Thursday 19 January 2017

क्या नई तकनीक से सीमा पार से घुसपैठ पर नियंत्रण लगेगा?

पाकिस्तान घुसपैठियों को भारत धकेलने का सिलसिला बंद नहीं कर रहा। दक्षिणी कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगांव के पास आबूरा गांव में देर शाम (रविवार से) जारी मुठभेड़ खत्म हो गई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने तीन आतंकियों को मार गिराया है। आतंकियों के पास से तीन एके-47 राइफल बरामद हुए। भारत को इन घुसपैठियों को रोकने के लिए और कड़े उपाय करने होंगे। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भारत सीमा पार और एलओसी से घुसपैठ रोकने के लिए 20 अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों की मदद से नई तकनीक विकसित कर रहा है। भारत-इजरायल संयुक्त कार्य समूह ने इस बाबत रणनीति तैयार की है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की कार्ययोजना के तहत इस साल के अंत तक बॉर्डर को हाइटैक बनाने का काम पूरा कर लिया जाएगा। इसके लिए विस्तृत एकीकृत सीमा प्रबंधन प्रणाली बनाई जा रही है। इसके लागू होने के बाद बॉर्डर पर गश्त के लिए अधिक जवानों की जरूरत नहीं पड़ेगी। राडार घुसपैठ की जानकारी देगा और सूचना के बाद त्वरित कार्रवाई कर घुसपैठ के पाकिस्तानी मंसूबे पर पानी फिर जाएगा। जम्मू-कश्मीर में सांबा और कठुआ के बॉर्डर पर सबसे पहले उच्च तकनीक उपकरण स्थापित किए जाएंगे। जम्मू-कश्मीर से लगने वाले पाकिस्तान बॉर्डर और नियंत्रण रेखा से आतंकियों द्वारा पूरे साल भर घुसपैठ की कोशिशें की जाती हैं। बॉर्डर पर बीएसएफ और एलओसी पर सेना के जवान घुसपैठ रोकने के लिए अग्रिम पोस्टों से नजर रखकर कार्रवाई करते हैं और 24 घंटे गश्त की जाती है। सेना के सूत्रों के मुताबिक हाइटैक प्रणाली लागू होने के बाद बॉर्डर पर स्थित तकनीकी केंद्र पर घुसपैठ की कोशिश होते ही तुरन्त जानकारी मिल जाएगी और मौके पर ही आतंकियों को ढेर किया जा सकेगा। वर्तमान में सेना और बीएसएफ की लगातार गश्त के बावजूद हर साल औसत 100 आतंकी घुसपैठ में कामयाब हो जाते हैं। पाकिस्तान द्वारा सीजफायर उल्लंघन से घुसपैठ करने वाले आतंकियों को पाक सेना द्वारा कवरिंग फायर मिलता है। सर्जिकल स्ट्राइक के बाद घुसपैठ की कोशिशों में लगातार इजाफा हुआ है। एक साल में पाकिस्तान की ओर से 150 आतंकी घुसपैठ कर जम्मू-कश्मीर के इलाकों में दाखिल हुए। कश्मीर घाटी में पत्थरबाजी व अन्य हिंसक घटनाओं में बेशक कमी आई है पर सीमा पार से आतंकियों की घुसपैठ में इजाफा ही हुआ है। उम्मीद है कि नई अत्याधुनिक तकनीक से घुसपैठ पर काबू पाया जा सकेगा। सूत्रों के मुताबिक तकनीकी उपकरणों के लिए 20 अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों को ऑर्डर दिए गए हैं।

-अनिल नरेन्द्र

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