पाकिस्तान
के सूफी संत लाल बहादुर शाहबाज कलंदर की दरगाह में बृहस्पतिवार को हुए आत्मघाती हमले
ने एक बार फिर दुनिया को दिखा दिया कि दुनिया के लिए सबसे बड़ा खतरनाक मुल्क पाकिस्तान
है। इस हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने ली है। इस हमले में कम से कम 100 लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों घायल
हुए। Eिसध प्रांत के सहवान कस्बे में स्थित इस दरगाह में बृहस्पतिवार
शाम को सूफी रस्म धमाल के चलते जायरिनों की भारी भीड़ थी, उस
समय आत्मघाती हमलावर ने खुद को ब्लास्ट कर उड़ा लिया। मरने वालों में बच्चे,
महिलाएं भी शामिल हैं। लाल शाहबाज कलंदर 12वीं
सदी के प्रसिद्ध सूफी दार्शनिक और कवि रहे हैं। दमादम मस्त कलंदर की मशहूर कव्वाली
भी उनके बारे में है। पाकिस्तान ही नहीं हिन्दुस्तान में भी सिंधी समाज शाहबाज कलंदर
के मुरीद हैं। पाकिस्तान में सूफी संप्रदाय के लोगों को निशाना बनाकर अकसर हमले होते
रहते हैं। 2005 के बाद से 25 से ज्यादा
सूफी दरगाहों पर हमले हुए हैं। इनमें से ज्यादातर जिम्मेदारी तहरीक-ए-तालिबान ने ली है। पर बृस्पतिवार को हुए हमले की जिम्मेदारी
इस्लामिक स्टेट ने ली है। सीरिया और इराक में जिस आईएस के पैर उखड़ रहे हैं,
उसकी इस क्षेत्र में मौजूदगी को हल्के से नहीं लिया जा सकता। केवल यही
नहीं कि हत्यारों ने इस दरगाह पर हमला कर उदार इस्लाम के खिलाफ सख्त संदेश दिया है,
बल्कि उन्होंने हमले के लिए वह दिन चुना (बृहस्पतिवार)
जब धमाल के लिए वहां भारी भीड़ उमड़ती है। यह हमला पहले से ही अशांत
पाकिस्तान में सिंधियों की पहचान और संस्कृति को ठेस पहुंचाने की एक और कोशिश है। मुंबई
हमले के बाद अमेरिका की पूर्व विदेश सचिव मेडलिन अलब्राइट ने दिसम्बर 2008 में कहा था कि आतंकवाद, भ्रष्टाचार, गरीबी और परमाणु हथियारों की वजह से पाकिस्तान दुनिया के लिए सिरदर्द बन गया
है। पर अब यह सिर्फ सिरदर्द ही नहीं रहा है। अलब्राइट से एक कदम आगे जाते हुए अमेरिका
की केंद्रीय खुफिया एजेंसी (सीआईए) के एक
पूर्व अधिकारी ने कहा है कि पाकिस्तान संभवत दुनिया के लिए सबसे खतरनाक देश है। पाकिस्तान
की हालत आज क्या है इसी से पता चलता है कि बृहस्पतिवार को शाहबाज कलंदर की दरगाह पर
हुआ बम विस्फोट इस हफ्ते का पांचवां बड़ा आतंकी हमला है। इससे पहले लाहौर, क्वेटा, पेशावर और मोम्मद कबायली इलाके में आत्मघाती
हमले हो चुके हैं। आईएस और तालिबान पाकिस्तान में शियाओं, सूफी
दरगाहों, मस्जिदों को निशाना बनाते रहे हैं। वर्ष
2005 से अब तक मुल्क में करीब 25 दरगाहों पर हमले
हो चुके हैं। इस्लामाबाद में सीआईए के पूर्व स्टेशन प्रमुख केविन हल्बर्ट ने चेतावनी
दी है कि पाकिस्तान का विफल होना दुनिया के लिए एक गंभीर चेतावनी है।
-अनिल नरेन्द्र
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