Tuesday 31 January 2017

सात देशों के मुस्लिमों पर ट्रंप का प्रतिबंध

अपने चुनावी वादे के अनुसार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आतंकियों पर रोक की योजना के तहत पाकिस्तान से अमेरिका आने वालों पर सख्ती बरतने के आदेश दिए हैं। अब कड़ी छानबीन और पूछताछ के बाद ही किसी पाकिस्तानी को अमेरिका में प्रवेश मिलेगा। इस श्रेणी में सऊदी अरब और अफगानिस्तान को भी रखा गया है। राष्ट्रपति ट्रंप ने सात मुस्लिम देशों से किसी के भी आने पर दिन की रोक लगा दी है। शरणार्थियों को प्रवेश देने की योजना 120 दिन के लिए स्थगित कर दी गई है। जिन देशों के शरणार्थियों पर रोक लगाई गई है, वे हैं ईरान, इराक, सीरिया, लीबिया, यमन, सूडान और सोमालिया। शनिवार को इससे संबंधित ट्रंप के कार्यकारी फैसले के बाद ही अमेरिकी प्रशासन ने कार्रवाई भी शुरू कर दी। हालांकि नागरिक अधिकारों के लिए काम करने वाले एक संगठन की याचिका पर वहां की अदालत ने ट्रंप के आदेश के विरुद्ध फैसला सुना दिया है। इस पर ट्रंप ने कहा कि वे मुस्लिम समुदाय के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि सिर्फ मुस्लिम आतंकवाद को रोकना चाहते हैं। यह सही है कि 9/11 के बाद से ही इस्लामिक आतंकी घटनाएं चलती आ रही हैं जिन्हें लेकर अमेरिकियों में बहुत गुस्सा है। इस गुस्से ने ही ट्रंप को राष्ट्रपति बनाया है, लिहाजा इसे भुनाने का कोई मौका वे नहीं छोड़ने वाले हैं। ट्रंप के इस कदम का चौतरफा विरोध हो रहा है। हालांकि ट्रंप ने भले ही सफाई दी हो कि वे मुस्लिम समुदाय के खिलाफ नहीं हैं पर शरणार्थियों के मामले में जिस तरह उन्होंने कहा कि ईसाइयों को प्राथमिकता दी जाएगी, उससे जाहिर है कि उनका कदम कुछ लोगों को मानवीय आधार पर उचित नहीं लगा। यह किसी से छिपा नहीं कि कुछ इस्लामिक आतंकी संगठन, अलकायदा, इस्लामिक स्टेट अमेरिका के विरुद्ध लगातार सक्रिय हैं और वे मुस्लिम समुदाय के युवाओं को बरगलाने में सफल भी रहे हैं, ऐसे में अमेरिका को अपनी सुरक्षा हेतु कदम उठाने का पूरा अधिकार है। यह किसी से छिपा नहीं कि यूरोप में सीरिया व अन्य अरब देशों में निर्दोष शरणार्थियों के साथ-साथ आईएस ने अपने लड़ाकू आतंकी भी भेज दिए हैं और यह तत्व यूरोप में आए दिन हमले करते रहते हैं। यह बात भी किसी से छिपी नहीं कि 9/11 के आतंकी हमले के बाद से ही अमेरिका में एक बड़ा तबका मुसलमानों को संदेह की दृष्टि से देखता आ रहा है। उन्हें लगता है कि मुस्लिम देशों के आतंकियों को अमेरिका में यह पनाह देते हैं और वे सब अमेरिका के खिलाफ नफरत से भरे हैं। इसलिए विभिन्न देशों से अमेरिका गए बहुत सारे मुसलमान खुद को असुरक्षित महसूस करते हैं। न्यूयार्क के पूर्वी जिले में स्थित संघीय अदालत ने शनिवार को शरणार्थियों को उनके देश वापस भेजने के सरकार के फैसले पर रोक लगाने का आदेश जारी किया। अदालत का मानना है कि इससे उन्हें अपूर्णीय क्षति पहुंचेगी। यह भी देखना है कि संवैधानिक दृष्टि से यह सही भी है?

-अनिल नरेन्द्र

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