Saturday, 11 February 2017

उत्तराखंड में मोदी बनाम रावत लड़ाई है

राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में दूसरी पारी खेलने उतरे भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह के लिए 15 फरवरी को हो रहे उत्तराखंड चुनाव एक बड़ी चुनौती के रूप में सामने आए हैं। उत्तराखंड में बीते विधानसभा चुनाव में भाजपा की मात्र एक सीट से सत्ता की कुर्सी हाथ से जाती रही थी। इस बार अमित शाह कोई कसर नहीं छोड़ रहे। मुकाबला मुख्य रूप से कांग्रेस बनाम भाजपा है, दूसरे शब्दों में हरीश रावत बनाम नरेंद्र मोदी है। अगर मुद्दों की बात करें तो इस बार चुनाव में ऐसा कोई बड़ा मुद्दा नजर नहीं आ रहा जो पूरे राज्य पर हावी हो। ऐसे मुद्दों का अभाव है जो चुनाव की दिशा बदल दें। व्यक्तिगत प्रभाव उम्मीदवारों की जीत-हार भी तय करेगा और पार्टी का भविष्य भी। अंतिम दौर में जो वोटरों को समझाने में सफल रहा, बाजी उसके हाथ लगेगी। खासतौर पर तब जब पिछले विधानसभा चुनाव में 100 से लेकर 1000 वोटों के अंतर से जीतने वालों की संख्या बहुत थी। देहरादून से लेकर टिहरी व पौड़ी और रुद्रप्रयाग से लेकर कुमाऊं के बागेश्वर, अलमोड़ा तथा हल्द्वानी तक आप घूम जाएंगे, लेकिन ऐसा मुद्दा नहीं मिलेगा जो पूरे प्रदेश में एक समान हावी हो। भाजपा सैनिकों के लिए वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी), सर्जिकल स्ट्राइक व भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों को धार दे रही है। नेता तो नेता, नुक्कड़ नाटकों के जरिये गली-गली घूम रहे कार्यकर्ता यह बता रहे हैं कि पाकिस्तान को किस तरह प्रधानमंत्री ने करारा जवाब दिया। वहीं कांग्रेस अपने लिए हमदर्दी बटोरने की कोशिश करने हेतु बता रही है कि कैसे उसके साथ ज्यादती हुई। सरकार गिराने की कोशिश हुई, लेकिन उसी बहाने वैसे लोगों से पार्टी का नाता टूटा, जिनके कारण काम व विकास बाधित हो रहा था। कांग्रेस की स्थिति एकदम साफ है, उनके मांझी भी हरीश रावत हैं, पार लगाएं अथवा डुबाएं। क्षेत्रीय दल यूकेडी किसी जमाने के जनता दल की तरह खंडखंड हो चुका है, प्रजामंडल और ग्रीन पीस जैसे नए दल उक्रांद के सैकड़ों व हजार वोट अरमान पर पानी फेर सकते हैं। विधानसभा चुनावों से ऐन पहले आई चुनाव सर्वे रिपोर्टों ने जहां भाजपा को संजीवनी देने का काम किया है वहीं सत्तारूढ़ कांग्रेस को इस सर्वे ने अंदरखाते परेशान कर रखा है। दो टीवी चैनलों की इस रिपोर्ट से फिलहाल भाजपा गद्गद् दिख रही है। भाजपा को सरकार बनाने के लिए पर्याप्त सीटें दिखाकर इन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं का जोश बढ़ा दिया है। दोनों ही सर्वे में भाजपा को 35 से 43 सीटों और 41 से 46 सीटों पर जीत दिखाई गई है। भाजपा ने चूंकि उत्तराखंड में कोई मुख्यमंत्री प्रोजैक्ट नहीं किया इसलिए यह लड़ाई मोदी बनाम रावत बन गई है।
� यह लड़ाई मोदी बनाम रावत बन गई है।

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