Thursday, 16 February 2017

अम्मा की विरासत के लिए घमासान



पिछले कई दिनों से तमिलनाडु की सीएम बनने की जुगत लगा रही अन्नाद्रमुक की महासचिव व जयललिता की करीबी शशिकला नटराजन का सपना मंगलवार को उस वक्त चकनाचूर हो गया, जब सुप्रीम कोर्ट ने 21 साल पुराने आय से अधिक संपत्ति मामले में उन्हें 4 साल की सजा सुना दी। इसी के साथ वह 10 साल तक चुनाव लड़ने के भी अयोग्य हो गईं। अन्नाद्रमुक और तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की मौत के दो महीने के भीतर ही उनकी विरासत को लेकर शुरू हुए घमासान में रोज-रोज नए मोड़ आ रहे हैं। जयललिता की मौत के बाद अन्नाद्रमुक विधायकों का बहुमत उनकी करीबी सहेली शशिकला के साथ था और अगर सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला न आता तो उनका मुख्यमंत्री बनना लगभग तय था। अब उन्हें जेल जाना होगा, हालांकि चार साल की सजा के खिलाफ वे न्यायिक समीक्षा की अर्जी लगा सकती हैं। इसके अलावा इस फैसले से दस साल अयोग्य होने से कहा जा सकता है कि वह सीएम बनने की दौड़ से बाहर हो चुकी हैं, तेजी से बदले घटनाक्रम में शशिकला समर्थक विधायकों ने रिजॉर्ट में ही जयललिता के करीबी इदापड्डी के पलानी स्वामी को विधायक दल का नेता चुन लिया है। शाम को पलानी स्वामी ने गवर्नर से मुलाकात करके सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया। शशिकला ने पन्नीरसेल्वम समेत 20 नेताओं को पार्टी से बाहर कर सुनिश्चित करने की कोशिश की कि पलानी स्वामी के सीएम बनने के रास्ते में कोई रुकावट न आए। उधर पन्नीरसेल्वम ने कहा कि शशिकला को उन्हें पार्टी से निकालने का कोई हक नहीं है। अब प्रश्न यह है कि 234 सदस्यों वाली विधानसभा में दोनों गुटों के समर्थन में कितने विधायक हैं। बता दें कि तमिलनाडु विधानसभा में अन्नाद्रमुक के 134 विधायक हैं। मामला अब राज्यपाल के कोर्ट में आ गया है। मौजूदा राजनीतिक अस्थिरता के दौर में अब सबकी नजरें राजभवन पर हैं। गवर्नर के पास मोटे तौर पर विकल्प बचते है ः पहला-पलानी स्वामी को सरकार बनाने को बुलाएं। बहुमत उनके लिए भी चुनौतीपूर्ण होगा क्योंकि शशिकला खेमे के कुछ विधायक पन्नीर सेल्वम के साथ जा सकते हैं। दूसरा-पन्नीरसेल्वम को सीएम के रूप में सदन में बहुमत साबित करने को कहें। अगर वह बहुमत लायक विधायक नहीं जुटा सके तो डीएमके बाहर से समर्थन दे सकता है। तीसरा-दोनों को एकसाथ बहुमत साबित करने को कहें। अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी भी इसके पक्षधर रहे हैं और अंतिम विकल्प है विधानसभा को निलंबित कर दें और राष्ट्रपति शासन लगा दें। बेशक बीजेपी के लिए यह विकल्प मुफीद होगा पर यह अंतिम विकल्प होना चाहिए। फ्लोर टेस्ट जरूर होना चाहिए।

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