पांच राज्यों में चल रहे विधानसभा चुनाव के पहले चरण
में पंजाब और गोवा में शनिवार को मतदान सम्पन्न हो गया। पंजाब की 117 सीटों पर 1145 प्रत्याशियों का भाग्य मतपेटी में बंद हो गया जबकि गोवा की 40 सीटों पर 257 उम्मीदवार मैदान में हैं। चुनाव खत्म होने
के बाद से ही सभी पार्टियों के नेताओं ने अपनी-अपनी जीत के दावे
करने शुरू कर दिए हैं। पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष व मुख्यमंत्री पद के
दावेदार कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने राज्य चुनाव को स्थिरता बनाम सांप्रदायिक एवं कट्टरपंथ
के लिए वोट करार देते हुए मालवा क्षेत्र सहित पूरे राज्य में पार्टी को बड़ी जीत मिलने
का विश्वास जताया। हाल ही में कांग्रेस में आए नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि वह कांग्रेस
को पुनर्जीवित कर राहुल गांधी को गिफ्ट देंगे। सिद्धू ने कहा कि सोनिया गांधी,
राहुल गांधी को जीत का तोहफा दिया जाएगा। पंजाब में इस बार अमरिन्दर
सिंह हमारे लीडर हैं, उनकी आखिरी पारी शानदार होगी। वहीं पंजाब
के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने अकाली-भाजपा सरकार के बहुमत
के साथ आने का दावा करते हुए कहा कि सरकार के विकास कार्यों पर जनादेश मिलेगा। आप नेता
और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने भी पंजाब और गोवा में इतिहास रचने का
दावा किया। उन्होंने कहा कि गोवा और पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनेगी। पंजाब
और गोवा में चुनाव खत्म होने के बाद अब बड़े नेताओं का सारा फोकस यूपी और उत्तराखंड
की तरफ शिफ्ट हो रहा है। यूपी में बड़े नेताओं की करीब दर्जनभर रैलियां हैं। उत्तराखंड
में भी हलचल बढ़ रही है। यूपी में लखनऊ और आगरा में इकट्ठे रोड शो कर चुके कांग्रेस
उपाध्यक्ष राहुल गांधी और समाजवादी पार्टी चीफ व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की जुगलबंदी
पीएम मोदी पर जमकर हल्ला बोल रही है। मोदी का फोकस यूपी में सपा और बसपा के भ्रष्टाचार
और प्रदेश में विकास पर है। राज्य में 11 फरवरी को पहले चरण में
73 और 15 फरवरी को दूसरे चरण में 67 सीटों पर मतदान होना है। उधर उत्तराखंड में वित्तमंत्री अरुण जेटली ने देहरादून
में अपनी पार्टी का घोषणा पत्र जारी कर भाजपा के प्रचार में तेजी लाने का प्रयास किया
है। दोनों कांग्रेस और भाजपा के बड़े नेता भी उत्तराखंड की तरफ रुख कर रहे हैं। भाजपा
और कांग्रेस दोनों ही अपने बागियों से परेशान हैं। भाजपा के 17 और कांग्रेस के 23 बागी मैदान में हैं। बागियों के नुकसान
से बचने के लिए दोनों ही दल रणनीति को आखिरी रूप देने में जुटे हुए हैं। 15
फरवरी को होने वाले चुनाव में मुख्यमंत्री हरीश रावत की प्रतिष्ठा व
भविष्य दोनों दांव पर हैं।
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