Saturday, 28 January 2017

त्रिकोणीय मुकाबले में नशा एक बड़ा मुद्दा



पंजाब विधानसभा की 117 सीटों के लिए चार फरवरी को होने वाले चुनाव में कुल 1146 प्रत्याशी मैदान में हैं और आम आदमी पार्टी (आप) ने मुकाबला त्रिकोणीय बना दिया है। वहीं कई छोटे दल भी इस बार मजबूती से ताल ठोंक रहे हैं। पंजाब में अभी तक आमने-सामने का मुकाबला परंपरागत कांग्रेस और शिअद-भाजपा गठबंधन में होता है। राज्य के इतिहास में ऐसा पहली बार है जब अकाली दल-भाजपा गठबंधन के अलावा कोई मजबूत ताकत मैदान में है। 2014 के लोकसभा चुनाव नतीजों को विधानसभा सीटों के हिसाब से देखें तो बढ़त की स्थिति यूं बनती हैöअकाली-भाजपा 46, कांग्रेस 36, आम आदमी पार्टी 33 और लोक इंसाफ पार्टी दो यानि अकाली-भाजपा, कांग्रेस और आप में लगभग बराबरी का मुकाबला है। लोक इंसाफ पार्टी लुधियाना के बैंस बंधुओं की पार्टी है। लोकसभा चुनाव में वह दो विधानसभा चुनाव क्षेत्रों में सबसे आगे रही थी। एक विधानसभा क्षेत्र ऐसा था जहां लोक इंसाफ पार्टी और आप का साझा वोट सबसे ज्यादा था। इस बार लोक इंसाफ पार्टी और आप के बीच गठबंधन है यानि दोनों पार्टियां 36 सीटों में साझा लीड के आधार पर उतरी हैं। पंजाब में आप का चुनाव प्रचार करने के लिए दुनियाभर से समर्थक आ रहे हैं। रात्रि दो बजे टोरंटो से अप्रवासी भारतीयों की फ्लाइट ने टर्मिनल-3 पर लैंड किया। इसमें 150 से ज्यादा आप समर्थक मौजूद थे। अप्रवासी भारतीयों का स्वागत करने के लिए हवाई अड्डे पर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, डॉ. कुमार विश्वास व प्रदेश के संयोजक दिलीप पांडे समेत पार्टी के कई कार्यकर्ता पहुंचे। एक और विमान लंदन से आया जो सीधा अमृतसर उतरा। दोनों जहाजों में लगभग 250 से 300 समर्थक बताए जा रहे हैं। आप का दावा है कि न्यूजीलैंड, आस्ट्रेलिया, लंदन, अमेरिका, कनाडा, सउदी व कतर जैसे देशों से हजारों अप्रवासी भारतीय पंजाब पहुंच रहे हैं। पार्टी को अनुमान है कि एनआरआई पंजाबियों के चुनाव में प्रचार के लिए उतरने से पार्टी की जीत में 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो सकती है। पुरानी कहावत है कि हर कामयाब व्यक्ति के पीछे एक औरत का हाथ होता है, पंजाब विधानसभा चुनाव में यह कहावत चरितार्थ होती नजर आ रही है। पंजाब के मुख्यमंत्री की गद्दी पर इस बार वही नेता कब्जा करेगा, जिसे महिलाओं के वोट मिलेंगे। पंजाब में नशे की लत के विरोध में महिलाओं ने जमकर आवाज उठाई है। पंजाब में नशे ने हजारों घरों को बर्बाद कर दिया है और उसका सबसे अधिक नुकसान वहां की महिलाओं को उठाना पड़ रहा है। लजीज खाने के लिए मशहूर पंजाब में नशे की समस्या गंभीर रूप धारण कर चुकी है। आज पंजाब की लाखों बेटियां रो रही हैं। इन दिनों पंजाब की 117 सीटों के लिए प्रचार चरम पर है और नशे का मुद्दा भी। ड्रग लेने वालों की अनुमानित संख्या नौ लाख तक पहुंच चुकी है। लगभग 2.32 लाख लोग हेरोइन जैसे ड्रग के आदी हो चुके हैं। त्रिकोणीय मुकाबले में नशा बड़ा मुद्दा है।

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