जब बिहार की राजधानी पटना में शनिवार को दोपहर 12.15 बजे से एक
बजे तक तीन करोड़ से ज्यादा लोग एक-दूसरे से जुड़े तो 11,400 किलोमीटर लंबी दुनिया
की सबसे बड़ी मानव श्रृंखला तो बन ही गई, साथ ही बिहार ने दुनिया को शराबबंदी का बेहद
मजबूत संदेश भी दिया। बिहार की आबादी के हिसाब से हर चौथा आदमी शराब और नशे के खिलाफ
आयोजित इस मानव श्रृंखला में शामिल था। राजधानी पटना समेत राज्य के सभी जिलों में कड़ी
सुरक्षा व्यवस्था के बीच निजी एवं सरकारी विद्यालयों के बच्चे, शिक्षक, राजनेता, व्यापारी
समेत समाज के विभिन्न वर्ग के लोगों ने नशामुक्ति का संदेश देने के लिए सवा बारह बजे
से एक बजे तक एक-दूसरे का हाथ पकड़ कर संभवत विश्व की सबसे बड़ी मानव श्रृंखला का निर्माण
कर रिकार्ड बना दिया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दावा किया कि यह न सिर्फ विश्व की
सबसे बड़ी मानव श्रृंखला है, बल्कि बड़े सामाजिक बदलाव के समर्थन में पहली बार इतने
लोग एक-दूसरे का हाथ थामे खड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि हमारा आकलन था कि इसमें दो
करोड़ लोग भाग लेंगे। मगर इससे भी अधिक लोगों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। इसके लिए मैं
समस्त जनता को बधाई देता हूं। इतनी बड़ी संख्या में लोगों का शामिल होना, इसका परिचायक
है कि बिहारवासी शराबबंदी और नशाबंदी के जबरदस्त पक्षधर हैं। शानदार श्रृंखला और इसकी
सफलता लोगों की जनभावना का प्रकटीकरण भी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राजद प्रमुख
लालू प्रसाद, विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह, विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार
चौधरी, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव, शिक्षा
मंत्री अशोक चौधरी, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, डीजीपी पीके ठाकुर आदि पटना के गांधी
मैदान में एक-दूसरे का हाथ पकड़ कर 50 मिनट तक कतार में खड़े रहे। राजधानी पटना से
लेकर राज्य के सुदूरवर्ती इलाकों में बड़े उत्साह से लोगों ने इस मानव श्रृंखला में
भाग लिया। अपने-अपने शहर और गांव में लोग सड़क पर आए और एक-दूसरे का हाथ पकड़ कर नशामुक्ति
के समर्थन में अपनी एकजुटता दिखाई। ऊंच-नीच और छोटे-बड़े की खाई इस मानव श्रृंखला ने
पाट दी। सभी तबके के लोग एक साथ खड़े हुए और एक-दूसरे का हाथ थामा। मुख्यमंत्री ने
कहा कि इस सामाजिक अभियान में युवा, बुजुर्ग, बालक-बालिकाएं, महिलाएं, मजदूर, व्यवसायी,
चिकित्सक अन्य प्रोफेशन और हर वर्ग एवं सभी धर्मों में आस्था रखने वाले लोगों ने जबरदस्त
उत्साह के साथ भागेदारी की। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार वाकई ही इस अभियान के
लिए बधाई के पात्र हैं।
-अनिल नरेन्द्र
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