Tuesday, 14 February 2017

किंग कोहली ने द वॉल और डॉन को पीछे छोड़ा

क्रिकेट की दुनिया में समय-समय पर ऐसे खिलाड़ी उभरते हैं जो अपनी छाप छोड़ देते हैं। ऐसे में ही एक नाम है विराट कोहली का। टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ऐसा ही नाम है। विराट न सिर्फ भारतीय परिदृश्य में, बल्कि दुनियाभर के क्रिकेट में एक ऐसे उभरते खिलाड़ी हैं जिनके लिए स्थापित रिकार्ड तोड़ना मामूली बात हो गई है। भारतीय कप्तान विराट कोहली का कमाल लगातार जारी है और इसी क्रम में उन्होंने अपने नाम एक और रिकार्ड कर लिया है। कोहली ने लीजेंड क्रिकेटर सर डोनाल्ड ब्रैडमैन और द वॉल के नाम से मशहूर राहुल द्रविड़ को पछाड़कर लगातार चार टेस्ट सीरीज में दोहरा शतक जड़ने वाले बल्लेबाज बन गए। विराट ने वेस्टइंडीज (200), न्यूजीलैंड (211), इंग्लैंड (235) और अब बांग्लादेश (204) के खिलाफ दोहरा शतक जड़ा। ब्रैडमैन और द्रविड़ ने लगातार तीन टेस्ट सीरीज में दोहरा शतक जड़ा था। 140 साल के टेस्ट क्रिकेट इतिहास में विराट कोहली पहले बल्लेबाज खिलाड़ी हैं जिन्होंने लगातार चार टेस्ट सीरीज में दोहरे शतक लगाए। उन्होंने बतौर कप्तान 23 टेस्ट मैचों में यह कारनामा किया। इनसे पहले के 31 भारतीय कप्तान मिलकर 483 टेस्ट में चार दोहरा शतक लगा पाए थे। बतौर कप्तान बहरहाल अभी भी सबसे ज्यादा शतक मारने वालों में दूसरे स्थान पर हैं विराट। इनसे आगे हैं ब्रायन लारा (वेस्टइंडीज) जिन्होंने पांच दोहरे शतक लगाए। पर अभी तो विराट का युग शुरू हुआ है। शीघ्र ही वह यह रिकार्ड भी अपने नाम कर लेंगे। वैसे स्मिथ, ब्रैडमैन और क्लार्क (बतौर कप्तान चार-चार दोहरा शतक विराट की बराबरी पर हैं। सचिन तेंदुलकर (छह दोहरा शतक) वीरेन्द्र सहवाग (छह) और राहुल द्रविड़ (पांच) ही ऐसे भारतीय हैं जिनके नाम फिलहाल विराट से ज्यादा दोहरे शतक हैं। विराट इस घरेलू टेस्ट सीजन में 1168 रन बना चुके हैं। उन्होंने सहवाग (1105 रन 2004-05) का भी रिकार्ड तोड़ा है। एक वक्त यह कहा जाता था कि विराट एक दिवसीय और टी-20 मैचों के लिए फिट हैं और वे टेस्ट मैचों के लिए उपयुक्त नहीं हैं। मगर पिछले साल से लेकर अब तक उन्होंने जितने टेस्ट मैच खेले हैं उनमें उन्होंने अपने बारे में बनाई गई उस धारणा को न केवल तोड़ा बल्कि उन समीक्षकों को भी करारा जवाब दिया है। फिलहाल वे भारतीय क्रिकेट टीम के तीनों प्रारूपों के कप्तान हैं। उन्हें अजेय कप्तान के तौर पर भी देखा जाता है। जाहिर है उन्होंने तीनों प्रारूपों में अपनी काबिलियत साबित की है। यह बेवजह नहीं कि दुनिया के  महान क्रिकेट खिलाड़ियों ने उनकी क्षमता, फिटनेस की तारीफ की है। आज हालत यह है कि जिस मैच में विराट मैदान में उतरते हैं, आंकड़े दर्ज करने वाले अपनी किताबें खोल लेते हैं।

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