरा कोई लेनादेना नहीं है। यह सिर्फ सियासी रंजिश के चलते प्लांट किया गया है। यह रिपोर्ट आरोप लगाने वाले लोगों के मुंह पर तमाचा है।

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